मुसलमानों की गरीबी सियासी छल का परिणाम : मुख्तार अब्बास नकवी

लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को कहा कि अल्पसंख्यकों के विकास को देश के विकास से अलग देखना उन्हें प्रगति की मुख्यधारा से काटने का राजनीतिक छल है.
रविवार को यहां उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग द्वारा आयोजित ‘‘अल्पसंख्यक अधिकार दिवस’’

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नकवी ने कहा कि ‘सच्चर कमेटी’ के नाम पर मुसलमानों के भरोसे को भय और भ्रम में बदलने की कोशिश हुई. दलितों, आदिवासियों के सामाजिक, आर्थिक सशक्तिकरण से प्रतिस्पर्धा का बहाना बनाकर मुसलमानों का सियासी तुष्टीकरण का खेल खेला गया, भ्रम पैदा किया गया कि मुसलमानों के हालात दलितों से ज्यादा खराब हैं. सच्चाई यह है कि दलितों का पिछड़ापन ऐतिहासिक-सामाजिक कारणों से रहा, जबकि मुसलमानों की गरीबी ‘‘सियासी छल का परिणाम’’ है.

उन्होंने कहा, ‘‘मुसलमानों के कुछ हिस्सों का पिछड़ापन ‘संकीर्ण साम्प्रदायिक सियासत’ और ‘स्वार्थी वोटों की तिजारत’ का नतीजा रहा और आज जब बिना भेदभाव सभी की समृद्धि, सुरक्षा, शिक्षा सुनिश्चित हो रही है तो अल्पसंख्यकों के हितों को अपने सियासी स्वार्थ की बलि चढ़ाने वाले राजनीतिक सूरमाओं के सूपड़े साफ हो रहे हैं.’’ नकवी ने कहा, ‘‘दशकों से मुस्लिम वोट को च्यूइंगम की तरह चबाने, चूसने और चलता करने का चलन चल रहा है.’’

उन्होंने कहा कि आज देश साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण को ध्वस्त कर समावेशी सशक्तिकरण का ध्वजवाहक इसलिए बन पाया है कि मोदी-योगी युग में ‘अमर, अकबर और एंथनी’ की समावेशी विकास में भागीदारी ने ‘च्यूइंगम की तरह चूसो और चलता करो’ वाली साम्प्रदायिक वोटों के ठगी के ठौर- ठिकानों की ‘तालाबन्दी और नाकाबंदी’ कर दी है.

भाजपा नेता ने कहा कि आज माहौल, मूड, मुद्दे बदले हैं, साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण नहीं समावेशी सशक्तिकरण का ‘‘मोदी मैजिक’’ समाज के सभी हिस्सों में असर दिखा रहा है, विकास और विश्वास के माहौल ने समाज के सभी वर्गों को तरक्की का बराबर का हिस्सेदार भागीदार बनाया है. अल्पसंख्यकों की विकास में भागीदारी, बहुसंख्यकों की विश्वास में हिस्सेदारी पर भारी नहीं पड़ रही है.

नकवी ने कहा कि आज मोदी-योगी और अन्य भाजपा सरकारों की सभी कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों में बड़ी तादाद में अल्पसंख्यक समुदाय से भी हैं. इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आज़ाद, उप्र अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन अशफाक सैफी, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बासित अली एवं अन्य प्रमुख नेता उपस्थित रहे.

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