प्रभु श्रीराम को समर्पित बजट उप्र के समग्र और संतुलित विकास का आर्थिक दस्तावेज है : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिये विधानसभा में पेश बजट को प्रभु श्रीराम को सर्मिपत करते हुए कहा कि प्रदेश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा बजट राज्य के समग्र और संतुलित विकास का एक आर्थिक दस्तावेज है.

वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना द्वारा आज विधानसभा में बजट पेश करने के बाद मुख्यमंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी सरकार का यह आठवां बजट है और हर साल बजट किसी न किसी विषय (थीम) पर आधारित होता है. उन्होंने कहा कि इस बार यह बजट प्रभु श्रीराम को सर्मिपत है.

उन्होंने कहा, ” आज का बजट प्रभु श्रीराम को सर्मिपत है. बजट की शुरुआत में, उसके मध्य में और अंत में प्रभु श्री राम हैं तथा बजट के संकल्प के एक-एक शब्द में श्री राम हैं क्योंकि श्रीराम लोकमंगल के पर्याय हैं. लोकमंगल के प्रति सर्मिपत यह बजट भी प्रदेश के समग्र और संतुलित विकास का एक आर्थिक दस्तावेज है.”

मुख्यमंत्री ने कहा, ” हम सब जानते हैं कि आस्था, अंत्योदय और अर्थव्यवस्था को सर्मिपत हमारा आज का सात लाख 36 हजार 437 करोड़ रुपये का यह बजट उत्तर प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट है. पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में बजट में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. बजट के आकार में बढ़ोतरी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की ‘डबल इंजन’ सरकार ((केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार) की प्रतिबद्धता को प्रस्तुत करती है.”

उन्होंने कहा, ” बजट में कुछ चीजें हैं जो हम सबके लिए बहुत मायने रखती हैं. पहली बार दो लाख तीन हजार 782 करोड़ रुपये का प्रावधान पूंजीगत व्यय के लिए किया गया है. यानी यह इस बात को प्रर्दिशत करता है कि मूलभूत ढांचे पर जब धनराशि खर्च होगी तो वह रोजगार का सृजन तो करेगा ही साथ ही अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी. हमारी सरकार शुरू से ही इस बात पर ध्यान देती रही है कि हमें समग्र विकास की अवधारणा पर कार्य करना है. इस अवधारणा का ही परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश सरकार के बजट के दायरे को हम बढ़ाने में सफल हुए हैं.”

मुख्यमंत्री ने कहा,”आज उप्र देश में दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन चुका है. ऐसा इसलिए संभव हो सका है क्योंकि सरकार ने ना केवल कर चोरी को रोका है, बल्कि राजस्व में लीकेज को समाप्त करने के लिए जो भी उपाय हो सकते थे उसे सरकार के विभिन्न विभागों ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ किया है. यही कारण है कि उप्र आज एक ‘रेवेन्यू सरप्लस’ (राजस्व आधिक्य) राज्य बन चुका है.” उन्होंने कहा कि पिछले सात साल में राजस्व में कई गुना वृद्धि हुई है, लेकिन इसके लिए ना तो कोई अतिरिक्त कर लगाया गया और ना ही आम आदमी पर बोझ बढ़ाया गया. उन्होंने कहा कि इस दौरान लोकमंगल की तमाम योजनाएं भी बड़े पैमाने पर संचालित की गईं.

आदित्यनाथ ने पत्रकारों को बताया कि प्रदेश में बुदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के गठन की कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए भी प्रयास किया गया है. प्रदेश के अंदर 46 साल बाद नया शहर बनेगा, जो कानपुर और झांसी के बीच बनेगा. इसके साथ ही उप्र में आध्यात्मिक पर्यटन के स्थान अयोध्या, काशी, मथुरा, नैमिषारण्य, विंध्याचल, देवीपाटन और बरेली में नाथ कॉरिडोर की ‘थीम’ पर आधारित बुनियादी ढांचे के विकास लिए बजट का प्रावधान किया गया है.

प्रयागराज में कुंभ संग्रहालय के लिए बजट का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि आजमगढ़ के हरिहरपुर में संगीत महाविद्यालय, अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध केंद्र की स्थापना, किसानों के लिए मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना, प्रदेश में राज्य कृषि योजना के लिए भी बजट की व्यवस्था की गई है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में निजी नलकूप किसानों को बिजली उपलब्ध कराने के लिए धनराशि का प्रावधान किया गया है. ‘ग्लोबल वार्मिंग’ से कृषि को प्रभावित होने से बचाने के लिए ‘ऑटोमेटिक रेन गेज’ की स्थापना हर ग्राम पंचायत में की जाएगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि उप्र के नामकरण का ये अमृतकाल है ऐसे में यह बजट और भी महत्वपूर्ण हो जाता है. सरकार ने ग्रीन बजट की अवधारणा को सार्थक करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किये हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा, ”प्रदेश के 17 विभागों को ‘ग्रीन टैगिंग’ देने की शुरुआत हुई है. ग्रीन टैगिंग करने के मामले में उप्र पहला राज्य होगा. हमारी बजट प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल हो चुकी है. हमारा बजट पिंक बजट भी है. ये माताओं, बहनों, बेटियों के कल्याण पर आधारित बजट है.” मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार का ये आठवां बजट है. उनकी सरकार के पिछले सभी बजट किसी ना किसी विषय (थीम) को लेकर प्रस्तुत किये गये हैं.

उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 का बजट प्रभु श्रीराम को सर्मिपत करते हुए लोकमंगल की भावना को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा, ”तुलसीदास जी के शब्दों में ‘एही महं आदि मध्य अवसाना,प्रभु प्रतिपाद्य राम भगवाना’ की स्थिति है यानी बजट के शुरुआत, मध्य और अंत में श्रीराम हैं. बजट के विचार और इसके संकल्प में श्रीराम हैं.”

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