राजग सरकार में देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति ‘अनर्थव्यवस्था’ की ओर बढ़ रही: हुड्डा

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत राजग सरकार के पिछले 11 साल के कार्यकाल में आजादी के बाद पिछले 78 साल के रिकॉर्ड ‘लुढकने’ का दावा करते हुए कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने शुक्रवार को कहा कि अर्थव्यव्स्था की स्थिति ‘अनर्थव्यवस्था’ की तरफ बढ़ गई है।

हुड्डा ने लोकसभा में वर्ष 2025-26 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगें-प्रथम बैच और संबंधित विनियोग (संख्याक4) विधेयक, 2025 पर चर्चा की शुरूआत करते हुए यह भी कहा कि यह सरकार अर्थव्यवस्था के अनेक रिकॉर्ड बनने के दावे करती है, लेकिन इसके कार्यकाल में गरीब और अमीर के बीच खाई बढ़ने, डॉलर के मुकाबले रुपया निम्नतम स्तर पर पहुंचने, कई क्षेत्रों में एक या दो कंपनियों का एकाधिकार हो जाने तथा केंद्र एवं राज्यों पर ऋण बढकर जीडीपी का 82 प्रतिशत से अधिक होने के रिकॉर्ड बने हैं।

हुड्डा ने दावा किया कि इस सरकार में विकास दर मापने की नयी पद्धति पर कई विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं और आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) इस मूल्यांकन पद्धति को सी ग्रेड दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के दस साल में जहां औसत विकास दर 8.1 प्रतिशत रही, वहीं खुद इस सरकार के आंकड़ों की मानें तो पिछले 11 साल में यह औसत 5.75 प्रतिशत रह गई है।

हुड्डा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आपके समय 78 साल के रिकॉर्ड लुढके हैं। आपके कार्यकाल में रुपया 78 वर्ष में निम्नतम स्तर पर है। एशिया की बाकी मुद्राओं की तुलना में सबसे बुरा प्रदर्शन रुपये का। आपके समय यह रिकार्ड बना है।’’ उन्होंने कहा कि चालू खाता घाटा 78 साल में किसी एक महीने में सबसे अधिक गत अक्टूबर में था जो सकल घरेल उत्पाद (जीडीपी) का 1.3 प्रतिशत हो गया और अगले साल इसके और बढ़ने का अनुमान है।

हुड्डा ने कहा कि एक रिकॉर्ड इस सरकार में असमानता का बना है तथा अमीर और गरीब के बीच खाई 78 साल ही नहीं, बल्कि 1922 के उपलब्ध आंकड़ों के हिसाब से 100 साल में सर्वाधिक बढ़ी है। उन्होंने देश में विमानन, दूरसंचार और मीडिया समेत अनेक क्षेत्रों में एक या दो कंपनियों का एकाधिकार होने का दावा करते हुए कहा कि संप्रग सरकार के समय हर सेक्टर में बड़ी संख्या में कंपनियां होती थीं, लेकिन इस सरकार में ये क्षेत्र एक या दो कंपनियों तक सिमट गए हैं।

हुड्डा ने दावा किया, ‘‘विमानन क्षेत्र में 65 प्रतिशत बाजार शेयर दो ही कंपनियों का है। टेलीकॉम में हमारे समय कई कंपनियां थीं आज दो ही कंपनियां 80 प्रतिशत शेयर रखती हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस सरकार में बेरोजगारी का पैटर्न बदला है और पिछले तीन वर्ष में लोग विनिर्माण और सेवा क्षेत्र छोड़कर कृषि क्षेत्र में आ रहे हैं जो बहुत ंिचताजनक स्थिति है।

हुड्डा ने कहा कि राजग सरकार के समय राज्यों और केंद्र को मिलाकर कुल ऋण जीडीपी का 82 प्रतिशत हो गया है जो देश की सभी समकक्षीय अर्थव्यवस्थाओं से ज्यादा है जहां कहीं भी यह स्तर 30-40 प्रतिशत से ज्यादा नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार में चुनाव जीतने के लिए कर्ज लिया जाता है। हुड्डा ने कहा, ‘‘हरियाणा में 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या बढ़ा दी गई। राज्य की 75 प्रतिशत आबादी को बीपीएल बना दिया गया। उन्हें चार-पांच महीने तक मुफ्त राशन दिया और अब चुनाव के एक साल बाद आधे राशन कार्ड फिर काट दिए।’’

उन्होंने कहा कि इस सरकार में ‘स्टार्टअप इंडिया’ का नारा दिया गया, लेकिन हकीकत यह है कि पिछले साल 6,500 स्टार्टअप बंद हो गए और यह अभियान ‘शटडाउन इंडिया’ बन गया। हुड्डा ने कहा, ‘‘इन सारी चीजों को देखें तो इस समय हमारी अर्थव्यवस्था की स्थिति अनर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ रही है।’’

उन्होंने अनुदान की मांगों के संदर्भ में कहा कि शिक्षा, रक्षा आदि महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सिफारिश से बहुत कम आवंटन किया जा रहा है। हुड्डा ने कहा, ‘‘जीडीपी के प्रतिशत के हिसाब से देखें तो रक्षा क्षेत्र में पिछले साल 1962 के बाद सबसे कम आवंटन किया गया जो जीडीपी का केवल 1.9 प्रतिशत है। इससे पहले यह हमेशा दो प्रतिशत से अधिक रहा है।’’

उन्होंने कृषि उत्पादन में वृद्धि भी 22 प्रतिशत से घटकर 6-8 प्रतिशत तक रह जाने का दावा किया। हुड्डा ने कहा, ‘‘देश में किसानों को एमएसपी भी नहीं मिल रही है। कपास विदेश से आयात किया जा रहा है और इसके किसानों को एमएसपी नहीं दी जा रही है।

यह आपका (राजग का) आत्मनिर्भर भारत का मॉडल है?’’ उन्होंने राष्ट्रमडल खेलों के लिए अहमदाबाद को मेजबान शहर बनाने का उल्लेख करते हुए कहा कि खेलों में आगे रहने वाले हरियाणा राज्य को इसमें सह-मेजबान बनाया जाना चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button