
नयी दिल्ली. कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि संसद के दोनों सदनों में वंदे मातरम् पर विस्तृत चर्चा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी “ब्रिगेड” के झूठ का पर्दाफाश हो गया है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “लोकसभा और राज्यसभा में वंदे मातरम् पर तीन दिन तक चर्चा हो चुकी है. कुछ भाषणों में राष्ट्रगान का भी जिक्र हुआ.” उन्होंने दावा किया कि यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री और उनकी पूरी “ब्रिगेड” ने राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रगान पर दो निश्चित और आधिकारिक किताबें नहीं पढ़ी हैं जो भारत के दो बेहतरीन इतिहासकारों ने लिखी हैं.
उन्होंने रुद्रांग्शु मुखर्जी की ‘सॉन्ग आॅफ इंडिया: ए स्टडी आॅफ द नेशनल एंथम’ और सब्यसाची भट्टाचार्य की ‘वंदे मातरम् ‘ के कवर पेज के स्क्रीनशॉट साझा किए. रमेश ने कटाक्ष किया, “यह उम्मीद करना थोड़ा ज्यादा हो जाएगा कि पूरी तरह से आहत होने और अपने झूठ का पर्दाफाश होने के बाद भी वे ऐसा (किताबें पढ़ेंगे) करेंगे.” प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को लोकसभा में दावा किया था कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए मुस्लिम लीग के दबाव में वंदे मातरम् के टुकड़े कर दिए गए.
मोदी ने यह भी कहा था, ‘‘कांग्रेस वंदे मातरम् के बंटवारे पर झुकी, इसलिए उसे एक दिन भारत के बंटवारे के लिए झुकना पड़ा.’’ मोदी ने सदन में ‘‘राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर चर्चा’’ की शुरुआत करते हुए 1975 में देश में लगाए गए आपातकाल का हवाला दिया और कहा था कि जब राष्ट्रीय गीत के 100 वर्ष पूरे हुए, तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था और संविधान का गला घोंट दिया गया था.
रमेश ने राजनाथ को सौंपी मणिबेन की डायरी की प्रविष्टियां, नेहरू पर दावे को गलत बताया
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बृहस्पतिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को वल्लभभाई पटेल की पुत्री मणिबेन पटेल की गुजराती में लिखी डायरी की प्रविष्टियों की एक प्रति सौंपी और उन्हें बताया कि उनमें उनके इस दावे का कोई जिक्र नहीं है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू सरकारी धन का उपयोग करके बाबरी मस्जिद का निर्माण कराना चाहते थे. संसद के मकर द्वार के बाहर रक्षा मंत्री के कार से उतरते ही रमेश ने उनसे मुलाकात की.
रमेश ने सिंह को बताया कि वह विशेष रूप से उनके लिए गुजराती में मणिबेन पटेल की डायरी प्रविष्टियां लाए हैं, जिस पर भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘हमारे पास यह अंग्रेजी में है.’’ गुजराती में मूल डायरी प्रविष्टियों वाले कागजात एक पुस्तक में प्रकाशित हुए हैं. इसका ंिहदी अनुवाद भी उन्हें सौंपते हुए रमेश ने उन्हें इसे पढ़ने के लिए कहा. सिंह ने जवाब दिया कि उन्हें गुजराती नहीं आती है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि डायरी की प्रविष्टियों में सिंह के इस दावे का कोई उल्लेख नहीं है कि नेहरू सार्वजनिक धन का उपयोग करके बाबरी मस्जिद का निर्माण करना चाहते थे.
रमेश ने रक्षा मंत्री के एक हालिया बयान का हवाला देते हुए बीते छह दिसंबर को कहा था कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में ‘‘झूठ फैलाने’’ के लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने यह दावा भी किया था कि राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अपने रिश्ते को बेहतर करने के मकसद से यह बयान दिया. राजनाथ सिंह ने पिछले दिनों गुजरात में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि जवाहरलाल नेहरू सरकारी धन से ‘बाबरी मस्जिद’ बनवाना चाहते थे, लेकिन सरदार वल्लभभाई पटेल ने उनकी योजना सफल नहीं होने दी.



