शिवराज सिंह चौहान बोले- मैंने राजनीति की परिभाषा बदली, कांग्रेस ने कहा, सत्ता से जाने का है डर
भोपाल. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक भावनात्मक संबोधन में दावा किया कि उन्होंने प्रदेश में राजनीति की परिभाषा बदल दी है. उन्होंने महिलाओं को अपनी बहनें बताया और कांग्रेस पर सरकार में रहने के दौरान लोगों की परवाह नहीं करने का आरोप लगाया.
वह रविवार को सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा सीट के लाडकुई में एक सभा को संबोधित कर रहे थे. प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, ” मैंने मध्य प्रदेश में राजनीति की परिभाषा बदल दी है, आपने वर्षों तक कांग्रेस का शासन देखा है. क्या आपने कभी उन्हें जनता की परवाह करते देखा है?” उन्होंने सभा में मौजूद महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा, “मेरी बहनों, तुम्हें मेरे जैसा भाई नहीं मिलेगा, जब मैं नहीं रहूंगा तो तुम्हें मेरी याद आएगी.” मुख्यमंत्री चौहान अपने हालिया कुछ भाषणों के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए भावुक हो गए थे.
अगस्त में, उन्होंने ‘लाडली बहना योजना’ में महिलाओं को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 1,250 रुपये प्रति माह करने की घोषणा की और सरकारी नौकरियों में उनके लिए 35 प्रतिशत आरक्षण की भी घोषणा की. बुधनी में दिए गए मुख्यमंत्री के बयान को लेकर पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर, मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने सोमवार को दावा किया कि उन्हें (चौहान) उनके ‘झूठ’ और ‘घोषणाओं’ के लिए याद किया जाएगा.
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के बयान और वर्तमान परिस्थितियों से संकेत मिलता है कि उनका (सत्ता से) जाना तय है. यादव ने कहा, ” मैंने चौहान का संबोधन देखा है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी कमी खलेगी. इससे पता चलता है कि भाजपा सरकार के खिलाफ वोट दिया जा रहा है.” इससे पहले, पिछले हफ्ते खरगोन में एक सभा को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा था कि उन्हें किसी पद का कोई लालच नहीं है.
उन्होंने कहा, ”अगर मेरा मांस और हड्डियां आपके (जनता के) और बच्चों के काम आएं तो मेरा जीवन सफल हो जाएगा.” अपने हालिया भाषणों में कई बार चौहान ने कहा कि वह सरकार नहीं बल्कि एक परिवार चलाते हैं. वर्ष 2018 के चुनावों में मध्य प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा आई थी. कांग्रेस ने 114 सीटें जीतीं और गठबंधन सरकार बनाई थी जबकि भाजपा को 109 सीटें मिली थी.
हालांकि, कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार 15 महीने बाद मार्च 2020 में गिर गई थी, क्योंकि कांग्रेस के कई विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे जिनमें से अधिकांश केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार माने जाते हैं. इसके बाद भाजपा ने चौहान के नेतृत्व में सरकार बनाई.