युवा शक्ति का सामर्थ्य ही भारत को जल्द से जल्द विकसित राष्ट्र बनाएगा: प्रधानमंत्री मोदी

नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश के नौजवानों के साथ उनका ‘परम मित्र’ वाला नाता है और साथ ही विश्वास जताया कि युवा शक्ति का सामर्थ्य ही भारत को जल्द से जल्द विकसित राष्ट्र बनाएगा. ‘विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कुछ लोगों को भारत का लक्ष्य मुश्किल लग सकता है लेकिन यह असंभव नहीं है.
उन्होंने कहा, ”बड़े सपने देखना, एक मजबूत प्रतिबद्धता बनाना और एक निर्धारित समयसीमा के भीतर उन सपनों को प्राप्त करना पूरी तरह से संभव है.” उन्होंने कहा, ”किसी भी देश की प्रगति के लिए, उसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. एक लक्ष्य के बिना जीवन अकल्पनीय है! लक्ष्य हमें उद्देश्य और प्रेरणा प्रदान करते हैं. जब हम महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करते हैं, तो हम उन्हें पूरा करने के लिए अथक प्रयास करते हैं. आज भारत इसी भावना को मूर्त रूप दे रहा है.” मोदी ने कहा कि विकसित भारत यानी जो आर्थिक, सामरिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त होगा, जहां अर्थव्यवस्था भी बुलंद होगी और पारिस्थितिकी भी समृद्ध होगी.
उन्होंने कहा, ”जहां अच्छी कमाई और पढ़ाई के ज्यादा से ज्यादा अवसर होंगे. जहां दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी कौशल से लैस होगी. जहां युवाओं के पास अपने सपने पूरा करने के लिए खुला आसमान होगा.” उन्होंने कहा कि भारत की युवा आबादी की क्षमताएं देश को विकसित होने में मदद करेंगी.
उन्होंने देश की युवा आबादी की ताकत और संख्या पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अगर ‘विकसित भारत’ की भावना उसके हर कदम, नीति और निर्णय का मार्गदर्शन करती है तो कोई भी ताकत भारत को विकसित देश बनने से नहीं रोक सकती. उन्होंने कहा, ”किसी देश को आगे बढ़ने के लिए बड़े लक्ष्य तय करने होते हैं… आज भारत यही कर रहा है.” उन्होंने कहा कि देश विभिन्न क्षेत्रों में समय से पहले ही कई लक्ष्यों को हासिल कर रहा है.
मोदी ने कहा कि भारत ने 2030 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है और इसे हासिल कर लिया जाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार अकेले देश को आगे नहीं बढ़ा सकती और उन्होंने देश भर से आए युवाओं से कहा कि ‘विकसित भारत’ में स्वामित्व अकेले मोदी का नहीं है, बल्कि उनका भी है.
उन्होंने कहा, ”आपके विचार देश की नीतियों का हिस्सा होंगे और इसे दिशा देंगे.” उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक की सक्रिय भागीदारी और सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है. प्रधानमंत्री ने 1930 के दशक में आर्थिक संकट के बाद अमेरिका के उदय और एक पिछड़े क्षेत्र से सिंगापुर के उदय का हवाला देते हुए बड़े लक्ष्य निर्धारित करने और उनके लिए ईमानदारी से काम करने की आवश्यकता पर बल दिया.
उन्होंने उल्लेख किया कि कैसे भारत एक खुले में शौच मुक्त देश बन गया, कैसे उसने कोविड टीकों का निर्माण किया और वायरस के खिलाफ अपनी आबादी का टीकाकरण किया. यह कहते हुए कि 2047 तक की यात्रा के 25 साल भारत का अमृत काल है, मोदी ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि युवा आबादी ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करेगी. उन्होंने कहा कि यह बड़ी छलांग लगाने का समय है. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को अगले दशक में ओलंपिक की मेजबानी की भी उम्मीद है और पूरे समर्पण के साथ इसके लिए काम हो रहा है.
मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का युवा पीढ़ी में बहुत विश्वास था और उन्होंने कहा था कि युवा सभी समस्याओं का समाधान खोज लेंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने युवाओं में पूर्ण विश्वास ही नहीं ‘अंध विश्वास’ भी है. भारत के विकास में उच्च वृद्धि की भूमिका पर जोर देते हुए, मोदी ने याद किया कि कैसे देश की क्षमता और विभिन्न क्षेत्रों में बजट अपनी अर्थव्यवस्था की वृद्धि के साथ बढ़ा है. उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के लिए बजट 10 साल में छह गुना बढ़ा है.
भारतीय अर्थव्यवस्था के दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अगले दशक तक यह 10,000 अरब डॉलर को पार कर जाएगी. प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में 30 लाख से अधिक प्रतिभागियों में से योग्यता-आधारित, बहु-स्तरीय चयन प्रक्रिया के माध्यम से चुने गए 3,000 युवाओं के साथ संवाद भी किया. स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था. उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस कार्यक्रम का आयोजन इसी उपलक्ष्य में किया गया था.
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका देश के नौजवानों के साथ ‘परम मित्र’ वाला नाता है और मित्रता की सबसे मजबूत कड़ी होती है ‘विश्वास’.
उन्होंने कहा, ”मुझे आप पर बहुत विश्वास है और इसी विश्वास ने मुझे ‘माय भारत’ के गठन की प्रेरणा दी. इसी विश्वास ने विकसित भारत युवा नेता संवाद का आधार बनाया. मेरा विश्वास कहता है कि युवा शक्ति का सामर्थ्य भारत को जल्द से जल्द विकसित राष्ट्र बनाएगा.”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”जो आंकड़ों का जोड़ भाग करते रहते हैं, उनको लगता होगा कि यह सब बहुत मुश्किल है लेकिन मेरी आत्मा कहती है, आप सबके भरोसे से कहती है- लक्ष्य बड़ा जरूर है लेकिन असंभव नहीं है.” उन्होंने कहा, ”जब करोड़ों युवाओं की भुजाएं विकास रथ के पहिए को आगे बढ़ा रही हैं, तब हम जरूर लक्ष्य पर पहुंचेंगे.” प्रधानमंत्री ने कहा, ”आज अगर स्वामी विवेकानंद सशरीर हमारे बीच होते तो 21वीं सदी के युवा की इस जागृत शक्ति को देखकर और आपके सक्रिय प्रयासों को देखकर वह भारत में एक नया विश्वास भर देते, एक नयी ऊर्जा भर देते और नए सपनों के बीज बो देते.”