डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को ‘हमशक्ल’ से बदलने के आरोप संबंधी याचिका खारिज

चंडीगढ़. पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सोमवार को वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें बलात्कार के दोषी और वर्तमान में पैरोल पर बाहर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ंिसह को ‘हमशक्ल’ से बदलने का आरोप लगाया गया है. डेरा के एक वकील ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज कर दी है.’’ उन्होंने बताया कि अदालत ने याचिका को ‘महत्वहीन’ बताते हुए खारिज कर दिया.

सिरसा में अपने आश्रम में दो महिला शिष्यों से बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल की सजा काट रहा गुरमीत राम राम ंिसह (54) एक पखवाड़े पहले एक महीने की पैरोल पर जेल से बाहर आया था. उसे अगस्त 2017 में पंचकूला में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था.

हाल ही में उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की गई थी और प्रतिवादियों में हरियाणा सरकार को भी शामिल किया गया था.
राम रहीम का ‘कट्टर अनुयायी’ होने का दावा करने वाले अशोक कुमार और 18 अन्य याचिकाकर्ताओं ने डेरा प्रमुख की प्रामाणिकता सत्यापित करने का हरियाणा सरकार को निर्देश देने की मांग की थी.

याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि डेरा प्रमुख को एक ‘हमशक्ल व्यक्ति’ के साथ बदल दिया गया है, जिसने उनकी और संप्रदाय के अन्य अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई है. याचिका के अनुसार, राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद याचिकाकर्ताओं और अन्य अनुयायियों ने डेरा प्रमुख के शरीर और व्यक्तित्व में कई बदलाव देखे हैं. याचिकाकर्ताओं ने एक स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग की थी.

गुरमीत राम रहीम ंिसह पिछले महीने एक महीने की पैरोल पर हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल से रिहा हुआ था. बाद में वह उत्तर प्रदेश के बागपत में डेरा सच्चा सौदा आश्रम, बरनावा गया था. ंिसह को डेरा प्रबंधक रंजीत ंिसह की 2002 में हत्या की साजिश रचने के लिए चार अन्य लोगों के साथ पिछले साल दोषी ठहराया गया था. डेरा प्रमुख और तीन अन्य को 2019 में 16 साल पहले एक पत्रकार की हत्या के लिए भी दोषी ठहराया गया था.

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