
The Bonus Market Update: भारतीय शेयर बाजार में साल के अंतिम कारोबारी सप्ताह की शुरुआत भारी दबाव के साथ हुई। वैश्विक बाजारों से मिलने वाले मिले-जुले संकेतों और साल के अंत में निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली के चलते घरेलू बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी लगातार चौथे कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए। गिरावट का असर केवल इक्विटी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया भी टूटकर 89.97 के स्तर पर आ गया।
बाजार 26000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे पहुंचा
सोमवार को बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदनशील सूचकांक सेंसेक्स 345.91 अंक (0.41%) की गिरावट के साथ 84,695.54 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 100.20 अंक (0.38%) फिसलकर 25,942.10 पर आ गया। बाजार की इस गिरावट ने निफ्टी को 26,000 के महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे धकेल दिया है, जो शॉर्ट-टर्म चार्ट पर कमजोरी का संकेत है।
बाजार को नीचे खींचने में सबसे बड़ी भूमिका दिग्गज आईटी और इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरों की रही। निफ्टी-50 पैक में एचसीएल टेक और अदाणी पोर्ट्स करीब 2-2% की गिरावट के साथ टॉप लूजर्स की सूची में रहे। अमेरिकी श्रम आंकड़ों और फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता के बीच आईटी सेक्टर में बिकवाली देखी गई। पोर्ट सेक्टर में वॉल्यूम को लेकर चिंताओं और तकनीकी सुधार के कारण शेयर में दबाव रहा। इसके अलावा, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक जैसे हेवीवेट शेयरों में भी सुस्ती दर्ज की गई।
रुपया 90 के करीब पहुंचा
विदेशी मुद्रा बाजार में भारतीय रुपया और कमजोर हो गया। सोमवार को रुपया अपने पिछले बंद के मुकाबले 8 पैसे या 0.1% गिरकर 89. 89.98 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव ने घरेलू मुद्रा पर दबाव बनाए रखा है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि रुपया 90 का स्तर पार करता है, तो यह आयातित मुद्रास्फीति के लिए जोखिम पैदा कर सकता है।



