आयोजक गरबा पंडालों में पहचान पत्र की जांच के बाद प्रवेश की अनुमति दें : सरकार

भोपाल. मध्यप्रदेश सरकार ने गरबा आयोजकों को ‘‘गरबा नृत्य पंडालों’’ में प्रवेश की अनुमति देने से पहले लोगों के पहचान पत्रों की जांच करने के लिए कहा है, इसके कुछ दिन पहले प्रदेश की संस्कृति मंत्री ने दावा किया था कि इस तरह के इवेंट ‘‘लव जिहाद’’ का जरिया बन गए हैं.

मिश्रा ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘मां दुर्गा की आराधना का पर्व नवरात्रि हमारी आस्था का केंद्र है. इस तरह के पवित्र अवसर पर शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए आयोजकों को निर्देश दिया गया है कि वे पहचान पत्र की जांच के बाद ही लोगों को गरबा कार्यक्रमों में प्रवेश दें.’’ सोमवार से शुरू हुए नौ दिवसीय नवरात्रि उत्सव के दौरान पारंपरिक गरबा नृत्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे अवसर पर कोई अप्रिय स्थिति न हो इसलिए लोगों के पहचान पत्रों की जांच होनी चाहिए, हर कोई देवी की पूजा करने आ सकता है.

इससे पहले आठ सितंबर को मध्यप्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने सुझाव दिया था कि ‘लव जिहाद’ को रोकने के लिए नवरात्रि उत्सव के दौरान प्रदेश में गरबा नृत्य स्थलों पर प्रवेश की अनुमति पहचान पत्रों की जांच के बाद ही दी जानी चाहिए. ठाकुर ने कहा था कि अब गरबा आयोजक सतर्क हैं. उन्होंने कहा कि गरबा में आने वालों को पहचान पत्र लाना होगा और सभी के लिए यह एक सलाह है कि बिना पहचान पत्र के किसी को भी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि गरबा ‘लव जिहाद’ का जरिया बन गया था.

हिंदू दक्षिणपंथी नेताओं ने अतीत में दावा किया कि देश में लव जिहाद की साजिश चल रही है, जिसमें हिंदू लड़कियों को अल्पसंख्यक समुदाय के पुरुषों द्वारा बहकाया जाता था और शादी के लिए मजबूर किया जाता था. इससे पहले भी ठाकुर गरबा स्थलों पर गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग कर चुकी हैं.

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