हमने लाखों करोड़ रुपये की बचत की, ‘शीशमहल’ नहीं बल्कि देश बनाने के लिए उपयोग किया: प्रधानमंत्री मोदी

नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर परोक्ष कटाक्ष करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने अलग-अलग योजनाओं से लाखों करोड़ रुपये की बचत की, लेकिन इसका उपयोग ‘शीशमहल’ बनाने पर नहीं, बल्कि देश बनाने के लिए किया है.
प्रधानमंत्री ने दिल्ली में पीएम संग्रहालय बनाने, सरदार पटेल की स्टेचू ऑफ यूनिटी बनाने, अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और तीन तलाक समाप्त करने जैसे फैसलों का उल्लेख करते हुए यह भी कहा कि जब सत्ता सेवा बन जाए तब राष्ट्र निर्माण होता है और जब सत्ता को विरासत बना दिया जाए तो लोकतंत्र खत्म हो जाता है. उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन में हुई चर्चा का जवाब दिया. प्रधानमंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को अस्वीकार करते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण से संबंधित धन्यवाद प्रस्ताव को मंजूरी दी.
प्रधानमंत्री ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से एक दिन पहले ‘शीशमहल’ (केजरीवाल का पूर्व आधिकारिक निवास) का मुद्दा उठाया. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस का आरोप है कि केजरीवाल ने मुख्यमंत्री रहते अपने आधिकारिक आवास के नवीनीकरण पर करोड़ों रुपये खर्च किए और ‘शीश महल’ बनवाया.
मोदी ने कहा, ”पहले अखबारों की सुर्खियां होती थीं- इतने लाख के घोटाले… 10 साल हो गए, घोटाले न होने से देश के लाखों करोड़ रुपये बचे हैं, जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं.” उन्होंने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष करते हुए कहा, ”कुछ नेताओं का फोकस (ध्यान) जकूजी पर, स्टाइलिश शॉवर पर है, लेकिन हमारा फोकस हर घर जल पहुंचाने पर है.” उन्होंने स्वच्छता अभियान के तहत सरकारी दफ्तरों का कबाड़ बेचे जाने से सरकार को 2300 करोड़ रुपये की आय होने, इथेनॉल ब्लेंडिंग के निर्णय से एक लाख करोड़ रुपये की बचत होने, आयुष्मान योजना, जन औषधि केंद्रों, नल से शुद्ध जल मिलने और पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से परिवारों को होने वाली बचत का उल्लेख किया.
मोदी ने सत्ता पक्ष की दीर्घा की ओर संकेत करते हुए कहा, ”संविधान को मजबूती देने के लिए संविधान की भावना को जीना पड़ता है और हम वो लोग हैं जो संविधान को जीते हैं.” उन्होंने गांधी परिवार की ओर परोक्ष इशारा करते हुए कहा, ”दिल्ली में कुछ परिवारों ने अपने संग्रहालय बनाकर रखे हैं. लेकिन लोकतंत्र की भावना क्या होती है, हमने पीएम संग्रहालय बनाकर दिखाया और देश के प्रथम प्रधानमंत्री से लेकर मेरे पूर्व तक के सभी प्रधानमंत्रियों के जीवन और कार्यों को उसमें संजोया गया है.” प्रधानमंत्री ने कहा, ”हम जहर की राजनीति नहीं करते. हम देश की एकता को सर्वोपरि रखते हैं. इसलिए सरदार वल्लभ भाई पटेल की दुनिया की सबसे ऊंचा प्रतिमा बनाई जबकि वह भाजपा के या जनसंघ के नहीं थे.” उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के कुछ दिन पहले दिए गए एक बयान को लेकर उन पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा, ”देश का दुर्भाग्य है कि आजकल कुछ लोग अर्बन नक्सल की भाषा खुलेआम बोल रहे हैं और ‘इंडियन स्टेट’ को चुनौती दे रहे हैं. ये अर्बन नक्सली न संविधान को समझ सकते हैं, न देश को.
मोदी ने शाहबानो मामले का नाम लिये बिना कहा, ”जो लोग संविधान को जेब में लेकर घूमते हैं, उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को मुश्किल में जीने के लिए मजबूर किया था. हमने तीन तलाक खत्म करके मुस्लिम बेटियों को समानता का अधिकार दिया.” उन्होंने कहा कि सरकार ने अनुच्छेद 370 समाप्त करके जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अन्य देशवासियों की तरह ही अधिकार दिए.
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद गत 31 जनवरी को राहुल गांधी द्वारा संसद परिसर में की गई एक टिप्पणी का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कहा, ”जो लोग गरीबों की झोपड़ियों में अपना फोटो सेशन कराकर अपना मनोरंजन करते हैं, उन्हें संसद में गरीबों की बात बोरिंग ही लगेगी.” मोदी ने कहा कि कई अध्ययनों में सामने आया है कि गत 10 वर्ष में 25 करोड़ देशवासी गरीबी को हराकर उससे बाहर आए हैं.
उन्होंने विपक्ष पर हताश होने का आरोप लगाते हुए कहा, ”योजनाबद्ध तरीके से, सर्मिपत भाव से, अपनेपन की पूरी संवेदनशीलता के साथ जब गरीबों के लिए जीवन खपाया जाता है तब यह होता है. हमने गरीब को झूठे नारे नहीं, हमने सच्चा विकास दिया.” मोदी ने गरीबों को चार करोड़ पक्के आवास, देश में 12 करोड़ शौचालयों के निर्माण का भी जिक्र किया.
उन्होंने हाल में बजट में वेतनभोगियों के लिए 12 लाख रुपये तक सालाना आय पर आयकर छूट का जिक्र करते हुए कहा कि बजट में एक अन्य महत्वपूर्ण घोषणा परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी क्षेत्र को प्रवेश देने के बारे में है, जिस पर लोगों ने अधिक ध्यान नहीं दिया.
उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एक प्रधानमंत्री बार बार 21वीं सदी की बातें करते थे, लेकिन वो 20वीं सदी की जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पाए थे. मोदी ने कहा सरकार ने युवाओं के लिए कई क्षेत्रों को खोला है जिसमें अंतरिक्ष क्षेत्र, रक्षा क्षेत्र के साथ सेमीकंडक्टर मिशन लाना शामिल है.
मोदी ने एआई, थ्रीडी प्रिंटिंग, रोबोटिक्स और वर्चुअल रियलिटी का जिक्र करते हुए कहा, ”हम गेमिंग के महत्व पर जोर देने वाले हैं. मैंने युवाओं से कहा है कि दुनिया की गेमिंग राजधनी भारत क्यों नहीं बने.” उन्होंने कहा, ”कुछ लोगों के लिए एआई की बात करना फैशन है, लेकिन मेरी सोच डबल एआई की है. एक एआई -आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (कृत्रिम मेधा) और दूसरी एआई – एस्पिरेशनल इंडिया (महत्वाकांक्षी भारत).
प्रधानमंत्री ने कुछ विपक्षी दलों की जातीय जनगणना की मांग की ओर इशारा करते हुए कहा, ”कुछ लोगों के लिए जाति की बात करना फैशन बन गया है. आज जातिवाद में मलाई देखने वाले लोगों को पिछले तीस साल में ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की इस समाज की मांग याद नहीं आई.” उन्होंने कहा, ”देश में एससी, एसटी और ओबीसी को ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलें, उस दिशा में हमने मजबूती से काम किया है.” मोदी ने कहा, ”मैं आज इस सदन के माध्यम से देशवासियों के सामने अहम सवाल रखना चाहता हूं. क्या एक ही समय में संसद में एससी वर्ग के एक ही परिवार के तीन सांसद कभी हुए हैं? क्या किसी कालखंड में एक ही समय में संसद में एसटी वर्ग के एक ही परिवार के तीन सांसद हुए हैं?” उन्होंने कहा, ”कुछ लोगों की वाणी और व्यवहार में कितना फर्क होता है, मेरे सवाल के जवाब में उनके चेहरों से मिल जाएगा.” माना जा रहा है कि वह संसद में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत गांधी परिवार के तीन सदस्यों के होने का जिक्र कर रहे थे.
मोदी ने कहा, ”कुछ लोगों ने मॉडल ही ऐसा बनाया कि कुछ ही लोगों को दो, औरों को तड़पाओ और तुष्टीकरण की राजनीति करो. तुष्टीकरण से मुक्ति पानी होगी , हमने संतुष्टीकरण का रास्ता चुना है.” उन्होंने कुछ विपक्ष शासित राज्यों में आयुष्मान योजना लागू नहीं होने का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दलों ने अपनी संकुचित मानसिकता के कारण, कुनीतियों के कारण गरीबों के लिए निजी अस्पतालों के दरवाजे बंद करके रखा हुआ है. मोदी ने नेता प्रतिपक्ष पर परोक्ष हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि वह विदेश नीति पर नहीं बोलेंगे तो परिपक्व नहीं लगेंगे, भले ही देश का नुकसान हो जाए.
उन्होंने कहा, ”मैं ऐसे लोगों को कहना चाहता हूं कि वह ‘जेएफके’ज फॉरगॉटेन क्राइसिस’ नामक किताब जरूर पढ.ें तो विदेश नीति पर क्या बोलना है और कितना बोलना है उन्हें समझ आ जाएगा. इस किताब में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू और अमेरिका के तब के राष्ट्रपति जॉर्ज एफ केनेडी के बीच चर्चाओं और निर्णयों का वर्णन है. जब देश ढेर सारी चुनौतियों का सामना कर रहा था तब विदेश नीति के नाम पर क्या खेल हो रहा था, उस किताब से अब सामने आ रहा है.” मोदी ने कहा, ”2047 तक हम विकसित भारत बनाकर रहेंगे.. हम बड़े लक्ष्यों को पार करने वाले हैं और करके रहेंगे.” मोदी ने अपने करीब डेढ. घंटे तक चले भाषण के अंत में सांसदों का आ”ान करते हुए कहा, ”हम मिलकर 140 करोड़ देशवासियों के सपने को पूरा करने के लिए चलें. बाद की पीढि.यां भी कहेंगी कि 2025 की संसद का हर सदस्य विकसित भारत के लिए काम कर रहा था.”