कुछ लोग 80 वर्ष से अधिक उम्र में भी सेवानिवृत्त नहीं होना चाहते : अजित का शरद पवार पर कटाक्ष

मुंबई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता एवं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को अपने चाचा शरद पवार की उम्र को लेकर उनपर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोग 80 वर्ष से अधिक आयु के होने पर भी राजनीति से सेवानिवृत्त नहीं होना चाहते.

अजित पवार ने ठाणे में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ”महाराष्ट्र सरकार के कर्मचारी 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं. ज्यादातर लोग 75 वर्ष की आयु के होने के बाद अपने सक्रिय पेशेवर जीवन को आमतौर पर रोक देते हैं. लेकिन कुछ ऐसे लोग (शरद पवार जैसे) भी हैं जो 80 वर्ष की आयु को पार करने के बाद और अब 84 वर्ष के होने पर भी सेवानिवृत्ति के लिए तैयार नहीं हैं.” अजित पवार और उनके प्रति निष्ठा रखने वाले कुछ विधायक पिछले साल जुलाई में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हुए थे. इसके बाद, उन्होंने राकांपा के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किया था. इस कदम को राकांपा संस्थापक शरद पवार ने निर्वाचन आयोग में चुनौती दी थी.

अजित ने कहा, ”हम यहां काम करने के लिए हैं और हम काम करेंगे.” उन्होंने कहा कि वह लोगों की सेवा करने के लिए राज्य सरकार में शामिल हुए हैं. मराठा समुदाय को आरक्षण के लिए चलाये जा रहे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे को परोक्ष रूप से चेतावनी देते हुए अजित ने कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार संवैधानिक ढांचे के अंदर मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है.

राकांपा (शरद पवार गुट) के विधायक जितेंद्र आव्हाड की ओर संभवत: इशारा करते हुए अजित ने कहा कि कुछ लोग चर्चा को विकासात्मक मुद्दों से भटकाकर अनावश्यक विवादों की ओर ले जा रहे हैं. उपमुख्यमंत्री ने लोगों से ऐसे भटकाव को नजरअंदाज करने का आग्रह किया. भगवान राम पर आव्हाड की हालिया टिप्पणियों ने एक बड़ा विवाद पैदा किया है. अजित ने राकांपा कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनावों से पहले एकजुट होने, जिले में पार्टी की मजबूती प्रर्दिशत करने और तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उम्मीदवारी का समर्थन करने की अपील की.

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