सुशांत राजपूत मामले में 10 अप्रैल तक वानखेडे पर कोई दंडात्मक कार्रवाई न हो: बंबई उच्च न्यायालय

मुंबई. बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मादक पदार्थ मामले में कथित अनियमितता की जांच को लेकर स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) की ओर से आईआरएस अधिकारी समीर वानखेडे के खिलाफ जारी नोटिस पर 10 अप्रैल तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए.

एनसीबी ने राजपूत की मौत से जुड़े मादक पदार्थ मामले और नशीले पदार्थ रखने पर एक नाइजीरियाई नागरिक की गिरफ्तारी के एक अन्य मामले के संबंध में भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी वानखेड़े के खिलाफ शुरुआती जांच शुरू की है. दोनों मामलों की जांच वानखेड़े ने की थी. वानखेड़े के खिलाफ यह जांच दोनों मामलों में कथित तौर पर अनियमितता को लेकर की गई अज्ञात शिकायत के आधार पर की जा रही है.

राजपूत ने जून 2020 में अपने मुंबई स्थित आवास पर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद एनसीबी ने फिल्म उद्योग में कथित मादक पदार्थों के इस्तेमाल की जांच शुरू की थी. एजेंसी ने बाद में राजपूत की महिला मित्र रिया चक्रवर्ती और उसके भाई शौविक एवं 33 अन्य के खिलाफ कथित तौर पर मादक पदार्थ रखने, उनका सेवन करने और वित्त पोषण करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी.

एनसीबी ने नवंबर 2023 से मार्च 2024 के बीच भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी वानखेड़े को आठ नोटिस जारी किए, जिसमें उन्हें एजेंसी के उप महानिदेशक संजय सिंह के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया, जो प्रारंभिक जांच का नेतृत्व कर रहे हैं.
वानखेड़े ने पिछले सप्ताह उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी जिसमें जांच और उन्हें जारी किए गए नोटिस को चुनौती दी गई थी. याचिका में दावा किया गया था कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और यह पूछताछ ‘प्रतिशोध की कार्रवाई’ है. न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को एनसीबी को 10 अप्रैल तक याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि तब तक वानखेडे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाए.

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