वीर सावरकर ने जेल में रहते हुए संत तुकाराम के अभंग गाए थे : प्रधानमंत्री मोदी

देहू. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर ने देश के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जेल में रहते हुए संत तुकाराम के अभंग (भगवान विठ्ठल की स्तुति में भक्तिमय छंद) गाए थे. मोदी ने कहा, ‘‘जेल में रहते हुए वीर सावरकर ने अपनी हथकड़ियों का इस्तेमाल संत तुकाराम की चिपली (संगीत वाद्ययंत्र) की तरह किया और उनके अभंग गाए.’’ वह पुणे के समीप देहू में 17वीं सदी के संत को सर्मिपत संत तुकाराम महाराज मंदिर में एक शिला मंदिर का उद्घाटन करने के बाद वारकारियों (पंढरपुर में भगवान विठ्ठल मंदिर की तीर्थयात्रा कर रहे श्रद्धालुओं) की सभा को संबोधित कर रहे थे.

मोदी ने मंदिर के दौरे पर ‘वारकारियों’’ से भी बातचीत की. यह दौरा देहू में 20 जून से शुरू हो रहे वार्षिक ‘वारी’ परंपरा के मद्देनजर हो रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री को विशेष तुकाराम पगड़ी भी भेंट की गयी. भक्ति आंदोलन के प्रतिष्ठित संत तुकाराम की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह ‘राष्ट्र नायक’ के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.

खास प्रकार के राजस्थानी पत्थर से बना शिला मंदिर पत्थर की एक पटिया को सर्मिपत एक मंदिर है, जिस पर संत तुकाराम ने 13 दिनों तक ध्यान लगाया था. वारकारी पंढरपुर की तीर्थयात्रा शुरू करने से पहले शिला मंदिर में प्रार्थना करते हैं. ‘शिला मंदिर’ के समीप मंदिर में संत तुकाराम की एक नयी प्रतिमा भी स्थापित की गयी है.

संत तुकाराम अभंग के तौर पर पहचाने जाने वाली भक्तिमय कविताओं और कीर्तन के तौर पर पहचाने जाने वाले आध्यात्मिक गीतों के लिए प्रसिद्ध थे. महाराष्ट्र में वारकारी समुदाय के लिए उनकी रचनाएं बहुत अहम है. इंद्रायणी नदी के किनारे स्थित देहू संत तुकाराम का जन्म स्थान है.

प्रधानमंत्री मोदी ने संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग के साथ ही संत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग के अहम क्षेत्रों पर केंद्र द्वारा कराए जा रहे बुनियादी ढांचे के काम का भी जिक्र किया. पंढरपुर की तीर्थयात्रा के लिए वारकारियों की आवाजाही आसान बनाने के वास्ते राजमार्गों के किनारे पैदल मार्ग बनाए जा रहे हैं.

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