UWW ने WFI को निलंबित किया, भारतीय ध्वज तले नहीं खेल पाएंगे पहलवान

डब्ल्यूएफआई के निलंबन पर हैरान हूं, केंद्र सरकार ने पहलवानों को हतोत्साहित किया: ममता बनर्जी

नयी दिल्ली/कोलकाता. विश्व कुश्ती की सर्वोच्च संचालन संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने समय पर चुनाव नहीं कराने के कारण भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को निलंबित कर दिया जिसका मतलब है कि भारतीय पहलवान आगामी विश्व चैंपियनशिप में भारतीय ध्वज तले नहीं खेल पाएंगे. भारतीय पहलवान 16 सितंबर से शुरू होने वाली विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में तटस्थ खिलाड़ी के रूप में भाग लेंगे. विश्व चैंपियनशिप पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाईंग प्रतियोगिता भी है.

भूपेंद्र सिंह बाजवा की अगुवाई वाले तदर्थ पैनल को 45 दिनों के अंदर चुनाव कराने की समय सीमा दी गई थी लेकिन वह इसका पालन करने में नाकाम रहे. भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने कुश्ती का कामकाज देखने के लिए 27 अप्रैल को तदर्थ पैनल की नियुक्ति की थी. विश्व संस्था का यह फैसला पटियाला में विश्व चैंपियनशिप के ट्रायल से एक दिन पहले आया है. यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने 28 अप्रैल को चेतावनी दी थी कि अगर चुनाव कराने के लिए समय सीमा का पालन नहीं किया जाता है तो वह भारतीय महासंघ को निलंबित कर सकता है.

आईओए के सूत्रों ने पीटीआई से कहा,”यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने बुधवार की रात को तदर्थ पैनल को बताया कि कार्यकारिणी के चुनाव नहीं कराने के कारण डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया गया है.” इस बीच पदार्थ पैनल के एक सदस्य ज्ञान सिंह ने पीटीआई से कहा कि बाजवा ने संबंधित घटनाक्रम से उन्हें अंधेरे में रखा और अब निर्णय लेने में उनकी कोई भूमिका नहीं होती है.

ज्ञान सिंह ने कहा,” मैंने भी सुना है कि डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया गया है लेकिन मैं आपको यह नहीं बता सकता कि तदर्थ पैनल अब क्या करेगा. बाजवा अब चर्चा के लिए हमें नहीं बुलाते हैं. मैं यह भी नहीं जानता कि विश्व चैंपियनशिप के ट्रायल्स के लिए मानदंड कैसे तय किए गए.” बाजवा से नए घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया जानने के लिए संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया.

भारतीय महिला टीम ने हाल में अम्मान में अंडर-20 विश्व चैंपियनशिप में जापान और अमेरिका जैसे देशों को पीछे छोड़ कर टीम खिताब जीता था. भारतीय कुश्ती के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ. पहलवानों ने तब अंक अर्जित किए क्योंकि वह अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे थे लेकिन अब र्सिबया में होने वाली सीनियर विश्व चैंपियनशिप में भारतीय खिलाड़ी तटस्थ खिलाड़ी के रूप में भाग लेंगे और उनका प्रदर्शन भारतीय टीम के प्रदर्शन के रूप में नहीं आंका जाएगा.

पहलवान हालांकि 23 सितंबर से हांगझोउ में होने वाले एशियाई खेलों में भारतीय ध्वज तले प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं क्योंकि इसके लिए डब्ल्यूएफआई नहीं बल्कि आईओए प्रविष्ठियां भेजता है. विश्व चैंपियनशिप के लिए डब्ल्यूएफआई प्रविष्टियां भेजता है. डब्ल्यूएफआई के चुनाव पहले सात मई को होने थे लेकिन खेल मंत्रालय ने इस प्रक्रिया को अमान्य करार दे दिया था. कई असंतुष्ट और असंबद्ध राज्य इकाइयों के मतदान में भाग लेने का अधिकार हासिल करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने के कारण चुनाव कई बार स्थगित किए गए.

चुनाव अधिकारी ने डब्ल्यूएफआई चुनाव के लिए 11 जुलाई की तिथि नियत की लेकिन असम कुश्ती संघ गुवाहाटी उच्च न्यायालय चला गया और चुनाव पर रोक लगवाने में सफल रहा. आंध्र कुश्ती संघ ने इस फैसले को उच्चतम न्यायालय ने चुनौती दी. शीर्ष अदालत ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करके चुनाव के लिए रास्ता साफ कर दिया. चुनाव अधिकारी ने इसके बाद घोषणा की कि डब्ल्यूएफआई के चुनाव 12 अगस्त को होंगे लेकिन पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा कुश्ती संघ की याचिका पर इन पर रोक लगा दी. अब यह मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है और इस पर शुक्रवार को सुनवाई होने की संभावना है.

विश्व चैम्पियनशिप के लिये कुश्ती के ट्रायल 25 और 26 अगस्त को ही : बाजवा

युनाइटेड विश्व कुश्ती (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित किये जाने के बावजूद आगामी विश्व चैम्पियनशिप के लिये भारतीय कुश्ती टीम का चयन ट्रायल 25 और 26 अगस्त को ही होगा . यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने 45 दिन के भीतर चुनाव नहीं कराने के लिये भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया जिसके मायने हैं कि भारतीय पहलवान 16 सितंबर से बेलग्रेड में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप में तिरंगे तले नहीं खेल सकेंगे .

आईओए द्वारा गठित तदर्थ समिति के प्रमुख भूपेंदर सिंह बाजवा ने पीटीआई को बताया कि ट्रायल पटियाला में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार और शनिवार को ही होंगे . उन्होंने कहा ,” ट्रायल निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होंगे .” उन्होंने हालांकि यह नहीं बताया कि ताजा घटनाक्रम के बाद क्या नये सिरे से सूचना जारी की जायेगी . तदर्थ समिति के एक अन्य सदस्य ज्ञान सिंह ने भी पुष्टि की कि ट्रायल पटियाला में 25 और 26 अगस्त को होंगे लेकिन समिति के सदस्यों के कामकाज पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस निलंबन से बचा जा सकता था .

उन्होंने कहा ,” इस तरह के मामलों में यूडब्ल्यूडब्ल्यू खिलाड़ियों को तटस्थ खिलाड़ियों के तौर पर ओलंपिक क्वालीफाइंग विश्व चैम्पियनशिप में खेलने देता है . भारतीय दल को कुछ भी नाम दिया जा सकता है मसलन यूडब्ल्यूडब्ल्यू एक या दो . लेकिन उनके पदक भारत के नहीं बल्कि उनके नाम होंगे .” उन्होंने कहा ,” यह दुखद है कि तदर्थ समिति के सदस्य यूडब्ल्यूडब्ल्यू को समझा नहीं सके कि भारत में न्यायिक प्रक्रिया दूसरी प्रक्रियाओं से अलग है . उन्हें बताना चाहिये था कि विलंब भारतीय महासंघ की ओर से नहीं हुआ हे . यह अदालत का फैसला है और इसे नहीं मानने पर अवमानना का मामला बन सकता है . इस तरह से 45 दिन की समय सीमा से बचा जा सकता था .”

डब्ल्यूएफआई के निलंबन पर हैरान हूं, केंद्र सरकार ने पहलवानों को हतोत्साहित किया: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विश्व कुश्ती की सर्वोच्च संचालन संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) की ओर से भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को निलंबित किए जाने पर हैरानी जताई और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने देश के पहलवानों को हतोत्साहित किया है.

बनर्जी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “यह जानकर हैरानी हुई कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने भारत के कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया है.” उन्होंने इसे पूरे देश के लिए “बेहद शर्मनाक” करार देते हुए लिखा, “केंद्र सरकार ने अपने अहंकारी रवैये और हमारी पहलवान बहनों की दुर्दशा के प्रति लापरवाही बरतकर हमारे पहलवानों को निराश किया है. केंद्र और भाजपा हमारी अदम्य बहनों को स्त्री द्वेष और असभ्य पुरुषवाद से परेशान किए जा रही है.” बनर्जी ने यह भी कहा कि भारत को उन लोगों को दंडित करना चाहिए जिनमें कोई नैतिक संवेदना नहीं बची है और जो देश की लड़ने वाली बेटियों की गरिमा के लिए खड़े नहीं हो सकते.” उन्होंने कहा, “हिसाब-किताब का दिन अब ज्यादा दूर नहीं है.”

पहलवानों की कुश्ती से लेकर डब्ल्यूएफआई के निलंबन तक घटनाचक्र

उन घटनाओं की श्रृंखला जिसके कारण कुश्ती की वैश्विक संचालन संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को निलंबित किया गया.
18 जनवरी: पहलवानों ने जंतर मंतर पर विरोध शुरु किया, डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण सिंह शरण पर यौन उत्पीड़न और धमकाने का अरोप लगाया, उनके इस्तीफे और महासंघ को भंग करने की मांग की.
* बृजभूषण ने सभी आरोपों से इनकार किया 19 जनवरी : राष्ट्रमंडल खेलों की चैम्पियन पहलवान और भाजपा सदस्य बबीता फोगाट पहलवानों से मिलीं, कहा वह सरकार से बात करेंगी * प्रदर्शनकारी पहलवान खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से उनके निवास में मिले. कोई हल नहीं निकला.
20 जनवरी : प्रदर्शन जारी रखते हुए पहलवानों ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) अध्यक्ष पीटी ऊषा को शिकायत पत्र लिखा, आरोपों की जांच के लिए जांच समिति गठित करने और डब्ल्यूएफआई का कामकाज देखने के लिये पहलवानों की सलाह से नयी समिति गठित करने मांग की.
* बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए आईओए ने सात सदस्यीय समिति गठित की जिसमें एमसी मैरीकॉम और योगेश्वर दत्त शामिल.
21 जनवरी: पहलवानों ने ठाकुर से मुलाकात के बाद देर रात विरोध प्रदर्शन खत्म किया.
* खेल मंत्री ने कहा कि आरोपों की जांच के लिए एक निगरानी समिति गठित की जायेगी और बृजभूषण जांच पूरी होने तक पद से हट जायेंगे.
* डब्ल्यूएफआई ने जवाब मंत्रालय को सौंपा, महिला पहलवानों पर अध्यक्ष और कोचों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों से इनकार किया.
21 जनवरी : खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई से तुरंत प्रभाव से सभी गतिविधियों को निलंबित करने को कहा जिसमें उत्तर प्रदेश के गोंडा में एक रैंकिंग टूर्नामेंट भी शामिल था, डब्ल्यूएफआई के साथ आपात आम सालाना बैठक तय की.
* डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर निलंबित हुए.
23 जनवरी : आरोपों की जांच के लिए महान मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम की अगुआई में पांच सदस्यीय निगरानी समिति गठत की गयी जिसे जांच पूरी करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया गया.
24 जनवरी : प्रदर्शनकारी पहलवानों ने निराशा जतायी कि समिति के सदस्यों की पंसद पर सरकार ने उनसे सलाह मशविरा नहीं किया.
31 जनवरी : बबीता फोगाट निगरानी समिति से जुड़ीं.
23 फरवरी : निगरानी समिति का कार्यकाल दो हफ्ते तक बढ़ाया गया.
16 अप्रैल : निगरानी समिति की रिपोर्ट खेल मंत्रालय को सौंपने के बाद डब्ल्यूएफआई ने चुनाव के लिए सात मई की घोषणा की. रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गयी.
* बृजभूषण का डब्ल्यूएफआई में चार साल का कार्यकाल पूरा हुआ और खेल संहिता के अंतर्गत वह शीर्ष पद के लिए लड़ने के अयोग्य हो गये. उन्होंने कहा वह अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे.
23 अप्रैल : पहलवान जंतर मंतर लौटे, कहा सात महिला पहलवानों (जिसमें एक नाबालिग भी) ने बृजभूषण के खिलाफ कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की. दावा किया कि पुलिस ने अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की.
* पहलवानों ने खेल मंत्रालय से निगरानी समिति की जांच सार्वजनिक कराने को कहा.
24 अप्रैल : खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई के सात मई को तय चुनाव रोके. आईओए से चुनाव कराने के लिए तदर्थ समिति गठित करने को कहा जो गठन के 45 दिन के अंदर चुनाव कराये और खेल संस्था का कामकाज भी संभाले.
25 अप्रैल : पहलवानों के प्रदर्शन ने राजनीतिक रंग लिया, किसान नेताओं ने भी खिलाड़ियों का समर्थन किया.
* पहलवान बृजभूषण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय पहुंचे.
* उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया 27 अप्रैल : आईओए ने तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया 28 अप्रैल : दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवानों द्वारा बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज कीं.
*पहलवानों ने कहा कि जब तक बृजभूषण को जेल में नहीं भेजा जाता, तब विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे.
तीन मई : पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच हाथापाई हुई, जिससे विरोध कर रहे दो पहलवानों को सिर में चोट लगी.
* पहलवानों ने आरोप लगाया कि नशे की हालत में महिला पहलवानों से हाथापाई और गलत व्यवहार किया गया. इससे कुछ को हिरासत में लिया गया जबकि कुछ पहलवानों को चोटे लगीं.
चार मई : उच्चतम न्यायालय ने तीन महिला पहलवानों द्वारा याचिका की सुनवाई बंद की क्योंकि प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी और शिकायत करने वाली सात पहलवानों को उचिव सुरक्षा मुहैया करायी गयी.
पांच मई : दिल्ली पुलिस ने पहलवानों के बयान रिकॉर्ड किये जिन्होंने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये थे.
10 मई: पहलवानों ने बृजभूषण को नार्को टेस्ट कराने की चुनौती दी.
11 मई : पुलिस ने बृजभूषण के बयान रिकॉर्ड किये.
28 मई : पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के साथ अन्य प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ नये संसद भवन की ओर बढ़ने के प्रयास करने के बाद दंगा करने और लोकसेवा के काम में बाधा डालने के लिए मामला दर्ज किया गया . संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा रहा था.
30 मई : अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) और संयुक्त विश्व कुश्ती (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने पुलिस के भारतीय पहलवानों को गिरफ्तार करने और हाथापाई करने की निंदा की.
* पहलवान पदक गंगा में बहाने हरिद्वार पहुंचे.
तीन जून: गृहमंत्री अमित शाह पहलवानों से मिले.
आठ जून : नाबालिग पहलवान के पिता ने पीटीआई से कहा कि उन्होंने बृजभूषण के खिलाफ गलत पुलिस शिकायत दर्ज करायी क्योंकि वे उनसे बदला लेना चाहते थे.
सात जून : ठाकुर ने पहलवानों को आश्वासन दिया कि बृजभूषण के खिलाफ पुलिस जांच करायी जायेगी और 30 जून तक डब्ल्यूएफआई के लंबित चुनाव कराये जायेंगे.
आठ जून : आईओए ने मशहूर कोच ज्ञान सिंह और अशोक गर्ग को डब्ल्यूएफआई का कामकाज देख रही तदर्थ समिति में शामिल किया.
12 जून : आईओए ने जम्मू कश्मीर के पूर्व प्रधान न्यायाधीश महेश मित्तल कुमार को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया.
13 जून : डब्ल्यूएफआई के चुनाव छह जुलाई को तय किये गये.
15 जून : दिल्ली पुलिस ने अदालत के समक्ष चार्जशीट पेश की.
19 जून : आईओए के तदर्थ पैनल ने पांच गैर मान्यता प्राप्त राज्य कुश्ती इकाईयों को 21 जून को सुनवाई के लिए बुलाया.
21 जून : पांच गैर मान्यता प्राप्त इकाईयों ने चुनावों में मतदान अधिकार की मांग की, सुनवाई में अपनी बात प्रस्तुत की, आईओए के तदर्थ पैनल ने डब्ल्यूएफआई के चुनाव 11 जुलाई को तय किये.
22 जून : आईओए के तदर्थ पैनल ने आगामी एशियाई खेलों और विश्व चैम्पियनशिप के चयन को प्रदर्शन करने वाले छह पहलवानों के लिए एक मुकाबले का किया.
23 जून : कई कोच और पहलवानों के माता पिता ने छह पहलवानों को दी गयी छूट वापस लेने की मांग की.
25 जून : गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने असम कुश्ती संघ द्वारा दायर की गयी एक याचिका पर 11 जुलाई को होने वाले डब्ल्यूएफआई के चुनावों पर रोक लगायी.
12 जुलाई : आईओए की तदर्थ समिति ने 22 और 23 जुलाई को एशियाई खेलों के कुश्ती ट्रायल्स कराने का फैसला किया.
18 जुलाई : दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृजभूषण को अंतरिम जमानत दी.
* ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और विश्व चैम्पियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट को एशियाई खेलों में सीधे प्रवेश मिला.
19 जुलाई : बजरंग और विनेश को ट्रायल्स में अनुचित छूट देने के कारण हिसार में युवा पहलवान सड़कों पर उतर आये.
* डब्ल्यूएफआई के चुनाव सात अगस्त को निर्धारित हुए.
20 जलाई : कई जूनियर पहलवान, उनके माता पिता और कोच आईओए मुख्यालय पहुंचे, विनेश और बजरंग को दी गयी छूट वापस लेने की मांग की.
*डब्ल्यूएफआई के चुनाव फिर 12 अगस्त को तय हुए.
11 अगस्त : पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा कुश्ती संघ द्वारा दायर याचिका के बाद 12 अगस्त को निर्धारित चुनाव रोके.
14 अगस्त : विश्व चैम्पियनशिप के लिए ट्रायल्स पटियाला में 25-26 अगस्त को निर्धारित किये.
15 अगस्त : विनेश फोगाट ने घुटने की चोट के कारण एशियाई खेलों से हटने का फैसला किया.
23 अगस्त : कुश्ती की विश्व संचालन संस्था ने चुनाव समय पर नहीं कराने के लिए डब्ल्यूएफआई को निलंबित किया.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button