प्रशांत किशोर का संगठन 2025 बिहार विधानसभा चुनावों में 75 ईबीसी उम्मीदवारों का करेगा समर्थन

पटना. राजनीतिक रणनीतिकार से कार्यकर्ता बने प्रशांत किशोर ने शनिवार को कहा कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में उनके संगठन ‘जन सुराज’ के समर्थन से अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) श्रेणी के कम से कम 75 लोगों को मैदान में उतारा जाएगा. किशोर ने समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर की जयंती से पूर्व इस सिलसिले में यहां आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा , ”2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में ईबीसी से संबंधित कम से कम 75 लोगों को एक ही मंच से मैदान में उतारा जाएगा.”

किशोर ने जन सुराज के एक राजनीतिक दल में परिवर्तन के संबंध में हालांकि कोई घोषणा नहीं की लेकिन कहा ,”2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार आप ईबीसी वर्ग के कम से कम 75 लोगों को एक मंच से चुनाव लड़ते देखेंगे. हम उन्हें चुनाव लड़ने के लिए तैयार करेंगे. हम (जन सुराज) अपनी पूरी ताकत उनके पीछे लगा देंगे.” किशोर ने आरोप लगाया, ”इस समुदाय के लोगों का राज्य में सत्तारूढ़ दलों द्वारा हमेशा शोषण किया गया है. बिहार में राजनीतिक दलों ने कभी भी उनकी बेहतरी और उत्थान के बारे में नहीं सोचा.” बेहतर शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, किशोर ने कहा, ”जन सुराज इस वर्ग के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सभी वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगा. हर साल जन सुराज इस उद्देश्य के लिए कम से कम 500 ईबीसी विद्यार्थियों (प्रत्येक जिले से कम से कम 10 से 15) का चयन करेगा और उन्हें सभी सहायता प्रदान करेगा.”

बिहार सरकार ने अक्टूबर 2023 में जाति आधारित सर्वेक्षण के आंकड़े जारी किये थे. इस सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार बिहार की कुल जनसंख्या 13,07,25,310 में से 63 प्रतिशत लोग अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) श्रेणी से हैं. सर्वेक्षण के आंकड़ों से पता चला कि राज्य की आबादी में अनुसूचित जाति की आबादी 19 प्रतिशत से अधिक है जबकि एक प्रतिशत लोग अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत आते हैं.

सर्वेक्षण से पता चला कि ओबीसी में यादव जनसंख्या के मामले में सबसे बड़ी जाति है जो कुल आबादी का 14.27 प्रतिशत है. इसके बाद दुसाध (5.31 प्रतिशत) और चमार (5.25 प्रतिशत) हैं. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समुदाय से हैं. केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान दुसाध (दलित) जाति से हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि कुर्मियों की कुल संख्या कुल जनसंख्या का 2.87 प्रतिशत है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी जाति से आते हैं.

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