हिमाचल लैंडस्लाइड मामले में अब तक 77 लोगों की मौत, आज भी 144 सड़कें बंद…

हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश में हालात बेहद खराब हो गए हैं. बादल फटने और भारी बारिश के बाद अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने हजारों जिंदगियां तबाह कर दी हैं। इस आपदा में कम से कम 77 लोगों की जान चली गई है.

भूस्खलन और बाढ़ के कारण राज्य में 114 सड़कें बंद हो गई हैं। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है कि 7 अगस्त तक राज्य में भारी बारिश जारी रहेगी. पूरे हिमाचल में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.

114 सड़कें बंद, सैकड़ों करोड़ का नुकसान

हिमाचल में 114 सड़कें बंद हो गई हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने कहा कि खतरे और प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण मंडी में 36 सड़कें बंद कर दी गई हैं. कुल्लू में 34 सड़कें, शिमला में 27 सड़कें, लाहौल-स्पीति में 8 सड़कें, कांगड़ा में 7 सड़कें और किन्नौर जिले में दो सड़कें बंद हैं. हिमाचल राज्य सड़क परिवहन निगम ने बताया कि 82 रूटों पर बस सेवा निलंबित कर दी गई है.

लगातार बारिश हो रही है

हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है. शुक्रवार शाम को जोगिंदरनगर में सबसे ज्यादा 85 मिमी बारिश हुई. जबकि गोहर में 80 मिमी, शिलारू में 76.4 मिमी, पोंटा साहिब में 67.2 मिमी, पालमपुर में 57.2 मिमी, धर्मशाला में 56.2 मिमी और चौपाल में 52 मिमी बारिश हुई।

655 करोड़ का नुकसान

27 जुलाई से 1 अगस्त के बीच राज्य में 77 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. अधिकारियों के मुताबिक इस दौरान 655 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है.

बचाव दल 45 लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं

कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा में बादल फटने से कई इलाकों में बाढ़ आ गई. बादल फटने से कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई. बादल फटने के बाद 45 लोग लापता. शनिवार सुबह उनकी तलाश फिर शुरू हुई। भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, हिमाचल पुलिस और होम गार्ड की टीमों के 410 बचावकर्मी ड्रोन की मदद से तलाशी अभियान में लगे हुए हैं।

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