प्रधानमंत्री मोदी ने देश की पहली अंडरवॉटर मेट्रो रेल का किया उद्घाटन…

कोलकाता: पश्चिम बंगाल पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता में भारत की पहली अंडरवॉटर मेट्रो रेल में सवार हुए. इस दौरान उन्होंने छात्रों के साथ संवाद किया. पानी के अंदर बनी मेट्रो सुरंग इंजीनियरिंग की एक शानदार उपलब्धि है, जो हुगली नदी के नीचे 16.6 किलोमीटर लंबी है.

अंडरवाटर मेट्रो हुगली के पश्चिमी तट पर स्थित हावड़ा को पूर्वी तट पर साल्ट लेक शहर से जोड़ेगी. इसमें 6 स्टेशन होंगे, जिनमें से तीन अंडरग्राउंड हैं. पीएम मोदी के उद्घाटन किए जाने के बाद आम जनता अंडरवाटर मेट्रो का आनंद ले सकेगी.

खास बातें

1 – कोलकाता मेट्रो का हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड सेक्शन बेहद खास है, क्योंकि इस सेक्शन में ट्रेन पानी के अंदर दौड़ेगी. हावड़ा मेट्रो स्टेशन भारत का सबसे गहरा स्टेशन भी है.

2- हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड सेक्शन हुगली नदी के नीचे बना हुआ है, हावड़ा और साल्ट लेक शहर हुगली नदी के ईस्ट और वेस्ट तट पर स्थित हैं.

3- अप्रैल 2023 में कोलकाता मेट्रो ने ट्रायल के तौर पर हुगली नदी के नीचे टनल के माध्यम से ट्रेन दौड़ाकर इतिहास रचा, जो भारत में पहली बार हुआ.

4- यह सेक्शन 4.8 किलोमीटर लंबा है जो कि हावड़ा मैदान को एस्प्लेनेड से जोड़ेगा है. इस सेक्शन में ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के तहत हावड़ा मैदान आईटी हब साल्ट लेक सेक्टर V से कनेक्ट होगा.

5- अधिकारियों की ओर से उम्मीद जताई गई है कि ये मेट्रो केवल 45 सेकंड में हुगली नदी के नीचे 520 मीटर की दूरी तय कर लेगी.

6- एस्प्लेनेड और सियालदह के बीच ईस्ट-वेस्ट अलाइनमेंट का हिस्सा अभी भी निर्माणाधीन है. हालांकि साल्ट लेक सेक्टर V से सियालदह तक का हिस्सा पहले से ही उपयोग में है.

7- मेट्रो ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन (ATO) सिस्टम से चलेगी. इसका मतलब ये है कि मेट्रो चालक के एक बटन दबाने के बाद ट्रेन अपने आप अगले स्टेशन पर पहुंचेगी.

8- ईस्ट-वेस्ट मेट्रो के कुल 16.6 किलोमीटर में से 10.8 किलोमीटर भूमिगत है, जिसमें हुगली नदी के नीचे सुरंग भी शामिल है. बाकी हिस्सा जमीन के ऊपर है.

9- कोलकाता मेट्रो का टारगेट जून या जुलाई के आसपास साल्ट लेक सेक्टर V और हावड़ा मैदान के बीच पूरे ईस्ट-वेस्ट रूट पर वाणिज्यिक परिचालन शुरू करना है.

10- अधिकारियों के मुताबिक अंडरवाटर मेट्रो में लोगों को 5G इंटरनेट की सुविधा भी मिलेगी. साथ ही ये भी कहा गया है कि टनल में पानी की एक बूंद भी प्रवेश नहीं कर सकती.

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