भदरवाह में मंदिर में तोड़फोड़ की जांच के लिए पुलिस ने किया SIT का गठन

भदरवाह/जम्मू. जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में एक मंदिर को कथित रूप से क्षति पहुंचाने के संबंध में पुलिस ने सोमवार को छह सदस्यीय एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 17,400 फुट की ऊंचाई पर स्थित कैलाश कुंड में भगवान वासुकी नाग मंदिर में कथित रूप से तोड़फोड़ होने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा किये जाने के बाद पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज की.

डोडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अब्दुल कयूम ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘पुलिस अधीक्षक (आॅपरेशन) राज कुमार के नेतृत्व में छह सदस्यीय एक दल का गठन किया गया है जो मंदिर में कथित तोड़फोड़ की जांच करेगा और कम से कम समय में रिपोर्ट सौंपेगा.’’ कयूम ने लोगों से शांति व्यवस्था बहाल करने की अपील करते हुए कहा कि पुलिस का एक दल स्थल पर पहुंच गया है और उसने मंदिर की सभी प्रमुख मूर्तियों को ठीक हालत में पाया. पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि भदरवाह पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है.

अधिकारी ने कहा कि जिले के कुछ भागों में विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर भदरवाह और गंदोह समेत संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, ‘‘मुख्य द्वार को कुछ क्षति पहुंचाई गई है और दानपेटी को तोड़ने का भी प्रयास किया गया. एक मूर्ति का वस्त्र जमीन पर पड़ा हुआ मिला.’’ श्री सनातन धर्म सभा के अध्यक्ष वीरेंद्र राजदान द्वारा भदरवाह में हड़ताल का आ’’ान किया गया और दुकानें बंद रखी गईं. राजदान ने दोषियों की पहचान करने और उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व भी किया.

डोडा के जिलाधिकारी विकास शर्मा और एसएसपी अब्दुल कयूम द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद भदरवाह में प्रदर्शनकारियों ने अपने आंदोलन को रोक दिया और अवरुद्ध की गई सड़क को खोल दिया. भदरवाह के रहने वाले और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने ‘‘शरारती तत्वों’’ के इस ‘‘शरारतपूर्ण कृत्य’’ की कड़े शब्दों में ंिनदा की और स्थानीय प्रशासन से आग्रह किया कि दोषियों पर तत्काल मामला दर्ज किया जाए.

आजाद ने डोडा और भदरवाह के लोगों से शांति और सौहार्द कायम रखने की भी अपील की. कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई ने भी मंदिर में कथित तोड़फोड़ की ‘‘शरारतपूर्ण घटना’’ पर ंिचता जताई और कहा कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और समाज में दरार पैदा करने के उद्देश्य से यह किया गया.

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