तिरुपति लड्डू विवाद: अदालत की निगरानी में जांच की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा न्यायालय

नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय तिरुपति में प्रसाद के लड्डू बनाने में पशु चर्बी के कथित इस्तेमाल के मामले में अदालत की निगरानी में जांच के अनुरोध वाली याचिका समेत अन्य याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया कि शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे मामले को लिया जाए. पहले इस मामले में सुनवाई बृहस्पतिवार को अपराह्न 3.30 बजे की जानी थी.
मेहता ने न्यायमूर्ति बी आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा, ”अगर आप अनुमति दें तो क्या मैं कल सुबह 10.30 बजे जवाब दे सकता हूं?” पीठ ने अनुरोध को स्वीकार कर लिया और कहा कि वह शुक्रवार को मामले में सुनवाई करेगी. पीठ ने अपने आदेश में कहा, ”चार अक्टूबर को पहले आइटम के रूप में इसे सूचीबद्ध करें.” गत 30 सितंबर को मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने मेहता से यह तय करने में सहायता करने को कहा था कि राज्य द्वारा नियुक्त एसआईटी द्वारा जांच जारी रहनी चाहिए या किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच की जानी चाहिए.
उसने शीर्ष विधि अधिकारी से इस मुद्दे पर विचार करने और इस संबंध में सहायता करने को कहा था. गत 30 सितंबर को पीठ ने कहा था कि देवताओं को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए. उसने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के सार्वजनिक बयान पर सवाल उठाया था कि पिछली वाई एस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान तिरुपति के लड्डू बनाने में कथित तौर पर जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था.
शीर्ष अदालत ने कहा था कि प्रयोगशाला परीक्षण रिपोर्ट ‘बिल्कुल स्पष्ट नहीं’ है और प्रथम दृष्टया संकेत देती है कि ‘अस्वीकृत घी’ का परीक्षण किया गया था. न्यायालय ने इस बात पर संज्ञान लिया था कि राज्य के अनुसार, 25 सितंबर को एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी और मामले की जांच के लिए 26 सितंबर को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था.
पीठ ने कहा था, ”इस प्रकार यह देखा जा सकता है कि मुख्यमंत्री द्वारा 18 सितंबर को एक बयान दिया गया था, जो कि 25 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज किए जाने और 26 सितंबर को एसआईटी गठित किए जाने से भी पहले दिया गया था.” पीठ ने कहा था, ”हमारा प्रथम दृष्टया विचार है कि एक उच्च संवैधानिक पदाधिकारी द्वारा सार्वजनिक रूप से ऐसा बयान देना उचित नहीं है जो करोड़ों लोगों की भावनाओं को प्रभावित कर सकता है और वह भी तब जब लड्डू बनाने के लिए मिलावटी घी का उपयोग किए जाने का पता लगाने के लिए जांच चल रही थी.”
इस महीने की शुरुआत में नायडू ने दावा किया था कि राज्य में पिछली जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान तिरुपति में लड्डू तैयार करने में पशु चर्बी का उपयोग किया गया था, जिससे एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने नायडू पर राजनीतिक लाभ के लिए ‘घृणित आक्षेप’ लगाने का आरोप लगाया है.