महादेव ऐप के पैसे को भूपेश बघेल का बताने वाला व्यक्ति अपने बयान पर कायम: ईडी
रायपुर/नयी दिल्ली. महादेव सट्टा ऐप मामले में कथित तौर पर पैसे का लेन-देन करने वाले जिस व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है वह अपने उस दावे पर कायम है जिसमें कहा गया है कि उसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक नकद रुपये ‘पहुंचाने’ के लिए भेजा गया था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत को यह जानकारी दी.
धन का लेन-देन करने वाले असीम दास को संघीय जांच एजेंसी ने पिछले साल नवंबर में रायपुर में स्थित एक होटल से छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण के चुनाव से ठीक पहले गिरफ्तार किया था. यह दावा किया गया कि दास ने स्वीकार किया था कि जब्त की गई धनराशि (5.39 करोड़ रुपये नकद) की व्यवस्था महादेव ऐप के प्रवर्तकों द्वारा की गई जिसे छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में खर्च के लिए एक राजनेता ‘बघेल’ तक पहुंचाना था.
पिछले साल के अंत में अदालत में पेशी के दौरान दास ने कहा था कि उसे एक साजिश के तहत फंसाया गया है और उसने कभी किसी को नकदी नहीं दी थी. प्रवर्तन निदेशालय ने अब एक जनवरी को रायपुर में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर अपने दूसरे आरोपपत्र में अवगत कराया कि दास ने पिछले साल 12 दिसंबर को एक नया बयान दर्ज कराया था जिसमें वह तीन नवंबर को दिये गये अपने बयान से मुकर गया.
ईडी के मुताबिक, दास ने अब कहा है कि पिछले साल तीन नवंबर को एजेंसी को दिया गया उसका पहला बयान ‘सच्चा और सही’ था, जिसमें उसने बघेल का नाम लिया था. अपने नवंबर के बयान में दास ने ईडी को बताया था कि महादेव ऐप के प्रवर्तक शुभम सोनी ने उसे अक्टूबर 2023 में दुबई बुलाया और कहा था कि उसे ‘नकदी प्रदान की जाएगी’ जिसे भूपेश बघेल को दिया जाना था.
दुर्योग से दास के 62 वर्षीय पिता सुशील दास छह दिसंबर को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक कुएं में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए थे. बघेल ने इन आरोपों को उनकी छवि ‘खराब’ करने का प्रयास करार दिया है, जबकि कांग्रेस ने इसे केंद्र की ‘प्रतिशोध की राजनीति’ करार दिया.
ईडी के आरोपपत्र में पांच आरोपियों – असीम दास, पुलिस कांस्टेबल भीम सिंह यादव और महादेव ऐप के संचालक शुभम सोनी, लेखा विभाग के कर्मचारी रोहित गुलाटी और अनिल कुमार अग्रवाल उर्फ अतुल अग्रवाल का नाम शामिल है. उम्मीद है कि रायपुर अदालत 10 जनवरी को इस पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लेगी.
इसने दावा किया था कि दास ने बताया कि जब्त की गई धनराशि (5.39 करोड़ रुपये नकद) को महादेव ऐप के प्रवर्तकों द्वारा छत्तीसगढ़ में आगामी चुनाव खर्चों के लिए एक राजनेता ‘बघेल’ तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई थी. पिछले साल के अंत में अदालत में पेशी के दौरान दास ने कहा था कि उन्हें एक साजिश के तहत फंसाया गया था और उन्होंने कभी किसी को नकदी नहीं दी थी.
ईडी ने कहा कि महादेव ऐप के ‘वित्तीय संचालन के प्रमुख सदस्य’ सोनी उसके समक्ष पेश नहीं हुए, लेकिन पिछले साल दो नवंबर को भेजे गये एक ईमेल में उसने दावा किया कि पहले से लेकर अब तक नियमित रिश्वत भुगतान किया गया है. सोनी ने कथित तौर पर बताया कि महादेव ऐप के प्रवर्तकों द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.
एजेंसी के अनुसार, सोनी ने अपने ईमेल में यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में सट्टेबाजी संचालन के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक अधिकारियों को महादेव बुक की ओर से नियमित रूप से रिश्वत का भुगतान किया जा रहा था क्योंकि उन्होंने रिश्वत देने के लिए ‘वर्मा जी’ को एक माध्यम के रूप में नामित किया था.
ताजा आरोपपत्र में ईडी ने महादेव ऐप के कार्यकारी नीतीश दीवान का बयान भी दर्ज किया है, जिन्होंने एजेंसी को बताया कि ऐप और इसकी सहायक कंपनी ‘रेड्डी अन्ना बुक’ 3,200 पैनलों का संचालन करती है, जिससे प्रतिदिन 40 करोड़ रुपये की आय होती है. प्रवर्तकों ने लगभग 3,500 लोगों के अपने कर्मचारियों को समायोजित करने के लिए दुबई में 20 विला किराए पर लिए थे.
दीवान ने ईडी को बताया, ”भोजन, आवास, दवा, यात्रा और वीजा पर हुआ खर्च प्रवर्तकों द्वारा वहन किया गया था.” उन्होंने एजेंसी को यह भी बताया कि 18 सितंबर, 2022 को दुबई में प्रवर्तकों द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें कई बॉलीवुड सितारे शामिल हुए थे. ईडी ने इस मामले में अपने बयान दर्ज कराने के लिए अभिनेता रणबीर कपूर और हुमा कुरेशी और हास्य अभिनेता कपिल शर्मा सहित अन्य को तलब किया है.