राम मंदिर में 22 जनवरी दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर होगी प्राण-प्रतिष्ठा की रस्म : राय

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले 'अक्षत' वितरण शुरू, 15 जनवरी तक जारी रहेगा

अयोध्या. अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा की रस्म आगामी 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर होगी.
राम मंदिर का निर्माण करा रही संस्था श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ”प्राण-प्रतिष्ठा दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर होगी.”

उन्होंने कहा, ”प्राण-प्रतिष्ठा के बाद आरती करो, पास-पड़ोस के बाजारों में, मुहल्लों में भगवान का प्रसाद वितरण करो और सायंकाल सूर्यास्त के पश्चात दीपक जलाओ. ऐसा ही निवेदन आग्रह प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) जी ने अयोध्या से सारे संसार का आह्वान करते हुए किया है.” अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में ‘रामलला’ की प्राण प्रतिष्ठा आगामी 22 जनवरी को की जाएगी. इसे लेकर जोरदार तैयारियां की जा रही हैं. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत देश की अनेक जानी-मानी हस्तियों को आमंत्रित किया गया है. उच्चतम न्यायालय ने नौ नवंबर 2019 को राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मामले में फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने के आदेश दिये थे. इसके निर्माण के लिये श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया था.

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले ‘अक्षत’ वितरण शुरू, 15 जनवरी तक जारी रहेगा
अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से एक हफ्ता पहले ही आयोजकों ने एक जनवरी से पूजित ‘अक्षत’ (चावल, हल्दी और घी का मिश्रण) का वितरण शुरू कर दिया जो 15 जनवरी तक जारी रहेगा. मंदिर न्यास के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर की जाएगी. उन्होंने देशभर के लोगों से इस अवसर को उत्सव के रूप में मानने का अनुरोध किया.

अक्षत युक्त कागज की पुड़िया, राम मंदिर का चित्र और मंदिर के ढांचे का ब्योरा देने वाले पर्चे लोगों में बांटे गये. मंदिर न्यास के शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को कहा इसके माध्यम से लगभग पांच लाख मंदिरों के करीब रहने वाले समुदायों को राम मंदिर की तस्वीरें और अन्य विवरण मिलेंगे. उन्होंने कहा कि जब पूरा अनुमान सामने आएगा, तो हम देश के लगभग पांच करोड़ लोगों तक पहुंच चुके होंगे.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ दिन पहले लोगों से अपील की थी कि वे 22 जनवरी को राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के दिन को ‘दीपावली’ के रूप में मनाने के लिए अपने घरों में विशेष दीये जलाएं. राय ने कहा कि अक्षत देते समय लोगों से अनुरोध किया जाएगा कि वे अपने पड़ोस के मंदिरों में एकत्र होकर इसे एक उत्सव की तरह मनाएं जैसा कि अयोध्या में हो रहा है.

अक्षत वितरण समारोह विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े लोगों और उनके सहयोगियों द्वारा किया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि न्यास की भूमिका अनिवार्य रूप से मंदिर का निर्माण करना और एक मार्गदर्शक शक्ति के रूप में काम करना है.

राय ने यहां एक प्राचीन मंदिर में ‘सिया राम’ ‘जय श्रीराम’ के नारे के बीच शुरू हुए समारोह के दौरान संवाददाताओं से कहा, ”यह 15 जनवरी तक जारी रहेगा जब मकर संक्रांति मनाई जाएगी. कार्यकर्ता गांवों और कस्बों के घरों में जाकर ‘अक्षत’ बांट रहे हैं.” अयोध्या में अक्षत वितरण की शुरुआत वाल्मीकि कॉलोनी से हुई. आरएसएस के एक पदाधिकारी ने कहा, अब इसे मंदिर शहर के विभिन्न इलाकों में ले जाया जाएगा.

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए एक लाख से अधिक भक्तों के अयोध्या आने की उम्मीद है, जिसमें भारत और विदेश से 7,000 से अधिक मेहमानों के शामिल होने की संभावना है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस समारोह में शामिल होंगे. दोपहर 12:20 बजे प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इस समारोह के बाद लोगों को पड़ोस की कॉलोनियों में ‘आरती’ करनी चाहिए और प्रसाद वितरित करना चाहिए. राय ने कहा लोगों को पर्दा लगाना चाहिए ताकि वे समूहों में एकत्र हो सकें और टीवी पर प्रसारित होने वाले समारोह को देख सकें.

उन्होंने कहा, ”सूर्यास्त के बाद लोगों को अपने घरों में ‘दीया’ जलाना चाहिए, जिसका आह्वान प्रधानमंत्री ने भी किया है.” राय ने इसके पहले कहा था कि परंपरागत नागर शैली में बने राम मंदिर परिसर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फुट होगी और इसकी चौड़ाई 250 फुट और इसकी ऊंचाई 161 फुट होगी. मंदिर का हर मंजिल 20 फुट ऊंचा होगा और इसमें कुल 392 खंभे और 44 फाटक होंगे.

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