भाजपा से कोई खटपट नहीं, हम चाहते हैं मोदी फिर प्रधानमंत्री बनें : अन्नाद्रमुक के नेता

भाजपा और अन्नाद्रमुक के बीच कोई ''दिक्कत नहीं'': अन्नामलाई

मदुरै/कोयंबटूर. अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री एस. के. राजू ने बृहस्पतिवार को कहा कि अन्नाद्रमुक को भाजपा के साथ अपने (चुनावी) गठबंधन को लेकर कोई समस्या नहीं है और वह चाहती है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पुन: चुने जाएं.

राजू ने कहा कि अन्नाद्रमुक स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री कौन बनना चाहिए और उसी की भांति भाजपा को भी अगले विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक महासचिव ई. के. पलानीस्वामी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
राजू ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”हम नरेन्द्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा जैसे भाजपा नेताओं के जरा भी खिलाफ नहीं हैं. लेकिन हमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष (के. अन्नामलाई) द्वारा हमारे नेता सीएन अन्नादुरई का अपमान किया जाना पसंद नहीं है.”

उन्होंने स्पष्ट रूप से राज्य नेतृत्व को संबंधों में दरार पैदा नहीं करने पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह देते हुए कहा, ”हम चाहते हैं कि नरेन्द्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें. और जहां तक तमिलनाडु का सवाल है, भाजपा को पलानीस्वामी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में स्वीकार करना चाहिए.”

भाजपा और अन्नाद्रमुक के बीच कोई ”दिक्कत नहीं”: अन्नामलाई

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी और अन्नाद्रमुक के बीच कोई दिक्कत नहीं है. अन्नामलाई ने यह भी कहा कि उन्हें अन्नाद्रमुक के किसी भी नेता से कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में समान विचारधारा वाले दलों को जोड़ने वाला “साझा सूत्र” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए उनकी उम्मीदवारी स्वीकार करने वाले सभी लोग राजग गठबंधन में हैं. अन्नामलाई ने कहा, ”क्या अन्नाद्रमुक इसे स्वीकार करती है? हां.” उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि जिन लोगों ने मोदी के नेतृत्व को स्वीकार किया है, उन्हें हाथ मिलाना चाहिए.

भाजपा नेता अन्नामलाई ने दोहराया कि उन्होंने दिवंगत मुख्यमंत्री सी एन अन्नादुरई के बारे में बुरा नहीं कहा था और केवल 1956 की एक घटना का उल्लेख किया था. उन्होंने कहा कि इसलिए माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं है. उन्होंने कहा कि दिवंगत एम करुणानिधि ने 1998 में मुख्यमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान उसी घटना का उल्लेख किया था.

अन्नामलाई ने कहा कि वैचारिक रूप से, अन्नाद्रमुक और भाजपा अलग-अलग हैं और वैचारिक दृष्टिकोण के संदर्भ में मतभेद असामान्य नहीं हैं और यह कोई बड़ी बात नहीं है. उन्होंने कहा, ”महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी और अन्नाद्रमुक एकजुट राष्ट्र के लिए एक मजबूत नेतृत्व के साथ एकजुट हैं.”

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