राष्ट्रपति चुनाव: मुर्मू 24 जून को दाखिल कर सकती हैं नामांकन

दिल्ली के सफर से पहले राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू ने मंदिर में लगाई झाड़ू

नयी दिल्ली/भुवनेश्वर. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू 24 जून को नामांकन दाखिल कर सकती हैं. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के उपस्थित रहने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक नामांकन के दौरान लगभग सभी केंद्रीय मंत्री, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और मुर्मू की उम्मीदवारी का समर्थन करने वाले बीजू जनता दल (बीजद) जैसे दलों के प्रमुख नेता भी मौजूद रहेंगे ताकि राजग उम्मीदवार के प्रति व्यापक समर्थन का संदेश जाए.

सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी राजग उम्मीदवार मुर्मू के पहले प्रस्तावक हो सकते हैं. राष्ट्रपति चुनाव में किसी उम्मीदवार को 50 प्रस्तावकों और 50 अनुमोदकों से हस्ताक्षरित नामांकन पत्र दाखिल करना होता है. भाजपा सूत्रों के मुताबिक मुर्मू चार नामांकन पत्र दाखिल करेंगी. भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने चुनावी प्रक्रिया को लेकर इससे जुड़े नेताओं के साथ एक बैठक की.

भाजपा नेता, मुर्मू के चुनावी अभियान के तहत देश भर का दौरा करेंगे और राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल के सदस्यों से उनके लिए समर्थन मांगेंगे. निर्वाचक मंडल में सांसद और विधायक शामिल हैं. विपक्ष ने राष्ट्रपति चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को संयुक्त उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में 18 जुलाई को मतदान होना तय है.

आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो ओड़िशा से ताल्लुक रखने वाली मुर्मू का पलड़ा भारी है. बीजद ने पहले ही उनके समर्थन की घोषणा कर दी है. भाजपा को उम्मीद है कि वाईएसआर कांग्रेस और आॅल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) जैसे अन्य कुछ दल भी मुर्मू के समर्थन में आएंगे. नड्डा ने मंगलवार को भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद राष्ट्रपति चुनाव में राजग के उममीदवार के रूप में मुर्मू के नाम की घोषणा की थी.

चौंसठ वर्षीय मुर्मू 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं. वह झारखंड की पहली राज्यपाल थीं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया. मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोंिवद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है. मुर्मू यदि यह चुनाव जीतने में सफल होती हैं तो वह देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी.

दिल्ली के सफर से पहले राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू ने मंदिर में लगाई झाड़ू

रायरंगपुर. राजग की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू ने दिल्ली के अपने सफर से पहले बुधवार को ओडिशा के मयूरभंज जिले के आदिवासी बहुल अपने इस कस्बे में स्थित शिवमंदिर में सुबह सूर्योदय से पहले झाडू लगाई जो उनकी नियमित दिनचर्या का हिस्सा है. मुर्मू अगस्त 2021 में झारखंड के राज्यपाल पद से रिटायर होने के बाद यहां लौटी थीं और तब से मंदिर में झाडू लगाना उनकी दिनचर्या में शामिल है और बुधवार का दिन भी इससे अलग नहीं था.

सैकड़ों स्थानीय लोगों ने देखा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग)की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी के हाथों में झाडू है और वह लाल बॉर्डर की हाथी दांत रंग की साड़ी में झाड़ू लेकर सुबह तीन से चार बजे के करीब मंदिर में झाडू लगा रही हैं. अन्य दिनों की तरह ही वह स्रान करने के बाद मंदिर में पूजा करने आईं और भगवान शिव के वाहन नंदी के कान में कुछ कहा जो कि एक सामान्य चलन है. उस वक्त सैकड़ों की संख्या में लोग जमा थे जिनके मद्देनजर सीआरपीएफ के कमांड़ो ने इलाके की घेराबंदी की क्योंकि उन्हें जेड प्लस सुरक्षा मुहैया कराई गई है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘‘ पीटीआई-भाषा’ को बताया कि 64 वर्षीय मुर्मू की सुरक्षा बुधवार तड़के कमांडों ने अपने हाथ में ली. मुर्मू जब सुबह मंदिर गईं तो हतप्रभ रह गई कि सुबह होने के बावजूद बड़ी संख्या में लोग वहां मौजूद थे. इश्वरीय प्रजापति ब्रह्मकुमारी संगठन के दो सदस्यों ने उनका स्वागत किया.

सदस्य ने कहा, ‘‘हम मैडम को उनकी सफलता पर बधाई देने आए थे और हमारा मानना है कि यह उपलब्धि उन्हें ईश्वर के आशीर्वाद से प्राप्त हुई है.’’ मंदिर के अनुष्ठानों के बाद वह अपने आवास पर लौटीं और ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) सहित विभिन्न दलों के नेताओं और लोगों से मुलाकात की. हालांकि, विपक्षी कांग्रेस के नेता उनके आवास पर नहीं दिखे जिसे अब भी जुलाई के राष्ट्रपति चुनाव में राजग के उम्मीदवार को समर्थन करने को लेकर फैसला करना है.

मुर्मू इसके बाद 285 किलोमीटर दूर स्थित भुवनेश्वर के लिए सड़क मार्ग से रवाना हुईं जहां रास्ते के दोनों ओर उस महिला को देखने के लिए कतार में खड़े हुए नजर आए जो देश के शीर्ष संवैधानिक पद के लिए चुनाव लड़ने जा रही हैं. रास्ते में खड़े बच्चों, महिलाओं, पुरुषों और युवाओं ने उन्हें पुष्प उपहार में दिए और नमस्ते किया या हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया.

पटनायक ने ओडिशा के सभी विधायकों से मुर्मू का समर्थन करने को कहा

बीजू जनता दल (बीजद) अध्यक्ष एवं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बुधवार को राज्य विधानसभा के सभी सदस्यों से अपील की कि वे राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले आगामी चुनाव में राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करें. पटनायक ने मुर्मू को राज्य की बेटी बताया.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ओडिशा विधानसभा के सभी सदस्यों से अपील करता हूं कि वे ओडिशा की बेटी श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति के चुनाव के लिए सर्वसम्मति से समर्थन दें.’’ विधानसभा की 147 सीटों में से सत्तारूढ़ बीजद के 114 विधायक हैं. इसके अलावा भाजपा के 22 और कांग्रेस के नौ सदस्य और माकपा का एक सदस्य है. एक निर्दलीय विधायक भी है.

द्रोपदी मुर्मू : धार्मिक, मृदुभाषी मुर्मू राजनीति के सर्वोच्च सोपान की ओर अग्रसर
एक आदिवासी नेता से पार्षद और झारखंड की पूर्व राज्यपाल से अब भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के लिए राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार- द्रोपदी मुर्मू- अपनी निजी दुश्वारियों को पार करते हुए राजनीति के सर्वोच्च सोपान पर पहुंचने की ओर अग्रसर हैं और यदि सब कुछ ठीक रहा तो उनकी अगली मंजिल राष्ट्रपति भवन होगा.

चमक दमक और प्रचार से दूर रहने वाली मुर्मू ब्रह्मकुमारियों की ध्यान तकनीकों की गहन अभ्यासी हैं. उन्होंने यह गहन अध्यात्म और ंिचतन का दामन उस वक्त पकड़ा था, जब उन्होंने 2009 से लेकर 2015 तक की छह वर्षों की अवधि में अपने पति, दो बेटों, मां और भाई को खो दिया था.

मुर्मू इस पद के लिए चुने जाने की स्थिति में भारत की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति बन जाएंगी. अपने गृह राज्य ओडिशा के मयूरभंज जिले में स्थित रायरंगपुर में पुरंदेश्वर शिव मंदिर के फर्श पर झाड़ू लगाती बुधवार को जारी मुर्मू (64) की तस्वीर उनके व्यक्तित्व के साथ तालमेल बिठाती नजर आ रही थी. अठारह जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में मंगलवार को सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से उम्मीदवार चुने जाने के बाद राष्ट्रीय सुर्खियों में आई मुर्मू ने भगवान जगन्नाथ, शिव और हनुमान के मंदिरों में भी पूजा-अर्चना की.

भाजपा नेता और कालाहांडी से लोकसभा सदस्य बसंत कुमार पांडा ने कहा, ‘‘वह गहरी आध्यात्मिक और मृदुभाषी व्यक्ति हैं.’’ रायरंगपुर से ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के साथ राजनीति के सोपान पर पहला पहला कदम रखा था. वह 1997 में रायरंगपुर अधिसूचित क्षेत्र परिषद में पार्षद बनाई गईं और 2000 से 2004 तक ओडिशा की बीजू जनता दल (बीजद)-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री भी रहीं. उन्हें 2015 में झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया और वह 2021 तक इस पद पर रहीं. बीस जून, 1958 को जन्मीं मुर्मू राज्य की पहली महिला राज्यपाल थीं. विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा पर यदि वह जीत हासिल कर लेती हैं तो वह ऐसी राष्ट्रपति भी बनेंगी, जिनका जन्म स्वतंत्रता के बाद हुआ है.

ओडिशा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मनमोहन सामल ने कहा, ‘‘वह (मुर्मू) बहुत तकलीफों और संघर्षों से गुजरी हैं, लेकिन (वह) विपरीत परिस्थितियों से नहीं घबराती हैं.’’ सामल ने कहा कि संथाल परिवार में जन्मी मुर्मू संथाली और ओडिया भाषाओं में एक उत्कृष्ट वक्ता हैं. उन्होंने कहा कि मुर्मू ने क्षेत्र में सड़कों और बंदरगाहों जैसे बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है. ओडिशा में अपने पैर जमाने का प्रयास कर रही भाजपा का ध्यान आदिवासी बहुल मयूरभंज पर हमेशा से रहा है. बीजद ने 2009 में भाजपा से नाता तोड़ लिया था और तब से इसने ओडिशा पर अपनी पकड़ मजबूत कर रखी है.

झारखंड के राज्यपाल के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद, मुर्मू ने अपना समय रायरंगपुर में ध्यान ंिचतन और सामाजिक कार्यों में सर्मिपत किया. उन्होंने कहा, ‘‘मैं हैरान भी हूं और खुश भी. दूरस्थ मयूरभंज जिले की एक आदिवासी महिला होने के नाते मैंने शीर्ष पद के उम्मीदवार बनने के बारे में कभी सोचा नहीं था.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस अवसर की उम्मीद नहीं कर रही थी. मैं 2015 में पड़ोसी राज्य झारखंड की राज्यपाल बनने के बाद छह साल से अधिक समय से किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई हूं. मुझे उम्मीद है कि सभी मेरा समर्थन करेंगे.’’ देश के सबसे दूरस्थ और अविकसित जिलों में से एक मयूरभंज की रहने वाली मुर्मू ने भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से कला में स्रातक की उपाधि प्राप्त की और ओडिशा सरकार में ंिसचाई तथा बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक के रूप में नौकरी भी की.

उन्होंने रायरंगपुर स्थित श्री अरंिबदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में मानद सहायक शिक्षक के रूप में भी काम किया. मुर्मू को 2007 में ओडिशा विधानसभा द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. मुर्मू की बेटी इतिश्री ओडिशा के एक बैंक में काम करती हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button