मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने मानसा सिविल अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया

चंडीगढ़. पंजाब के मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सोमवार को मानसा सिविल अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया गया। इसी अस्पताल में सिद्धू मूसेवाला के शव को पोस्टमार्टम के लिए रखा गया है।

प्रदर्शनकारियों में अधिकतर इलाके के ग्रामीण थे। उन्होंने मूसेवाला की सुरक्षा वापस लिए जाने के फैसले को लेकर राज्य की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विरोध के मद्देनजर मानसा जिले के कई बाजार सोमवार को बंद रहे।

पुलिस महानिरीक्षक प्रदीप यादव और अन्य अधिकारी पोस्टमार्टम को लेकर मूसेवाला के परिजनों से बात करने के लिए उनके आवास पर गए। जानकारी के मुताबिक, मूसेवाला का परिवार फिलहाल उनका पोस्टमार्टम कराने के लिए राजी नहीं है।

पंजाब के मानसा जिले में रविवार को अज्ञात हमलावरों ने सिद्धू मूसेवाला (28) की गोली मारकर हत्या कर दी थी। राज्य सरकार द्वारा मूसेवाला की सुरक्षा वापस लिए जाने के एक दिन बाद यह घटना हुई थी। मूसेवाला के साथ मंिहद्रा थार जीप में यात्रा कर रहे उनके चचेरे भाई और एक दोस्त भी हमले में घायल हो गए थे। हालांकि, उनकी हालत फिलहाल स्थिर है।

मूसेवाला ने हालिया विधानसभा चुनाव में मानसा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और वह ‘आप’ प्रत्याशी विजय ंिसगला से हार गए थे। पुलिस द्वारा सिविल अस्पताल के अंदर-बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘हम सिद्धू मूसेवाला की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।’’

पंजाब कांग्रेस के प्रमुख अमंिरदर ंिसह राजा वंिडग, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखंिजदर ंिसह रंधावा और कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं ने मानसा में मूसेवाला के आवास पर पहुंचकर उनके निधन पर शोक जताया। मूसेवाला के आवास पर बड़ी संख्या में समर्थक और ग्रामीण भी जमा हो गए।

इस बीच, मूसेवाला की हत्या के मामले में उनके पिता बलकौर ंिसह की शिकायत पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। पंजाब पुलिस ने मूसेवाला की हत्या को आपसी रंजिश का नतीजा करार दिया है। पुलिस ने इसके लिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग को जिम्मेदार ठहराया है।

कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने हत्या पर रोष व्यक्त किया है। विपक्ष ने घटना के लिए ‘आप’ सरकार को कसूरवार ठहराया है। हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया जा चुका है।

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