प्रधानमंत्री ने वाहन उद्योग से वैश्विक स्तर पर सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को भारत में लाने का किया आह्वान
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मोटर वाहन विनिर्माता उद्योग के प्रतिनिधियों से वैश्विक स्तर पर अपनाए जाने वाले सर्वोत्तम तौर-तरीकों को भारत में लाने और हरित व स्वच्छ परिवहन पर काम करने का मंगलवार को आह्वान किया।
सोसायटी आॅफ इंडियन आॅटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के वार्षिक सम्मेलन के लिए अपने लिखित संबोधन में मोदी ने कहा कि मोटर वाहन उद्योग आर्थिक वृद्धि को अधिक बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि हम 2047 तक विकसित भारत के अपने सामूहिक लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं, मुझे विश्वास है कि सियाम जैसे संगठन सभी हितधारकों को एक साथ लाना जारी रखेंगे और इस मिशन की गति दोगुनी करने में अहम भूमिका निभाएंगे।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य की मांग है कि देश की प्रगति तेज होने के साथ ही सतत भी हो।
उन्होंने कहा, ‘‘हरित व स्वच्छ परिवहन पर काम करना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह महत्वपूर्ण है कि जलवायु के लिहाज से सतर्कता वाला और सतत दृष्टिकोण घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के बीच अपनी जगह बनाए।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत और विश्व के लिए इस महत्वपूर्ण मोड़ पर यह आवश्यक है कि हमारा मोटर वाहन क्षेत्र न केवल दूसरों के लिए अनुकरणीय मिसाल पेश करे, बल्कि वैश्विक स्तर पर सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को भारत में लाने की दिशा में भी काम करे। मुझे विश्वास है कि वार्षिक सम्मेलन में होने वाली चर्चाएं और विचार-विमर्श इसके लिए उत्प्रेरक का काम करेंगे।’’
मोदी ने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि नवाचार तथा उद्यम के जरिये मोटर वाहन उद्योग और भी अधिक आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देगा और बदले में, अनिवार्य रूप से उत्पन्न होने वाली मांग पर फलेगा-फूलेगा।’’ उन्होंने कहा कि पिछले दशक में, भारत के मोटर वाहन क्षेत्र ने जबरदस्त तथा अभूतपूर्व वृद्धि देखी है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह हमारे देश की बढ़ती आर्थिक वृद्धि का भी उतना ही प्रमाण है, जितना कि मोटर वाहन उद्योग द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय परिवहन की सफलता की कहानी उल्लेखनीय है। देश भविष्य के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण होते देख रहा है, जैसे अत्याधुनिक एक्सप्रेसवे, हाई-स्पीड रेलवे और हर कोने तक पहुंचने वाली ‘मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी’ आदि के रूप में…।’’ मोदी ने कहा, ‘‘समग्र दृष्टिकोण यह सुनिश्चित कर रहा है कि वृद्धि का लाभ केवल कुछ लोगों तक ही सीमित न रहे, बल्कि सभी को मिले।’’