गरीब महिलाओं को सालना एक लाख रुपये, सरकारी नौकरियों में 50 प्रतिशत आरक्षण : कांग्रेस

बेरोजगारी, महंगाई और 'भागीदारी' महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिनका देश सामना कर रहा है: राहुल गांधी

धुले. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो पांच ”नारी न्याय गारंटी’ दी जाएगी जिनमें गरीब महिलाओं के बैंक खातों में एक लाख रुपये वार्षिक जमा किए जाने के साथ ही सरकारी नौकरियों में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा.

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को हटाने के लिए संविधान में संशोधन करेगी. भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत महाराष्ट्र के धुले जिले में एक महिला रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने ‘पांच नारी न्याय गारंटी’ की घोषणा की. उन्होंने कहा कि गरीब महिलाओं के बैंक खातों में वार्षिक एक लाख रुपये जमा किए जाएंगे और सरकारी नौकरियों में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा.

राहुल गांधी ने यह भी वादा किया कि मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा), आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और मध्याह्न भोजन योजनाओं में कार्यरत महिलाओं के लिए बजट में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी दोगुनी हो जाएगी. उन्होंने कहा कि महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने और उनके मामले लड़ने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा.

गांधी ने पांच गारंटियों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि देश के हर जिले में महिलाओं के लिए सावित्रीबाई फुले छात्रावास स्थापित किए जाएंगे. कांग्रेस नेता ने कहा कि वह अपनी पिछली भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कन्याकुमारी से श्रीनगर तक 4,000 किलोमीटर पैदल चले थे और उन्होंने लाखों लोगों से बातचीत की थी.

वायनाड से लोकसभा के सदस्य राहुल ने कहा, ‘किसानों, युवाओं और महिलाओं ने मुझे बताया कि हिंसा और नफरत अन्याय के कारण फैलती है, जिसके बाद ही मणिपुर से मुंबई तक की दूसरी यात्रा में ‘न्याय’ शब्द जोड़ा गया.’ राहुल ने दावा किया कि देश के उद्योगपतियों के 16 लाख करोड़ रुपये माफ किये गये, लेकिन किसानों और युवाओं का कर्ज नहीं माफ किया गया. उन्होंने कहा कि इससे बड़ा अन्याय और क्या हो सकता है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा ‘भागीदारी’ शब्द इस्तेमाल किये जाने का अर्थ है कि किसी भी निर्णय में सभी जातियों और समुदायों को शामिल किया जाए और उनकी आबादी के अनुसार ही संसाधनों का बंटवारा किया जाए. गांधी ने यह भी दावा किया कि केंद्र सरकार ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के नाम पर मूर्ख बनाया है. ये विधेयक संसद में तो पेश कर दिया गया है, लेकिन इसे लागू होने में 10 साल लगेंगे.

उन्होंने कहा, ”हमारी सरकार तुरंत महिला आरक्षण लागू करेगी.’ गांधी के भाषण से पहले पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने एक वीडियो बयान में कहा था कि ‘महालक्ष्मी’ गारंटी के तहत गरीब महिलाओं के बैंक खातों में सालाना एक लाख रुपये जमा कराए जाएंगे.
उन्होंने कहा, ”आधी आबादी पूरा हक”, जिसका मतलब है सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा.
खरगे ने कहा कि कांग्रेस की गारंटी ‘पत्थर की लकीर’ है और यह कोई ‘जुमला’ नहीं है.

उन्होंने कहा कि आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और मध्याह्न भोजन योजनाओं में कार्यरत महिलाओं के लिए केंद्र सरकार का बजटीय हिस्सा दोगुना किया जाएगा. खरगे ने यह भी कहा कि ‘अधिकार मैत्री’ या एक नोडल व्यक्ति महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करेगा और उनके हितों की लड़ाई में मदद करेगा.

संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को हटाने के लिए संविधान में संशोधन करेगी. उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकारों द्वारा शुरू की गई अनुसूचित जाति योजना और अनुसूचित जनजाति उप-योजना को नरेंद्र मोदी सरकार ने खत्म कर दिया था.

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार सत्ता में आने पर विभिन्न जातियों और समुदायों की आबादी के अनुसार बजटीय हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए एक कानून लाएगी. रमेश ने कहा कि देश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में ‘अधिकार मैत्री’ ग्रामीण क्षेत्रों में 2.5 लाख महिलाओं को रोजगार प्रदान करेगी. इसी के साथ महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित किया जाएगा और उनके हितों की लड़ाई लड़ी जाएगी.

बेरोजगारी, महंगाई और ‘भागीदारी’ महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिनका देश सामना कर रहा है: राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि देश में बेरोजगारी, महंगाई और ‘भागीदारी’ ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जिनका देशवासी सामना कर रहे हैं. उन्होंने केंद्र सरकार पर इन महत्वपूर्ण मुद्दों से देश की जनता का ध्यान भटकाने का आरोप लगाया. अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान महाराष्ट्र के धुले जिले के दोंडाइचा गांव में लोगों से बातचीत करते हुए गांधी ने कहा कि देश में जाति आधारित जनगणना कराना एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी कदम साबित होगा.

राहुल गांधी के साथ ही उनकी पार्टी का कहना है कि यदि वे सत्ता में आते हैं तो देश में जाति आधारित जनगणना कराएंगे. उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना के बाद आर्थिक और वित्तीय सर्वेक्षण अगला कदम होगा जिससे दलितों, सामान्य वर्ग के गरीब लोगों, अल्पसंख्यकों और आदिवासियों को यह पता चल सकेगा कि वे कहां खड़े हैं. उन्होंने कहा कि देश की जनता को बेरोजगारी, महंगाई और भागीदारी जैसे मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है.

राहुल गांधी ने यह दावा किया कि मीडिया, निर्वाचन आयोग, प्रशासन, निजी अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों जैसे क्षेत्रों में सामान्य वर्ग के गरीबों, दलितों, आदिवासियों या अल्पसंख्यकों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अमीरों के 16 लाख करोड़ रुपये माफ कर दिये हैं तो वह किसानों का बकाया माफ क्यों नहीं कर सकती? पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि देश में 22 लोग ऐसे हैं जिनके पास 70 करोड़ लोगों के बराबर संपत्ति है.

उन्होंने कहा, “पचास फीसदी आबादी के पास देश की तीन फीसदी संपत्ति है, जबकि देश में 22 लोग ऐसे हैं जिनके पास 50 फीसदी से ज्यादा संपत्ति है. चूंकि आप सवाल नहीं पूछते हैं, इसलिए केंद्र सरकार आसानी से आपका ध्यान भटका देती है.” सशस्त्र बलों में सैनिकों को अल्पकालिक तौर पर शामिल करने की केंद्र की अग्निपथ योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अग्निवीरों को शहीद का दर्जा या पेंशन नहीं मिलेगी.

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पेंशन और सैनिकों के प्रशिक्षण पर खर्च होने वाली राशि को निजी कंपनियों के रक्षा व्यवसाय में लगाना चाहती है. राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ अपने आखिरी चरण में मंगलवार को महाराष्ट्र पहुंची. यात्रा का समापन 17 मार्च को मुंबई में होगा.

Related Articles

Back to top button