सिविल सेवा परीक्षा में श्रुति शर्मा ने शीर्ष स्थान हासिल किया, पहले तीन स्थानों पर महिलाओं का कब्जा

नयी दिल्ली. सिविल सेवा परीक्षा-2021 में इतिहास की छात्रा श्रुति शर्मा ने शीर्ष स्थान हासिल किया है और प्रथम तीन रैंक पर महिलाओं ने कब्जा जमाया. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सोमवार को परीक्षा परिणामों की घोषणा की. शर्मा उत्तर प्रदेश के बिजनौर की रहने वाली हैं. उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से स्रातक की उपाधि हासिल की और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से स्रातकोत्तर किया है. यूपीएससी ने बताया कि अंकिता अग्रवाल और गामिनी ंिसगला ने क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया.

आयोग ने बताया कि परीक्षा में 508 पुरुष और 177 महिलाओं समेत कुल 685 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए तथा विभिन्न केंद्रीय सेवाओं में नियुक्ति के लिये उनके नामों की अनुशंसा की गई है. आयोग ने कहा, ”सफल अर्भ्यिथयों में पहले तीन स्थानों पर महिलाएं रहीं.” आयोग के अनुसार, शीर्ष 25 में 15 पुरुष और 10 महिलाएं हैं. शीर्ष तीन स्थान हासिल करने वाली तीनों महिलाओं ने कहा कि वे महिला सशक्तिकरण और शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसे अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में काम करना चाहेंगी.

उन्होंने बताया कि स्व-अध्ययन ने परीक्षा की तैयारी और आखिरकार इसे उत्तीर्ण करने में उनकी काफी मदद की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सफल अर्भ्यिथयों को बधाई दी और कहा कि वह जानते हैं कि जो इसमें सफल नहीं हो सकें, वे भी मेधावी युवा हैं और वे किसी न किसी क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ेंगे.

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ”सिविल सेवा परीक्षा-2021 में सफलता पाने वाले सभी उम्मीदवारों को बधाई. इन युवाओं को मेरी शुभकामनाएं, जो भारत की विकास यात्रा के ऐसे महत्वपूर्ण समय में अपने प्रशासनिक करियर की शुरुआत करने जा रहे हैं, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं.” उन्होंने कहा, ”मैं सिविल सेवा परीक्षा में सफल नहीं हो सके उम्मीदवारों की निराशा को पूरी तरह से समझता हूं लेकिन मैं यह भी जानता हूं कि जो इसमें सफल नहीं हो सके, वे भी मेधावी युवा हैं, जो किसी न किसी क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ेंगे और भारत को गौरवान्वित करेंगे. इन्हें मेरी शुभकामनाएं.” दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास (आॅनर्स) के साथ स्रातक कर चुकीं शर्मा का परीक्षा में वैकल्पिक विषय इतिहास था.

शर्मा ने दूसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की. उन्होंने कहा कि ”अत्यंत सहायक” माता-पिता और दोस्तों ने उनकी इस यात्रा में मदद की. उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने खुद के नोट्स बनाया करती थी. धैर्य और निरंतरता के अलावा स्व-अध्ययन ने मेरी काफी मदद की.’’ शर्मा ने भारतीय प्रशासनिक सेवा को अपना पहला विकल्प चुना था. उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा और महिला सशक्तिकरण मेरे दो अहम क्षेत्र रहेंगे.’’ दिल्ली विश्वविद्यालय से ही अर्थशास्त्र में स्रातक कर चुकीं अग्रवाल दूसरे स्थान पर रहीं. परीक्षा में उनका वैकल्पिक विषय राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध था.

उन्होंने फोन पर पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैंने आईएएस का विकल्प चुना था और मैं महिला सशक्तिकरण, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल तथा स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहूंगी.’’ कंप्यूटर साइंस में बी.टेक करने वाली ंिसगला तीसरे स्थान पर रहीं. परीक्षा में उनका वैकल्पिक विषय समाजशास्त्र था. उन्होंने पंजाब के आनंदपुर साहिब से ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया, ‘‘मैं देश के विकास और लोगों के कल्याण के लिए, खासतौर पर महिला सशक्तिकरण के लिए काम करना चाहूंगी. ’’ ंिसगला ने वैकल्पिक विषय समाजशास्त्र रखा था. प्रेस ट्रस्ट आॅफ इंडिया में पत्रकार आकाश जोशी ने 337वां रैंक हासिल किया.

पीटीआई में कॉपी एडिटर के तौर पर काम करने वाले जोशी ने कहा, ‘‘मैं अपने चयन से बहुत खुश हूं. मैं भारतीय पुलिस सेवा मिलने की उम्मीद कर रहा हूं.’’ आयोग ने बताया कि सफल लोगों में सामान्य वर्ग के 244, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 73, अन्य पिछड़ा वर्ग के 203, अनुसूचित जाति के 105 और अनुसूचित जनजाति के 60 अभ्यर्थी शामिल हैं.

हर साल सिविल सेवा परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है. यह परीक्षा तीन चरणों में होती है, जिसके तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों का चयन किया जाता है.
यूपीएससी की लिखित (मुख्य) परीक्षा का आयोजन जनवरी, 2022 में किया गया था और साक्षात्कार अप्रैल-मई में आयोजित किए गए थे.

आयोग ने कहा, ”यूपीएससी परिसर में परीक्षा हॉल के पास एक ‘सुविधा काउंटर’ है. उम्मीदवार अपनी परीक्षा / भर्ती के संबंध में कोई भी जानकारी / स्पष्टीकरण, कार्य दिवसों में सुबह दस बजे से शाम पांच बजे के बीच व्यक्तिगत रूप से जा कर या फोन पर प्राप्त कर सकते हैं.” यूपीएससी की वेबसाइट पर भी परिणाम उपलब्ध हैं.

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