अंतरराष्ट्रीय पहुंच बढ़ाने की यूजीसी की योजना: विदेशी छात्रों के लिए प्रवेश परीक्षा नहीं

नयी दिल्ली. देश में विश्वविद्यालयों एवं उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों के स्रातक एवं स्रातकोत्तर कार्यक्रमों में विदेशी छात्रों के नामांकन के लिए अब 25 प्रतिशत अतिरिक्त सीट सृजित करने की अनुमति दी जाएगी तथा इन छात्रों को भारत में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होगी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने यह जानकारी दी.

यूजीसी के अधिकारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ‘भारत में स्रातक एवं स्रातकोत्तर कार्यक्रमों का अंतरराष्ट्रीयकरण’ विषय पर पिछले सप्ताह हुई बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया. अतिरिक्त सीट का सृजन मंजूरी प्राप्त कुल क्षमता के अलावा किया जाएगा और इन सीटों के बारे में फैसला संबंधित उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों (एचईआई) द्वारा आधारभूत ढांचा, शिक्षकों एवं अन्य जरूरतों और विशिष्ट दिशनिर्देशों को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा .

यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया, ‘‘ भारतीय उच्चतर शैक्षणिक संस्थान उनकी प्रवेश पात्रता की समतुल्यता के आधार पर विदेशी छात्रों का दाखिला ले सकते हैं. समतुल्यता का निर्धारण यूजीसी या ऐसे उद्देश्यों के लिए यूजीसी से मान्यता प्राप्त किसी निकाय या संबंधित नियामक निकाय द्वारा तय किया जाएगा. ’’ उन्होंने कहा कि उच्चतर शिक्षा संस्थान अंतरराष्ट्रीय छात्रों के दाखिले के लिए पारदर्शी दाखिला प्रक्रिया अपना सकते हैं .

कुमार ने कहा, ‘‘ उच्चतर शिक्षा संस्थान अपने स्रातक एवं स्रातकोत्तर कार्यक्रमों में विदेशी छात्रों के दाखिला के लिए मंजूरी प्राप्त कुल सीट क्षमता के 25 प्रतिशत अतिरिक्त सीट सृजित कर सकते हैं. ’’ उन्होंने कहा कि 25 प्रतिशत अतिरिक्त सीट के सृजन का फैसला उच्चतर शिक्षा संस्थानों की आधारभूत ढांचा, शिक्षकों की संख्या एवं अन्य जरूरतों और विशिष्ट दिशनिर्देशों को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा.

अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए अतिरिक्त सीट में विभिन्न संस्थानों के बीच या भारत सरकार एवं दूसरे देश के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत छात्र आदान-प्रदान से जुड़े अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी शाामिल नहीं होंगे. अधिकारियों ने बताया कि ये सीट खास तौर पर स्रातक एवं स्रातकोत्तर कार्यक्रमों में दाखिला चाहने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए होंगे. इस अतिरिक्त श्रेणी की सीट के खाली रहने की स्थिति में इन्हें किसी दूसरे अंतरराष्ट्रीय छात्र को आवंटित नहीं किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय छात्र वे होंगे जो विदेशी पासपोर्ट धारक होंगे. उन्होंने बताया कि व्यावसायिक एवं तकनीकी संस्थानों में अतिरिक्त सीट संबंधित विधिक निकायों द्वारा संचालित होंगे. प्रत्येक कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए सीट की उपलब्धता, नामांकन प्रक्रिया, पात्रता शर्तो आदि के बारे में जानकारी उच्च शिक्षण संस्थानों की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी. विदेश मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2021 में भारत में कुल 23,439 विदेशी छात्र आए. हालांकि, कोरोना महामारी से पूर्व के वर्षो में यह संख्या अधिक थी. वर्ष 2019 में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए 75,000 विदेशी छात्र भारत आए थे.

Related Articles

Back to top button