ओडिशा सरकार ‘आदिवासी विरोधी’ है, योजनाएं चुनाव से पहले उन्हें सिर्फ लुभाने के लिए : भाजपा
भुवनेश्वर. ओडिशा में सत्तारूढ. बीजू जनता दल (बीजद) को ”आदिवासी विरोधी” करार देते हुए विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव से पहले आदिवासियों को लुभाने के खातिर ही उनके लिए विशेष पैकेज की पेशकश की है. विपक्षी दल के मुख्य सचेतक मोहन चरण माझी ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि आदिवासियों के लिए बीजद के कार्यक्रम राज्य में एक करोड़ आदिवासियों की आबादी को गुमराह करने का एक ”चुनावी हथकंडा” है.
माझी ने दावा किया, ”वे वास्तव में ओडिशा अनुसूचित क्षेत्र अचल संपत्ति हस्तांतरण (अनुसूचित जनजातियों द्वारा) विनियमन में संशोधन करके कॉरपोरेट घरानों के लिए आदिवासी भूमि हड़पने की योजना बना रहे हैं. हालांकि सरकार विभिन्न वर्गों के कड़े विरोध के मद्देनजर अपनी कोशिश में विफल रही.” ओडिशा मंत्रिमंडल ने सोमवार को आदिवासी भूमि को गैर-आदिवासियों को हस्तांतरित करने के अपने पूर्व के फैसले को वापस ले लिया.
भाजपा नेता ने लघु वन उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने संबंधी नयी योजना ‘लघु बन जातीय द्रव्य क्राय’ (लाभा) को मंत्रिमंडल की मंजूरी का भी उपहास उड़ाया. माझी ने कहा, ”चुनाव नजदीक आने के साथ राज्य सरकार ने विशेष पैकेज की घोषणा करके आदिवासी मतदाताओं को लुभाने की योजना बनाई है. पिछले 24 वर्षों में इसने आदिवासियों के लिए क्या किया?” लाभा योजना के अलावा, मंत्रिमंडल ने ओडिशा की अनुसूचित जनजातियों की जनजातीय भाषाओं के संरक्षण और प्रचार के लिए एक आयोग की स्थापना को भी मंजूरी दी.