उच्चतम न्यायालय का फैसला झटका नहीं , हमारे पास सारे विकल्प खुले हैं , कहा प्रदर्शनकारी पहलवानों ने

नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय द्वारा उनकी याचिका पर सुनवाई बंद करने के बाद प्रदर्शनकारी पहलवानों ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह उनके लिये झटका नहीं है और वे प्रदर्शन जारी रखेंगे . पहलवानों ने कहा कि उनके लिये सारे विकल्प खुले हैं और वे बड़ों से सलाह लेकर तय करेंगे कि निचली अदालत में जाना है या उच्च न्यायालय में .

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण ंिसह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पहलवान 23 अप्रैल से धरने पर बैठे हैं. उनका आरोप है कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख ने एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न किया है.
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को तीन महिला पहलवानों की याचिका पर कार्यवाही बंद कर दी जिन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये हैं. उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले इस बात का संज्ञान लिया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है और सात शिकायतकर्ताओं को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की गयी है.

विनेश फोगाट ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ उच्चतम न्यायालय ने जो कुछ किया, हम तहेदिल से आभारी हैं क्योंकि पुलिस ने छह दिन में प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की थी . उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद ही प्राथमिकी दर्ज की गई . हम उच्चतम न्यायालय के फैसले को मानेंगे .’’ उन्होंने कहा ,‘‘ अगर अभी कुछ नहीं होता है तो हमारे पास कई विकल्प है . उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा है कि हम दिल्ली उच्च न्यायालय जा सकते हैं . अगर हमारी मांग पर त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो हम वह भी कर सकते हैं .’’ यह पूछने पर कि क्या यह फैसला उनके लिये झटका है , विनेश ने ना में जवाब दिया .

उन्होंने कहा ,‘‘ बिल्कुल नहीं . हमें पता था कि उच्चतम न्यायालय के हाथ में क्या है . सभी के हाथ बंधे हुए हैं क्योंकि देश संविधान से चलता है, प्रदर्शन से नहीं . प्रदर्शन से संविधान नहीं बदला जा सकता . अदालत कभी किसी की गिरफ्तारी का आदेश नहीं देती . वह अधिकार पुलिस को है .’’ विनेश ने कहा ,‘‘ ऐसा मत सोचो कि न्यायालय के इस फैसले से हमारा मनोबल गिरा है . किसी को गिरफ्तार करना न्यायालय का काम नहीं है . न्यायालय ने अपना काम कर दिया है .

उन्होंने दिल्ली पुलिस से प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है . धरना जारी रहेगा और मांगे वही है .’’ उन्होंने कहा ,‘‘ दिल्ली उच्च न्यायालय जाने के बाद भी अगर दिल्ली पुलिस कोताही बरतती है तो हम उच्चतम न्यायालय फिर जा सकते हैं .’’ इससे पहले दिल्ली पुलिस के खराब व्यवहार से आहत प्रदर्शनकारी पहलवानों ने अपने पदक और पुरस्कार सरकार को लौटाने की धमकी देते हुए कहा कि अगर उनका इस तरह से अपमान किया जाता है तो फिर इन पुरस्कारों का कोई मतलब नहीं है.

बुधवार की रात लगभग 11 बजे तब हंगामा शुरू हो गया जब पहलवान सोने के लिए फोंिल्डग चारपाई लेकर आए और ड्यूटी पर मौजूद पुलिसर्किमयों ने इसके बारे में पूछताछ शुरू कर दी क्योंकि नियमों के अनुसार प्रदर्शन स्थल पर इस तरह की चीजें लाने की अनुमति नहीं है. विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने दावा किया कि पुरुष पुलिस अधिकारियों ने उन्हें धक्का दिया और उनके लिए अपशब्दों का उपयोग किया जिससे उनके आंसू आ गए. संगीता फोगाट के भाई दुष्यंत सहित दो पहलवानों को चोटें आई हैं.

ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया ने गुरुवार की सुबह पत्रकारों से कहा,‘‘ अगर पहलवानों के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है तो फिर हम इन पदकों का क्या करेंगे. इसके बजाय हम अपने सभी पदक और पुरस्कार भारत सरकार को लौटाकर सामान्य ंिजदगी जिएंगे.’’ विनेश, साक्षी और बजरंग तीनों देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार खेल रत्न विजेता हैं. साक्षी (2017) और बजरंग (2019) को देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया है.

बजरंग ने कहा,‘‘ जब पुलिस हमें धक्का दे रही है, हमारे लिए अपशब्द कह रही है, हमारे साथ दुर्व्यवहार कर रही है तब वे यह नहीं देखते कि हम पद्मश्री पुरस्कार विजेता है और केवल मैं ही नहीं यहां साक्षी (मलिक) भी है.’’ साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीता था.

बजरंग ने कहा,‘‘ वे हमारे साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं. महिलाएं और बेटियां सड़कों पर बैठी हैं, दया की भीख मांग रही हैं लेकिन किसी को कुछ परवाह नहीं है.’’ खेल रत्न पुरस्कार विजेता विनेश फोगाट ने कहा,‘‘ हमसे सभी (पदक) ले लो. हमें बहुत अपमानित किया गया है. हम अपने सम्मान के लिए लड़ रहे हैं लेकिन हमें कुचला जा रहा है. क्या सभी पुरुषों को महिलाओं को अपशब्द कहने का अधिकार है. हम अपने सभी पदक लौटा देंगे, यहां तक कि हम अपनी जान दे देंगे लेकिन कम से कम हमें इंसाफ तो दिला दो.’’ हंगामा तब शुरू हुआ जब प्रदर्शनकारी प्रदर्शन स्थल पर अतिरिक्त गद्दे और लकड़ी के बेंच लाने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि बारिश के कारण पुराने गद्दे गीले हो गए थे.

इस बीच दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को उस स्थान पर पहलवानों का प्रवेश रोक दिया जहां वे भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृज भूषण शरण ंिसह के खिलाफ धरने पर बैठे थे .  साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने यहां जंतर मंतर पर प्रेस कांफ्रेंस की लेकिन पुलिस ने पहलवानों को धरना स्थल पर प्रवेश नहीं करने दिया . विनेश की चचेरी बहन और पूर्व विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता तथा 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता गीता फोगाट ने ट्वीट किया कि उन्हें और उनके पति को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है .

विनेश ने कहा ,‘‘ ये लोग आतंकवादी नहीं हैं बल्कि हमारे समर्थन के लिये आ रहे हैं . इनके पास कोई विस्फोटक नहीं हैं और ना ही वे यहां हंगामा करने आ रहे हैं . ये सरल लोग हैं, हमारे बड़े हैं और हमारा दर्द समझते हैं . दिल्ली पुलिस को शर्म आनी चाहिये कि बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय हमारे लोगों को परेशान कर रही है .’’

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