चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार मानव के क्रमिक विकास पर शोध के लिए स्वीडिश वैज्ञानिक को मिला

स्टाकहोम. चिकित्सा के क्षेत्र में इस वर्ष का नोबेल पुरस्कार ‘मानव के क्रमिक विकास’ पर खोज के लिए स्वीडिश वैज्ञानिक स्वैंते पैबो को देने की घोषणा की गई है. पुरस्कार समिति ने कहा कि उनकी इस खोज ने हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली पर और हमें मानव की विलुप्त प्रजातियों की तुलना में अनूठा बनाने वाले कारकों पर महत्वपूर्ण अंतर्दृष्­टि उपलब्ध कराई है. नोबेल कमेटी के सचिव थॉमस पर्लमैन ने स्टाकहोम,स्वीडन के कैरोंिलस्का इंस्टीट्यूट में सोमवार को इस पुरस्कार के विजेता की घोषणा की.

गौरतलब है कि पैबो के पिता सुने बर्गस्ट्रॉम को भी 1982 में चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार मिला था. पैबो ने आधुनिक मानव और मनुष्य से काफी मिलती-जुलती विलुप्त प्रजाति निएंडरथल एवं डेनिसोवंस के ‘जीनोम’ की तुलना करने के लिए नयी तकनीक विकसित करने में अनुसंधानकर्ताओं का नेतृत्व किया.

निएंडरथल की अस्थियां सर्वप्रथम 19वीं सदी के मध्य में खोजी गई थी. उसके डीएनए की संरचना का पता लगाने से यह सफलता मिली थी. इस उपलब्धि को अक्सर ‘जीवन का कोड’ के तौर पर जाना जाता है. इस तरह, प्रजातियों के बीच संबंध को पूरी तरह से समझ पाने में वैज्ञानिक सफल रहे थे. नोबेल कमेटी की अध्यक्ष एना वेडेल ने कहा कि इसमें वह समय शामिल है जब आधुनिक मानव और निएंडरथल एक प्रजाति के रूप में अलग-अलग हुए. यह समय करीब आठ लाख वर्ष पूर्व माना जाता है.

उन्होंने कहा, ‘‘पैबो और उनकी टीम ने यह भी पाया कि जीन प्रवाह निएंडरथल से होमो सेपियंस में हुआ. उनकी खोज में यह पता चला कि सह-अस्तित्व की अवधि के दौरान उन्होंने साथ मिल कर संतान को जन्म दिया होगा.’’ जीन के स्थानांतरण ने कोरोना वायरस जैसे संक्रमण के प्रति आधुनिक मानव की प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया के तौर-तरीकों को प्रभावित किया.

अफ्रीका महाद्वीप के बाहर करीब एक से दो प्रतिशत लोगों के निएंडरथल जीन हैं. पैबो(67) ने पुरस्कार दिलाने वाला अपना यह अनुसंधान जर्मनी के म्यूनिख विश्वविद्यालय और लेपजीग के मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट फॉर इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी में किया. चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के ऐलान के साथ ही नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की शुरूआत हो गई है. मंगलवार को भौतिकी

विज्ञान, बुधवार को रसायन विज्ञान और बृहस्पतिवार को साहित्य के क्षेत्र में इन पुरस्कारों की घोषणा की जाएगी. इस वर्ष (2022) के नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में पुरस्कार की घोषणा 10 अक्टूबर को की जाएगी. पुरस्कार के रूप में विजेता को करीब एक करोड़ स्वीडिश क्रोना (करीब 9,00,000 डॉलर) दिया जाएगा.

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