साक्षी और बजरंग ने प्रदर्शन से पीछे हटने से किया इनकार, मिले थे अमित शाह से

नयी दिल्ली. भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने इससे पीछे हटने की खबरों को खारिज करते हुए कहा है कि इंसाफ मिलने तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी .

रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी ने ट्वीट किया ,” ये खबर बिल्कुल गलत है . इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है और ना हटेगा.” साक्षी और बजरंग ने तीन जून की रात गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उसके बाद से ही मीडिया में उनके आंदोलन से नाम वापिस लेने की अटकलें लगाई जा रही थी . साक्षी ने इस मुलाकात की पुष्टि की और कहा कि यह औपचारिक मुलाकात थी और इसमें कोई समाधान नहीं निकला है .

उन्होंने गृहमंत्री से मुलाकात को लेकर मीडिया से बातचीत में कहा ,” हमारी सामान्य बातचीत हुई और कोई अंतिम समाधान नहीं निकला . हमारी मांग आखिर तक यही रहेगी कि आरोपी पर गंभीर आरोप लगे हैं और उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिये .” वहीं तोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग ने ट्वीट किया ,” आंदोलन वापिस लेने की खबरें कोरी अफवाह है . ये खबरें हमें नुकसान पहुंचाने के लिये फैलाई जा रही है .”

उन्होंने आगे लिखा ,” हम न पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापिस लिया है . महिला पहलवानों की एफआईआर वापस लेने की खबर भी झूठी है . इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी .” विनेश फोगाट ने ट्वीट किया ,” महिला पहलवान किस ट्रॉमा से गुजर रही है, इस बात का अहसास भी है फर्जी खबर फैलाने वालों को .” उन्होंने आगे लिखा ,” कमजोर मीडिया की टांगे है जो किसी गुंडे के हंटर के आगे कांपने लगती है, महिला पहलवान नहीं .”

उन्होंने आबिद अदीब का एक शेर भी लिखा ,” जहां पहुंच के कदम डगमगाये हैं सब के , उसकी मकाम से अब अपना रास्ता होगा .” वहीं साक्षी ने बाद में मीडिया से बातचीत के दौरान आगे कहा ,” आंदोलन से हम बिल्कुल भी पीछे नहीं हटे हैं . इंसाफ मिलने तक सत्याग्रह जारी रहेगा . और जहां तक रेलवे की बात है तो आंदोलन के साथ मैं अपनी जिम्मेदारी भी निभा रही हूं .” उन्होने कहा ,” हम आगे की रणनीति बना रहे हैं . हम अहिंसा के साथ आंदोलन को आगे बढाना चाहते हैं . मैं रेलवे में ओएसडी हूं और मेरी बहुत सारी जिम्मेदारियां है तो जब तक आंदोलन नहीं चल रहा है और हम रणनीति बना रहे हैं तब तक मैं यहां अपना काम देख रही हूं .”

नाबालिग लड़की के बयान वापिस लेने की खबरों पर उन्होंने कहा ,” यह फेक न्यूज है . यह हमारे आंदोलन को कमजोर करने और आम जनता को हमसे तोड़ने के लिये ये खबरें चलाई गई हैं जो बिल्कुल गलत है . हम इस लड़ाई में ना कभी पीछे हटे थे और ना ही हटेंगे .” उन्होंने यह भी कहा ,” हम सभी इस आंदोलन में एक हैं और एक ही रहेंगे .” एक अवयस्क समेत सात महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ये पहलवान 23 अप्रैल से जंतर मंतर पर धरने पर बैठे थे.

लेकिन 28 मई को नये संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर वहां महिला महापंचायत के आयोजन के लिये बढने की कोशिश के बाद दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को कानून और व्यवस्था बिगाड़ने के आरोप में हिरासत में ले लिया था . उन्हें शाम को छोड़ दिया गया लेकिन जंतर मंतर को खाली कराके उन्हें दोबारा वहां प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने का ऐलान किया गया. इसके बाद पहलवान 30 मई को हरिद्वार में अपने पदक गंगा में विर्सिजत करने गए लेकिन किसान और खाप नेताओं के समझाने के बाद पदक बहाये बिना लौट आये थे .

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