पाश्चात्य जीवनशैली गोवा में मधुमेह के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार: विशेषज्ञ

पणजी: देशभर में गोवा में मधुमेह के मामले सर्वाधिक हैं और यहां 26.4 प्रतिशत आबादी मधुमेह से पीड़ित है। विशेषज्ञों ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि पाश्चात्य जीवनशैली के कारण गोवा में मधुमेह के मामले बढ़ रहे हैं। मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन ने इंडियन काउंसिल आॅफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर)और अन्य संस्थानों के साथ मिलकर एक अध्ययन किया जिसके अनुसार देशभर में गोवा में मधुमेह के मामले सर्वाधिक हैं। गोवा में 26.4 प्रतिशत आबादी मधुमेह से पीड़ित है।

यह अध्ययन ब्रिटेन के ‘द लैंसेट डायबटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी’ में प्रकाशित हुआ था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य ने मधुमेह के मरीजों की मदद के लिए जरूरी कदम उठए हैं लेकिन इससे बचाव केवल लोगों के हाथों में है क्योंकि चिकित्सा तभी शुरू होती है जब बीमारी का पता चलता है।

भारतीय जनता पार्टी की गोवा इकाई के चिकित्सकीय प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ शेखर सल्कर ने कहा कि इस तटीय राज्य में कई गैर संचारी रोग पाश्चात्य जीवनशैली के कारण तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ गोवा खानपान और जीवनशैली के मामले में पूरी तरह से पाश्चात्य संस्कृति में रंग गया है और यही कारण है कि स्तन कैंसर के मामलों में भी तेजी से वृद्धि हुई है। ’’ उन्होंने कहा कि मधुमेह के कारण मोटापे के मामले भी बढ़ रहे हैं।

भाजपा नेता ने कहा,‘‘ पाश्चात्य तरीके के खानपान की आदतों में कोई बुराई नहीं है,लेकिन हमारा शरीर (भारतीय) इसका आदी नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को सुझाव दिए गए हैं कि गैर संचारी रोगों पर एक अध्ययन किया जाए। इस संबध में बातचीत के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की निदेशक डॉ गीता काकोडकर उपलब्ध नहीं हो सकीं, लेकिन उनके विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गोवा में प्रत्येक सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में ‘‘ चेंंिजग डायबीटिक बैरोमीटर’’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

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