हर उस व्यक्ति से पूछताछ करेंगे जिससे बात करना आवश्यक होगा : न्यायिक आयोग ने ‘भोले बाबा’ पर कहा
सत्संग में कुछ लोगों ने जहरीले पदार्थ के डिब्बे खोले थे, जिससे भगदड़ मची: भोले बाबा के वकील
नोएडा/नयी दिल्ली. उत्तर प्रदेश सरकार का न्यायिक आयोग हर उस व्यक्ति से बात करेगा जिससे दो जुलाई को हाथरस में मची भगदड़ के मामले की जांच के लिए बात करना आवश्यक होगा. जांच आयोग के एक सदस्य ने रविवार को यह बात तब कही जब उनसे पूछा गया कि क्या स्वयंभू भोले बाबा से पूछताछ की जाएगी.
आयोग के एक अन्य सदस्य और अध्यक्ष इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने हाथरस में पत्रकारों से कहा कि न्यायिक आयोग सार्वजनिक नोटिस जारी कर स्थानीय लोगों और इस घटना के प्रत्यक्षर्दिशयों से भगदड़ के संबंध में कोई सबूत साझा करने तथा अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहेगा. श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय दल में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी हेमंत राव और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी भावेश कुमार भी शामिल हैं.
यह पूछने पर कि क्या न्यायिक आयोग स्वयंभू बाबा से भी पूछताछ करेगा, इस पर भावेश कुमार ने कहा, ”आयोग हर उस व्यक्ति से बात करेगा जिससे हाथरस भगदड़ मामले की जांच के लिए बात करना आवश्यक है.” तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने रविवार को स्थानीय लोगों के अलावा अधिकारियों और भगदड़ के प्रत्यक्षर्दिशयों से बातचीत की. इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गई थी.
यह दल शनिवार को हाथरस पहुंचा और राष्ट्रीय राजमार्ग 91 पर फुलराई गांव के पास भगदड़ स्थल का निरीक्षण किया. रविवार सुबह न्यायिक आयोग की टीम ने जिले में अलीगढ़ रोड पर स्थित पीडब्ल्यूडी अतिथि गृह पहुंचकर अपनी जांच जारी रखी.
श्रीवास्तव ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद शनिवार को पत्रकारों से कहा था, ”हमें दो महीने के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है.” हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार और पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल भी टीम के साथ थे. भगदड़ की घटना के संबंध में अब तक मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हाथरस पुलिस ने शनिवार को कहा था कि वह एक राजनीतिक दल द्वारा सत्संग का कथित वित्त पोषण किए जाने की भी जांच कर रही है और उसने इसके खिलाफ ”सख्त कार्रवाई” की चेतावनी दी.
अधिकारियों के अनुसार, मधुकर स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ के दो जुलाई को हुए ‘सत्संग’ का मुख्य आयोजक था तथा उसने इसके लिए चंदा एकत्र किया था. इस सत्संग में 2.50 लाख से अधिक लोग जुटे थे जबकि केवल 80 हजार लोगों के एकत्र होने की अनुमति दी गई थी. दो जुलाई को हुई इस घटना के संबंध में स्थानीय सिकंदराराऊ थाने में दर्ज प्राथमिकी में स्वयंभू बाबा का नाम नहीं है.
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) भी इस घटना की जांच कर रहा है. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आगरा जोन) अनुपम कुलश्रेष्ठ एसआईटी का नेतृत्व कर रहे हैं. कुलश्रेष्ठ ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा था कि उन्होंने भगदड़ में साजिश के पहलू को खारिज नहीं किया है और अब तक एकत्र किए गए साक्ष्य सत्संग आयोजकों के दोषी होने का संकेत देते हैं.
सत्संग में कुछ लोगों ने जहरीले पदार्थ के डिब्बे खोले थे, जिससे भगदड़ मची: भोले बाबा के वकील
स्वयंभू बाबा भोले बाबा के वकील ए पी सिंह ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रत्यक्षर्दिशयों ने उन्हें बताया कि दो जुलाई को हाथरस में हुए सत्संग के दौरान भीड़ में कुछ लोगों ने जहरीले पदार्थ से भरे डिब्बे खोले थे, जिससे भगदड़ मच गई. दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने भगदड़ के पीछे साजिश होने का भी आरोप लगाया और कहा कि यह भोले बाबा की “बढ़ती लोकप्रियता” के चलते रची गई. उत्तर प्रदेश के हाथरस में स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ के ‘सत्संग’ के बाद मची भगदड़ में 121 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं.
सिंह ने दावा किया, “प्रत्यक्षर्दिशयों ने मुझसे संपर्क किया और बताया कि वहां 15-16 लोग जहरीले पदार्थ के डिब्बे लेकर आए थे, जिन्हें उन्होंने भीड़ में खोल दिया. मैंने मारे गए लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देखी है और उससे पता चला है कि उनकी मौत दम घुटने से हुई, चोटों के कारण नहीं.” भगदड़ के पीछे साजिश का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “घटनास्थल पर लोगों को भागने में मदद करने के लिए वाहन खड़े थे. हमारे पास सबूत हैं और हम उन्हें पेश करेंगे. यह पहली बार है जब मैं इसके बारे में बोल रहा हूं.” सिंह ने दावा किया कि उनसे संपर्क करने वाले गवाहों ने नाम न बताने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, “हम उनके लिए सुरक्षा की मांग करेंगे.” भगदड़ के सिलसिले में अब तक मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.