
पत्तनमथिट्ठा. त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि सबरीमला दर्शन के लिए की जाने वाली तत्काल बुकिंग की संख्या को प्रतिदिन पांच हजार लोगों तक सीमित कर दिया गया है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, केरल उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद बुकिंग की यह सीमा तय की गई है.
अधिकारियों ने बताया कि तत्काल बुकिंग की सुविधा केवल निलक्कल और वंदिपेरियार केंद्रों पर ही उपलब्ध होगी. फिलहाल यह सुविधा 24 नवंबर तक पंबा, एरुमेली और चेंगन्नूर में अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई है. टीडीबी ने सबरीमला दर्शन के लिए आ रहे श्रद्धालुओं से अपील की है कि जहां तक संभव हो वे ‘वर्चुअल-क्यू प्रणाली’ (ऑनलाइन कतार) के माध्यम से ही अपनी जगह सुनिश्चित करें.
हालांकि, केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राजा विजयराघवन वी और के वी जयकुमार की खंडपीठ ने टीडीबी की आलोचना की. पीठ ने कहा कि 17 नवंबर को मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने के बाद, शुरूआती 48 घंटों के भीतर लगभग दो लाख तीर्थयात्रियों के पहुंचने के कारण मंदिर में स्थिति “नियंत्रण से बाहर हो गई” थी. मंडलम-मकरविलक्कु सत्र के दौरान प्रतिदिन लगभग एक लाख श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी जाती है. साथ ही, सालाना 50 लाख से अधिक श्रद्धालु सबरीमला आते हैं. दोनों न्यायाधीश ने कहा कि वर्तमान व्यवस्थाएं पर्याप्त नहीं हैं.
इस बीच, बृहस्पतिवार को सबरीमला में विभिन्न विभागों की एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इसमें वर्तमान में चल रहे मंडलम-मकरविलक्कु तीर्थयात्रा सत्र व्यवस्था की समीक्षा की गई. यह बैठक अपर जिलाधिकारी अरुण एस नायर की अध्यक्षता में हुई. उन्होंने कहा कि सभी श्रद्धालुओं के लिए सुचारु और सुरक्षित दर्शन सुनिश्चित किया गया है. बैठक में यह बात सामने आई कि शुरुआती दिनों में जो कमियां दिखीं, उन्हें पूरी तरह से दूर कर लिया गया है. बैठक में, श्रद्धालुओं को आपातकालीन चिकित्सा सहायता, भीड़ प्रबंधन, स्वच्छता, पेयजल, और भोजन उपलब्ध कराने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई.



