ठाकरे ने बागी विधायकों से लौटने को कहा, शिंदे ने राउत, आदित्य के बयान की याद दिलाई
मुंबई. शिवसेना के सभी नौ बागी मंत्रियों के विभागों को वापस लेने के एक दिन बाद तथा अलग हुए विधायकों को उच्चतम न्यायालय से राहत मिलने की पृष्ठभूमि में पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को गुवाहाटी में डेरा डाले असंतुष्ट नेताओं से मुंबई लौटने तथा उनसे बातचीत करने की अपील की. ठाकरे ने कहा कि ‘अब भी देर नहीं हुई है.’ हालांकि, बागी विधायकों का नेतृत्व कर रहे एकनाथ शिंदे नरम पड़ते नहीं दिखे और उन्होंने शिवसेना नेतृत्व को याद दिलाई कि उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे और पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने जिस तरह बागियों को लेकर बयानबाजी की है, उससे यह सुलह प्रस्ताव अलग है.
ठाकरे के एक सहयोगी ने मुख्यमंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा ‘‘अभी बहुत देर नहीं हुई है. मैं आपसे अपील करता हूं कि आप वापस आएं और मेरे साथ बैठें तथा शिवसैनिकों और जनता के बीच बने भ्रम (जो आपके कार्यों से पैदा हुआ) को दूर करें.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप वापस आते हैं और मुझसे बात करते हैं तो कोई रास्ता निकलेगा. पार्टी अध्यक्ष और परिवार के प्रमुख के रूप में मुझे अब भी आपकी परवाह है.’’ बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने गुवाहाटी में डेरा डाले कुछ विधायकों के नामों का खुलासा करने के लिये पार्टी को चुनौती दी है, जो कथित तौर पर पार्टी नेतृत्व के संपर्क में हैं.
शिंदे ने मराठी में ट्वीट किया, ‘‘एक तरफ आपके बेटे और प्रवक्ता, पूज्य बालासाहेब ठाकरे के शिवसैनिकों को सूअर, नाले की गंदगी, कुत्ते, लाश, जाहिल कहते हैं और दूसरी तरफ ंिहदू विरोधी एमवीए सरकार बचाने के लिए (बागी) विधायकों से समझौता करने का आ’’ान करते हैं. इसका क्या मतलब है.’’ शिवसेना नेतृत्व और शिंदे के बीच पार्टी को नियंत्रित करने के लिए गतिरोध के बीच, पार्टी के नेता खासकर संजय राउत उन पर तीखे हमले कर रहे हैं. राउत ने रविवार को कहा था कि गुवाहाटी से ‘‘बिना आत्मा के 40 शव आएंगे.’’
मुंबई के पास कर्जत में शिवसेना कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने सोमवार को कहा कि हर शिवसैनिक मौजूदा स्थिति को एक अवसर के रूप में देख रहा है, समस्या के रूप में नहीं. आदित्य ने कहा, ‘‘गंदगी जा चुकी है. अब हम कुछ अच्छा कर सकते हैं.’’ उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ शिवसेना के बागी विधायकों को राहत प्रदान करते हुए सोमवार को कहा कि संबंधित विधायकों की अयोग्यता पर 11 जुलाई तक फैसला नहीं लिया जाना चाहिए. अदालत ने महाराष्ट्र सरकार की उस याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से भी इनकार कर दिया, जिसमें विधानसभा में बहुमत परीक्षण नहीं कराए जाने का अनुरोध किया गया था.
पिछले आठ दिनों में जब से शिंदे ने बगावत की, असंतुष्टों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती गई और शिवसेना के अधिकतर विधायक और यहां तक कि मंत्री भी विद्रोही खेमे में चले गए. उद्धव ठाकरे ने कहा कि गुवाहाटी में कुछ बागी विधायकों के परिवारों के सदस्य उनके और पार्टी के संपर्क में हैं और उन्होंने विधायकों की भावनाओं से उन्हें अवगत करा दिया है. ठाकरे ने कहा, ‘‘आपके बारे में हर दिन नयी जानकारी सामने आ रही है और आप में से कई लोग संपर्क में भी हैं. आप दिल से अब भी शिवसेना के साथ हैं.’’ शिवसेना ने दावा किया है कि बागी खेमे के कम से कम 20 विधायक पार्टी के संपर्क में हैं.