भारतीय मूल की सातवीं पीढ़ी के मॉरीशसवासी अब भारत की विदेशी नागरिकता के लिए पात्र होंगे : मुर्मू

पोर्ट लुईस. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मॉरीशस के लिए एक नये विशेष प्रावधान की घोषणा की, जिसके अंतर्गत भारतीय मूल की सातवीं पीढ़ी के मॉरीशसवासी अब भारत की विदेशी नागरिकता के लिए पात्र होंगे. इस कदम से कई युवा मॉरीशसवासी अपने पूर्वजों की भूमि के साथ फिर से जुड़ने में सक्षम होंगे.

राष्ट्रपति मुर्मू ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगनाथ द्वारा सोमवार को आयोजित राजकीय भोज में अपने संबोधन में गंगा तालाब परिसर को धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन केंद्र के रूप में पुर्निवकिसत करने में मॉरीशस सरकार का समर्थन करने की भी घोषणा की.

मॉरीशस के राजकीय दौरे पर पहुंचीं मुर्मू ने कहा कि यह निर्णय हमारे साझा सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति भारत के सम्मान को दर्शाता है.
गंगा तालाब एक गहरी झील है, जो मॉरीशस के मध्य में सवाने जिले के एक पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है. यह समुद्र तल से लगभग 550 मीटर (1,800 फुट) ऊपर है. मॉरीशस में इसे हिंदुओं के सबसे पवित्र स्थान के तौर पर माना जाता है. उन्होंने कहा, ”मुझे विश्वास है कि इस परियोजना में हमारा सहयोग दोनों देशों के लोगों के बीच जुड़ाव को और मजबूत बनाएगा. ”

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ”मुझे आप सभी को यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि मेरी सरकार ने एक विशेष प्रावधान को मंजूरी दी है, जिसके अंतर्गत भारतीय मूल की सातवीं पीढ़ी के मॉरीशसवासी अब भारत की विदेशी नागरिकता के लिए पात्र होंगे.” उन्होंने कहा, ”इस फैसले से कई युवा मॉरीशसवासी अपने पूर्वजों की भूमि के साथ फिर से जुड़ने में सक्षम होंगे.”

राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों सरकारों के एक-दूसरे को प्राथमिकता देने और रिश्ते में ‘निवेश’ करने के कारण ही द्विपक्षीय संबंधों में प्रभावशाली प्रगति हुई है. उन्होंने कहा, ”मैं प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनाथ जी की उनके दृढ़ नेतृत्व और इस विशेष साझेदारी को और गहरा बनाने के लिए उनकी सरकार द्वारा दिखाई गयी प्रतिबद्धता के लिए विशेष सराहना करती हूं.” मुर्मू ने कहा कि वह मंगलवार को मॉरीशस के 56वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने को लेकर वास्तव में बेहद खुश हैं.

उन्होंने कहा, ” राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालने के बाद जिन चुनिंदा देशों का राजकीय दौरा मैंने किया है, उनमें मॉरीशस भी शामिल है. मैंने हिंद महासागर के मध्य में स्थित इस खूबसूरत देश के बारे में कई अद्भुत बातें सुनी थीं. और केवल कुछ घंटे व्यतीत करने के बाद मैं खुद देख सकती हूं कि आपके देश को ‘पैराडाइस आइलैंड’ क्यों कहा जाता है.” मुर्मू ने कहा कि आज मॉरीशस वास्तव में विकास, लोकतंत्र, विविधता और गतिशीलता का एक प्रतीक बन गया है.

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