ठाणे रसायन फैक्टरी के मालिकों को पता था कि चूक से विस्फोट हो सकता है…
ठाणे: महाराष्ट्र में ठाणे जिले के डोंबिवली में एक रसायन फैक्टरी में विस्फोट होने के संबंध में दर्ज की गई प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि फैक्टरी मालिकों ने यह जानते हुए भी रासायनिक पदार्थों के मिश्रण और भंडारण में सावधानी नहीं बरती कि कोई भी चूक होने पर विस्फोट होने का खतरा है।
फैक्टरी में हुए विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई है और 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं। प्राथमिकी में कंपनी के मालिकों/निदेशकों मालती प्रदीप मेहता, मयाल प्रदीप मेहता एवं अन्य निदेशकों, प्रबंधन कर्मचारियों एवं उन अधिकारियों के नाम शामिल हैं, जिन पर कारखाने की निगरानी की जिम्मेदारी थी। उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
डोंबिवली एमआईडीसी क्षेत्र के ‘फेस-2’ में स्थित ‘अमुदान केमिकल्स’ की इकाई में हुए विस्फोट के लगभग 12 घंटे बाद महाराष्ट्र के ठाणे जिले में मानपाडा पुलिस ने बृहस्पतिवार रात लगभग एक बजकर 50 मिनट पर प्राथमिकी दर्ज की।
प्राथमिकी के अनुसार, बॉयलर में विस्फोट के कारण ढही फैक्टरी के मलबे में कुछ और लोग भी दबे हो सकते हैं।
आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या (धारा 304), जानबूझकर चोट पहुंचाने और ज्वलनशील पदार्थ एवं विस्फोटक पदार्थों के संबंध में लापरवाही बरतने के आरोप में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इसके अलावा पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत भी आरोप लगाए हैं। प्राथमिकी में कहा गया है कि कंपनी ने यह जानते हुए भी रसायनों के मिश्रण बनाने, अंतिम उत्पाद बनाने और उनके भंडारण को लेकर सावधानी नहीं बरती कि किसी भी प्रकार की चूक से विस्फोट हो सकता है और इससे कंपनी एवं उसके आसपास की संरचनाएं प्रभावित हो सकती है और उन्हें नुकसान पहुंच सकता है।
इसमें कहा गया है कि ये चूक होने के कारण बृहस्पतिवार को विस्फोट हुआ, जिसकी वजह से कारखाने के परिसर और आसपास स्थित कंपनी परिसरों में लोगों की मौत हुई। इसमें कहा गया है कि विस्फोट इतना जोरदार था कि इससे घरों की खिड़कियों के शीशे टूट गए और कारखाने के आसपास खड़ी कारों, सड़कों और बिजली के खंभों को नुकसान पहुंचा।
बचाव अभियान में मदद कर रहे राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बृहस्पतिवार को बताया था कि फैक्टरी में खाद्य रंगों का उत्पादन किया जाता है और ‘पेरोक्साइड’ का उपयोग किया जाता है जिससे कुछ विशेष परिस्थितियों में विस्फोट होने का खतरा रहता है।