इंदौर के बाल आश्रम में पांच बच्चों की सिलसिलेवार मौत, मुख्यमंत्री ने शोक जताया

इंदौर में बच्चों की मौत की जांच के दौरान "हंसी-ठट्ठा" करते देखे गए एसडीएम का तबादला

इंदौर. इंदौर स्थित एक बाल आश्रम में संदिग्ध परिस्थितियों में पांच बच्चों की सिलसिलेवार तरीके से मौत हो गई, जबकि 31 बच्चों को उल्टी-दस्त की शिकायत के साथ एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मल्हारगंज थाना क्षेत्र में “श्री युगपुरुष धाम” के बाल आश्रम में रविवार से मंगलवार के बीच शुभ (8), करण (12), आकाश (7), छोटा गोविंद (5) और रानी (11) ने दम तोड़ दिया. अधिकारियों ने बताया कि ये बच्चे किसी न किसी शारीरिक या मानसिक परेशानी और दिव्यांगता से जूझ रहे थे.

राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घटनाक्रम पर शोक जताते हुए कहा कि बाल आश्रम के मासूम बच्चों के असामयिक निधन का समाचार हृदय विदारक है. उन्होंने कहा,”मैं बाबा महाकाल से दिवंगत बच्चों की आत्मा को शांति प्रदान करने तथा गंभीर रूप से बीमार सभी बच्चों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.” जिलाधिकारी आशीष सिंह ने बताया,”आश्रम के एक बच्चे ने रविवार को दिमागी दौरे के बाद दम तोड़ा, जबकि संदिग्ध खाद्य विषाक्तता के कारण हुए संक्रमण से उल्टी-दस्त के बाद चार अन्य बच्चों की मौत हुई.” यह पूछे जाने पर कि क्या बीमार बच्चों को वक्त पर प्राथमिक उपचार नहीं दिए जाने से उनकी मौत हुई, जिलाधिकारी ने जवाब दिया कि आश्रम के घटनाक्रम की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है और जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकेगा.

सिंह के मुताबिक कुछ बच्चों के शवों के पोस्टमॉर्टम की शुरुआती रिपोर्ट इशारा करती है कि हृदय और श्वसन तंत्र की विफलता के कारण उनकी मौत हुई, लेकिन इसमें मृत्यु का एकदम सटीक कारण पता नहीं चल सका है. उन्होंने बताया कि बाल आश्रम की रसोई के इस्तेमाल पर अस्थायी रोक लगा दी गई है और बच्चों को इस परिसर के बाहर के एक स्थान से पेयजल और भोजन मुहैया कराया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि अलग-अलग अंतराल में आश्रम से लाए गए कुल 31 बच्चों को शासकीय चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में भर्ती किया गया जिनमें से दो बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है.

अस्पताल की अधीक्षक डॉ. प्रीति मालपानी ने बताया कि आश्रम के बच्चों को सोमवार रात के भोजन के बाद उल्टी-दस्त की समस्या शुरू हुई. उन्होंने बताया,”पहली नजर में लगता है कि खाद्य विषाक्तता के कारण बच्चों की तबीयत बिगड़ी.” अधिकारियों ने बताया कि आश्रम में परोसे गए भोजन और पेयजल के साथ ही बीमार बच्चों के रक्त और मल-मूत्र के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं.
उन्होंने बताया कि बाल आश्रम में अलग-अलग इलाकों से लाए गए 204 बेसहारा बच्चों को रखा गया था जिनमें से पांच बच्चों की मौत हो गई.

“श्री युगपुरुष धाम” के बाल आश्रम की प्राचार्य अनीता शर्मा ने दावा किया कि उनके संस्थान में दम तोड़ने वाले पांच बच्चों में से दो की मौत दिमागी दौरा पड़ने से हुई. उन्होंने बताया कि दोनों बच्चे दिमागी दौरे पड़ने की पुरानी समस्या से जूझ रहे थे और उनका इलाज भी चल रहा था. अधिकारियों ने बताया कि “श्री युगपुरुष धाम” के प्रबंधन की ओर से बाल कल्याण समिति को लिखे पत्र में दावा किया गया है कि आश्रम में रहने वाले 10 बच्चों के ”रक्त में संक्रमण” पाया गया है. हालांकि, प्रशासन ने आश्रम प्रबंधन के इस दावे की अभी तक पुष्टि नहीं की है.

इंदौर में बच्चों की मौत की जांच के दौरान “हंसी-ठट्ठा” करते देखे गए एसडीएम का तबादला

इंदौर के एक बाल आश्रम में सिलसिलेवार बच्चों की संदिग्ध हालात में मौत की जांच के दौरान एक अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के कथित हंसी-ठट्ठा करने का वीडियो मंगलवार को सामने आया. इस वीडियो के सामने आने पर सोशल मीडिया पर प्रशासन की किरकिरी होने के बाद इन अधिकारी को मैदानी (क्षेत्र में) तैनाती से हटा दिया गया.

चश्मदीदों ने बताया कि बच्चों की मौत के मामले की जांच के लिए मल्हारगंज थाना क्षेत्र में “श्री युगपुरुष धाम” के बाल आश्रम पहुंचे एसडीएम ओमनारायण सिंह बड़कुल को आश्रम की प्राचार्य और अन्य अधिकारियों के साथ खडे. होकर कथित तौर पर हंसी-मजाक करते देखा गया. इस वाकये का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आ गया और लोगों ने बच्चों की मौत के गंभीर मामले में एसडीएम के कथित तौर पर असंवेदनशील रवैये की तीखी आलोचना की.

अधिकारियों ने बताया कि इस वाकये के बाद जिलाधिकारी आशीष सिंह ने बड़कुल को एसडीएम के पद से हटाकर जिला निर्वाचन कार्यालय से संबद्ध कर दिया है. उन्होंने बताया कि एक गैर सरकारी संगठन के संचालित बाल आश्रम में रविवार से मंगलवार तक शुभ (आठ), करण (12), आकाश (सात) और छोटा गोविंद (पांच) ने दम तोड़ दिया. उन्होंने बताया कि ये बच्चे किसी न किसी शारीरिक या मानसिक परेशानी और विकलांगता से जूझ रहे थे. अधिकारियों ने बताया कि अब तक अलग-अलग अंतराल में आश्रम से लाए गए कुल 29 बच्चों को शासकीय चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में भर्ती किया गया है.

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