श्रीकांत जीते, सिंधू और प्रणय सिंगापुर ओपन से बाहर

सिंगापुर. किदांबी श्रीकांत ने मंगलवार को यहां दूसरे दौर में जगह बनाई लेकिन दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू और एचएस प्रणय सिंगापुर ओपन सुपर 750 टूर्नामेंट के पहले दौर में विपरीत अंदाज में हार के साथ प्रतियोगिता से बाहर हो गए. विश्व चैंपियनशिप 2021 के रजत पदक विजेता श्रीकांत ने पुरुष एकल के पहले दौर में थाईलैंड के केंटाफोन वेंगचारोन को सीधे गेम में 21-15 21-19 से हराया.

दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी श्रीकांत अगले दौर में चीनी ताइपे के चिया हाओ ली से भिड़ेंगे जिन्होंने जापान के केंटा निशिमोटो को हराया. ओरलियंस मास्टर्स विजेता प्रियांशु राजावत ने भी जापान के केंटा सुनेयामा को सीधे गेम में 21-12 21-15 से हराकर दूसरे दौर में प्रवेश किया. मध्य प्रदेश का यह 21 वर्षीय खिलाड़ी अगले दौर में जापान के दुनिया के चौथे नंबर के खिलाड़ी कोडाई नेरोका से भिड़ेगा.

गत चैंपियन सिंधू को दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी जापान की अकाने यामागुची को कड़ी चुनौती पेश करने के बावजूद एक घंटे से अधिक चले मुकाबले में तीन गेम में 21-18 19-21 17-21 से हार झेलनी पड़ी. वह पिछले हफ्ते थाईलैंड ओपन के भी पहले दौर में हार गईं थी.

मलेशिया मास्टर्स के रूप अपना पहला बीडब्ल्यूएफ खिताब जीतने के बाद इस टूर्नामेंट में उतरे प्रणय के पास युवा कोडाई नेरोका की चुनौती का कोई जवाब नहीं था. जापान के तीसरे वरीय खिलाड़ी ने 56 मिनट चले मुकाबले में 21-15 21-19 से जीत दर्ज की.
एमआर अर्जुन और ध्रुव कपिला की पुरुष युगल जोड़ी हालांकि लुकास कार्वी और रोनान लबार की जोड़ी को पहले दौर के मुकाबले में 21-16 21-15 से हराने में सफल रही.

अन्य भारतीयों में लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल को पूर्व विश्व चैंपियन थाईलैंड की रत्चानोक इंतानोन के खिलाफ 13-21 15-21 से हार झेलनी पड़ी जबकि आकर्शी कश्यप को थाईलैंड की ही सुपानिदा केटथोंग ने पहले दौर के मुकाबले में 21-17 21-9 से हराया.

इस मैच से पहले सिंधू का यामागुची के खिलाफ जीत-हार का रिकॉर्ड 14-9 था. जापान की खिलाड़ी ने अच्छी शुरुआत करते हुए 5-3 की बढ़त बनाई लेकिन सिंधू लगातार तीन अंक के साथ स्कोर 8-5 करने में सफल रहीं. सिंधू ने इस बढ़त को बरकरार रखते हुए पहला गेम जीता.

दूसरे गेम में यामागुची ने 8-4 की बढ़त बनाई और इसे 18-14 तक पहुंचाया. जापान की खिलाड़ी ने इसके बाद कुछ विषम पलों से उबरते हुए दूसरा गेम जीत लिया. तीसरे और निर्णायक मुकाबले में यामागुची ने बेहतर प्रदर्शन किया. उन्होंने ब्रेक तक 11-8 की बढ़त बनाई और फिर इसे अंत तक बरकरार रखते हुए आसानी से गेम और मैच जीत लिया.

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