श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े रहेंगे, लोकतांत्रिक माध्यम से जल्द समाधान की उम्मीद : विदेश मंत्रालय

नयी दिल्ली/माले. श्रीलंका में राजनीतिक एवं आर्थिक संकट गहराने के बीच भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा रहेगा तथा उसे लोकतांत्रिक तरीकों एवं संवैधानिक ढांचे के जरिये सरकार एवं नेतृत्व से जुड़े मुद्दों सहित वर्तमान स्थिति के जल्द समाधान की उम्मीद है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अंिरदम बागची ने संवाददाताओं से कहा कि भारत श्रीलंका में उभरती स्थिति पर नजर रखे हुए हैं तथा उस देश में सभी प्रासंगिक हितधारकों के सम्पर्क में है.

विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी ऐसे समय में सामने आई है जब सऊदी एयरलाइंस का एक विमान बृहस्पतिवार को मालदीव से सिंगापुर पहुंचा. अटकलें हैं कि इसमें श्रीलंका के संकटग्रस्त राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे सवार थे. राजपक्षे (73) ने बुधवार को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने का वादा किया था. लेकिन व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच वे देश छोड़कर मालदीव भाग गए थे .

बागची ने कहा, ‘‘ हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े रहेंगे, ताकि वे लोकतांत्रिक माध्यमों एवं मूल्यों तथा स्थापित संस्थाओं और संवैधानिक ढांचे के तहत समृद्धि, प्रगति की अपनी आकांक्षाएं पूरी कर सकें.’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से श्रीलंका की वर्तमान स्थिति के बारे में सवाल पूछे गए थे .

बागची ने कहा, ’’ हम उस देश में उभरती स्थिति पर नजर रखे हुए हैं . श्रीलंका के साथ हमारे संबंध समग्र एवं ऐतिहासिक हैं और हम श्रीलंका में सभी हितधारकों से सम्पर्क जारी रखेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमें लोकतांत्रिक तरीकों एवं संवैधानिक ढांचे के तहत सरकार एवं नेतृत्व से जुड़े मुद्दों सहित वर्तमान स्थिति के जल्द समाधान की उम्मीद है.’’ बागची ने कह कि श्रीलंका को रास्ता तलाशने की जरूरत है, उन्हें समाधान तलाशने की ओर आगे बढ़ना होगा, हम श्रीलंका के लोगों के समर्थन के लिये हैं और हमने आर्थिक सहायता के जरिये इसका प्रदर्शन भी किया है. उन्होंने कहा कि श्रीलंका हमारी ‘पड़ोस पहले’ की नीति में केंद्र में है और भारत ने उसे आर्थिक संकट से निपटने के लिए इस वर्ष 3.8 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की सहायता दी है.

भारत ने मालदीव के रास्ते राजपक्षे के पारगमन में भूमिका संबंधी खबरों का खंडन किया

भारतीय उच्चायोग ने बृहस्पतिवार को यहां उन खबरों को “निराधार” बताया जिनमें दावा किया गया था कि श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के मालदीव के रास्ते अन्य देश जाने की प्रक्रिया में भारत सरकार शामिल थी. राजपक्षे (73) अपने देश में हो रहे जन आंदोलन के बीच बुधवार को मालदीव आ गए थे और आज वह यहां से सिंगापुर रवाना हो गए. राजपक्षे सऊदी एयरलाइन की एक उड़ान से सिंगापुर रवाना हुए.

सिंगापुर सरकार ने बाद में पुष्टि की कि उसने राष्ट्रपति राजपक्षे को “निजी यात्रा” की खातिर देश में प्रवेश करने की अनुमति दी है.
भारतीय उच्चायोग ने यहां एक ट्वीट में उन निराधार खबरों का स्पष्ट रूप से खंडन किया जिनमें कहा गया था कि राजपक्षे के मालदीव के रास्ते पारगमन में भारत सरकार शामिल थी.

Back to top button

[poll id="2"]

This will close in 60 seconds