श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद : उच्च न्यायालय में कार्यवाही पर रोक लगाने से उच्चतम न्यायालय का इनकार

नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित मुकदमों पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया और कहा कि दोनों पक्षों को सुने बिना उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करना उचित नहीं होगा.

शीर्ष अदालत उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. उच्च न्यायलय ने मथुरा की एक अदालत के समक्ष लंबित विवाद से संबंधित सभी मामलों को अपने पास स्थानांतरित कर लिया था. उच्च न्यायालय के 26 मई के आदेश को चुनौती देने वाली शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति की ओर से दायर याचिका न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई. पीठ में न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह भी शामिल थे.

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने पीठ से उच्च न्यायालय के समक्ष चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने का आग्रह किया. पीठ ने कहा, ”दोनों पक्षों को सुने बिना, उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करना उचित नहीं होगा. पिछली बार, हमने इस पर रोक नहीं लगाई थी. अब, आप कहते हैं कि कुछ और कहा जाना बाकी है. इसका मतलब यह नहीं है कि वहां रोक लगानी होगी.” शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले में उच्च न्यायालय के समक्ष कुल मिलाकर 18 याचिकाएं लंबित हैं.

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उनके पास मुकदमा लड़ने की खातिर इलाहाबाद जाने के लिए वित्तीय साधन नहीं हैं, क्योंकि मथुरा से वहां की दूरी 600 किमी से अधिक है. वकील ने कहा कि दिल्ली में मुकदमों की सुनवाई उनके लिए सुविधाजनक होगी, क्योंकि मथुरा से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने में दो से तीन घंटे लगते हैं.

पीठ ने कहा कि इस दलील को स्वीकार करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि दिल्ली की अदालत पर पहले से ही अत्यधिक बोझ है. न्यायालय ने कहा, ”यह हमें स्वीकार्य नहीं है कि आप दिल्ली आ सकते हैं लेकिन इलाहाबाद नहीं जा सकते.” पीठ ने कहा कि उसे मामले की सुनवाई करनी होगी और उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश का परीक्षण करना होगा.

पीठ ने इसके साथ ही दोनों पक्षों से यह भी कहा कि वे अपनी दलील का संक्षिप्त सारांश दाखिल करें, जो तीन पृष्ठों से अधिक का न हो.
इसने मामले को नौ जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. न्यायमूर्ति कौल ने कहा, ”व्यक्तिगत रूप से, मैं इलाहाबाद उच्च न्यायालय पर अविश्वास नहीं कर सकता.” उच्च न्यायालय ने 26 मई को मथुरा अदालत में लंबित श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित सभी मामलों को अपने पास स्थानांतरित कर लिया था.

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