विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों के संबंध में मिले पुलिस नोटिस में प्राथमिकी का जिक्र नहीं: आतिशी

दिल्ली पुलिस ने विधायकों की 'खरीद-फरोख्त' के आरोपों के संबंध में आतिशी को दिया नोटिस

नयी दिल्ली. दिल्ली की मंत्री आतिशी ने रविवार को कहा कि विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों के संबंध में उन्हें मिले पुलिस के नोटिस में न तो प्राथमिकी और न ही दंडात्मक प्रावधान का कोई उल्लेख है. आतिशी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह अपराध शाखा के अधिकारियों के प्रति सहानुभूति प्रकट करती हैं, जिनके “राजनीतिक आका” उन्हें इस तरह की ह्लनौटंकीह्व करने के लिए मजबूर कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, “कल (शनिवार को) दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक नोटिस भेजा. आज, उन्होंने मुझे एक नोटिस दिया. हालांकि, नोटिस में प्राथमिकी का कोई जिक्र नहीं है. इसमें आईपीसी (भारतीय दंड संहिता), सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता), पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) या भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की किसी धारा का उल्लेख नहीं है.”

दिल्ली पुलिस ने विधायकों की ‘खरीद-फरोख्त’ के आरोपों के संबंध में आतिशी को दिया नोटिस

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा का एक दल रविवार को वित्त मंत्री आतिशी के आवास पर पहुंचा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा आम आदमी पार्टी के विधायकों की ”खरीद-फरोख्त” की कोशिशों के आरोपों के संबंध में उन्हें एक नोटिस दिया.
सूत्रों ने बताया कि अपराध शाखा का दल रविवार अपराह्न 12 बजकर 55 मिनट पर दूसरी बार ‘आप’ नेता के आवास पर पहुंचा और उसके बाद उनके कर्मचारी को नोटिस सौंपा.

नोटिस के अनुसार, अपराध शाखा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आतिशी को भाजपा के खिलाफ लगाए आरोपों पर सूचना देने को कहा है. इसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं के बयानों से पता चलता है कि उनके पास ”संज्ञेय अपराध के संबंध में कुछ सूचना है.” उन्हें नोटिस पर पांच फरवरी तक जवाब देने को कहा गया है.

इससे एक दिन पहले, अपराध शाखा के अधिकारियों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नोटिस देकर उनसे भाजपा की तरफ से ‘आप’ के सात विधायकों को खरीदने की कोशिश संबंधी उनके दावों की जांच में तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा था. सूत्रों ने बताया कि जब नोटिस दिया गया, तो आतिशी अपने आवास पर मौजूद नहीं थीं. इससे पहले भी आज पुलिस अधिकारी मंत्री के आवास पर पहुंचे थे, लेकिन तब भी वह मौजूद नहीं थीं.

अपराध शाखा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ”टीम नोटिस देने दोबारा गयी. टीम पहले सुबह उनके आवास पर गयी थी, तब वह अपने आवास पर मौजूद नहीं थीं.” ‘आप’ में सूत्रों ने बताया कि आतिशी ने अपने कार्यालय के कर्मचारियों को नोटिस लेने का निर्देश दिया.

नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘आप’ नेता जैस्मीन शाह ने कहा कि नोटिस में किसी समन या प्राथमिकी या भारतीय दंड संहिता या दंड प्रक्रिया संहिता की किसी धारा का उल्लेख नहीं है. शाह ने कहा, ”यह केवल सफेद कागज पर लिखा एक पत्र है.” उन्होंने कहा, ”अपराध शाखा के अधिकारी दिल्ली की मंत्री आतिशी को नोटिस देने आज भी उनके आवास पर पहुंचे. वे केवल उन्हें ही निजी तौर पर नोटिस देना चाहते थे, न कि उनके कर्मचारियों को. क्या दिल्ली के मंत्रियों को हर दस्तावेज निजी रूप से लेने के लिए हमेशा अपने घर पर रहना चाहिए?” शाह ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी को नोटिस देने से पहले पांच घंटे तक इंतजार किया था.

केजरीवाल और आतिशी ने 27 जनवरी को दावा किया था कि भाजपा, ‘आप’ सरकार को गिराने के लिए सत्तारूढ़ दल के विधायकों को 25-25 करोड़ रुपये और अगले साल के विधानसभा चुनाव में टिकट की पेशकश कर उन्हें खरीदने का प्रयास कर रही है. भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें ”झूठा” और ”निराधार” बताया था और मुख्यमंत्री को उनके दावों के समर्थन में सबूत पेश करने की चुनौती दी थी. पुलिस ने केजरीवाल और आतिशी से आप के उन विधायकों के नामों का खुलासा करने को कहा है, जिन्होंने भाजपा के उनसे संपर्क करने का दावा किया था. नोटिस के अनुसार, अपराध शाखा ने केजरीवाल और आतिशी से पांच फरवरी तक नोटिस पर जवाब देने के लिए कहा है.

नोटिस में कहा गया है, ”आपके इन आरोपों के संबंध में मिली एक शिकायत पर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा जांच कर रही है कि भाजपा ने आम आदमी पार्टी छोड़ने और उसकी पार्टी में शामिल होने के लिए ‘आप’ के मौजूदा विधायकों को 25-25 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है. आपने 27 जनवरी को ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर ये आरोप पोस्ट किए थे.”

नोटिस के अनुसार, ”इन ट्वीट को पढ़ने से यह पता चलता है कि आपके पास एक संज्ञेय अपराध के संबंध में कुछ सूचना है. इसलिए आपसे पांच फरवरी तक संलग्न प्रश्नावली का जवाब देने का अनुरोध किया जाता है.” इसमें कहा गया है, ”अगर आप कोई भी अतिरिक्त/पूरक जानकारी साझा करना चाहते हैं, या जिसे आप जांच के लिए सहायक मानते हैं तो वह या तो लिखित रूप से प्रस्तुत की जा सकती है या ऊपर लिखी तारीख या स्थान पर अधोहस्ताक्षरी द्वारा दर्ज करायी जा सकती है.”

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