भारतीय जन औषधि परियोजना की उपलब्धियां काफी संतोषप्रद: मोदी

नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जन औषधि परियोजना की उपलब्धियां काफी संतोषप्रद हैं और इससे न केवल इलाज के खर्च को लेकर देश के करोड़ों लोगों की ंिचताएं दूर हुई हैं, बल्कि उनका जीवन भी आसान हुआ है. प्रधानमंत्री ने जन औषधि दिवस के अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया की ओर से किए गए एक ट्वीट में जवाब में यह बात कही.

मांडविया ने कहा, ‘‘देश में आज प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना का पांचवां वर्ष मनाया जा रहा है. इस परियोजना ने भारत के आम जनमानस के जीवन पर सीधा सकारात्मक प्रभाव डाला है. एक मृत योजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुन: जीवित कर देशवासियों की सेवा में सर्मिपत किया है.’’ जन औषधि के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रत्येक वर्ष सात मार्च को ’’जन औषधि दिवस’’ मनाया जाता है.

इसके जवाब में मोदी ने कहा, ‘‘भारतीय जन औषधि परियोजना की उपलब्धियां काफी संतोषप्रद हैं. इससे न केवल इलाज के खर्च को लेकर देश के करोड़ों लोगों की ंिचताएं दूर हुई हैं, बल्कि उनका जीवन भी आसान हुआ है.’’ ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने गरीबों और मध्यम वर्गीय परिवारों को ध्यान में रखते हुए सस्ती दवा मुहैया कराने के लिए साल 2015 में ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना’ की शुरुआत की थी.

इस परियोजना के तहत जनता को सस्ती दरों पर जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए पूरे देश में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले गए हैं. जन औषधि दवाओं की कीमतें आम तौर पर ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत कम होतीं हैं. जेनेरिक दवाएं उन दवाओं को कहा जाता है, जिनका कोई अपना ब्रांड नेम नहीं होता है, वह अपने सॉल्ट नेम से बाजार में जानी-पहचानी जाती हैं.

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत देश भर में पहले से ही 9000 से अधिक जन औषधि केंद्र काम कर रहे हैं. सरकार ने मार्च 2024 तक जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य तय किया है. सरकार ने इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ही 651 जिलों में जन औषधि केंद्र खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.

Related Articles

Back to top button