पार्टी लाइन का उल्लंघन कर शिंदे सरकार में शामिल होने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी : शरद पवार
खरगे, राहुल ने राकांपा प्रमुख शरद पवार से बात की, समर्थन जताया
पुणे/नयी दिल्ली. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा कि पार्टी लाइन का उल्लंघन कर महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे नीत सरकार में शामिल होने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा-शिवसेना सरकार के साथ जाने का फैसला पार्टी का नहीं था. अपने भतीजे के बगावत करने के बाद 82 वर्षीय नेता ने कहा कि रविवार का घटनाक्रम अन्य लोगों के लिये नया हो सकता है, उनके लिये नहीं.
अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री बनने के लिये अपने चाचा शरद पवार द्वारा 24 साल पहले स्थापित पार्टी में विभाजन का नेतृत्व किया. अजित पवार के साथ राकांपा के आठ अन्य विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली. शरद पवार ने यहां प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इस घटनाक्रम के बाद उनका प्रयास राज्य और देश के भीतर जितना संभव हो सके यात्रा करना और लोगों के साथ संबंध बनाना होगा.
उन्होंने कहा कि पार्टी को नये सिरे से खड़ा करने के लिए वह सोमवार से जनता के बीच जाएंगे. शरद पवार ने कहा कि राज्य इकाई के अध्यक्ष और राष्ट्रीय समिति सहित पार्टी के शीर्ष पदाधिकारी विचार-विमर्श कर पार्टी लाइन का उल्लंघन करने वाले सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.
उन्होंने कहा, ”जिन लोगों ने पार्टी लाइन का उल्लंघन किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई के बारे में पार्टी निर्णय लेगी. उसके लिए एक प्रक्रिया है और उस प्रक्रिया के तहत कार्रवाई शुरू की जाएगी.” पूर्व केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि पार्टी कानूनी तौर पर लड़ाई नहीं लड़ेगी और वह इसके बजाय लोगों के पास जाएंगे और उनका समर्थन मांगेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा घटनाक्रम ने उनके ”घर को विभाजित” कर दिया है, उन्होंने ”नहीं” में जवाब दिया.
शरद पवार ने कहा, ”यह एक घर का सवाल नहीं है. राजनीति में ऐसी चीजें होती रहती हैं और इससे राजनीतिक तौर पर निपटना होगा.” महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के भविष्य से जुड़े सवाल पर पवार ने कहा कि तीनों गठबंधन सहयोगियों ने भविष्य में मिलकर काम करना जारी रखने का फैसला किया है.
गौरतलब है कि महा विकास आघाड़ी में शिवसेना (यूबीटी), राकांपा और कांग्रेस शामिल है.
पवार ने कहा कि वह राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों की आगामी बैठक में भाग लेंगे. उन्होंने कहा कि वह जनता का समर्थन मांगने के लिए सोमवार से राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा शुरू करेंगे.
राकांपा प्रमुख ने कहा, ”कल मैं कराड जाऊंगा और यशवंत राव चव्हाण के स्मारक पर दर्शन करूंगा.” पवार ने कहा कि अगर कोई राकांपा पर स्वामित्व का दावा करता है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा, ”हम लोगों के पास जाएंगे और उनका समर्थन मांगेंगे. मुझे विश्वास है कि वे हमारा समर्थन करेंगे.” पवार ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राकांपा पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पार्टी भ्रष्टाचार में लिप्त है.
उन्होंने कहा, ”मुझे आज खुशी है कि उन्होंने राकांपा के कुछ सहयोगियों को कैबिनेट में जगह दी. इससे पता चलता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आरोप तथ्यात्मक नहीं थे. उन्होंने पार्टी और उन सभी को आरोपमुक्त कर दिया है, जिनके खिलाफ उन्होंने आरोप लगाए थे और मैं इसके लिए प्रधानमंत्री का आभारी हूं.” अजित पवार, छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल और हसन मुशरिफ का नाम लेते हुए शरद पवार ने कहा कि पार्टी के कुछ नेता प्रवर्तन निदेशालय की जांच से घबराए हुए थे. उन्होंने कहा, ”आज का प्रकरण (उनकी पार्टी के विधायकों का शिंदे सरकार में शामिल होना) दूसरों के लिए नया हो सकता है, लेकिन मेरे लिए नहीं.” शरद पवार ने कहा कि उन्हें इस बात की चिंता नहीं है कि लोग चले गए हैं, बल्कि उन्हें उनके भविष्य की चिंता है.
प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे ने गलत रास्ता अपनाया: शरद पवार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा कि वह अपनी पार्टी में बड़े राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए किसी से नाराज नहीं हैं, लेकिन उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के दिशानिर्देशों को ”नहीं मानने” और ”गलत रास्ता” अपनाने के लिए वरिष्ठ नेताओं प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे की आलोचना की.
राकांपा प्रमुख ने कहा, ”मैं प्रफुल्ल पटेल और तटकरे को छोड़कर किसी से नाराज नहीं हूं. मैंने उन्हें महासचिव नियुक्त किया था, लेकिन उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के दिशानिर्देशों को नहीं माना और गलत रास्ता अपना लिया. उन्हें उस पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.” उन्होंने कहा, ”उन्हें यह समझना होगा और तय करना होगा कि वे आगे इसे जारी रखना चाहते हैं या नहीं.” उन्होंने कहा, ”जो भी निर्णय लिया गया है, वह अजित पवार के नेतृत्व में पार्टी के निर्णय के रूप में लिया गया है. सभी ने सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया है. हमने यह निर्णय राकांपा के रूप में लिया है.”
खरगे, राहुल ने राकांपा प्रमुख शरद पवार से बात की, समर्थन जताया
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार और आठ अन्य नेताओं के बगावत कर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के नेता राहुल गांधी ने शरद पवार से रविवार को बात की और उन्हें समर्थन का भरोसा जताया.
कांग्रेस ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ”धुलाई मशीन” ने अपना अभियान शुरू कर दिया है और क्योंकि इनमें से कई नेता भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं और अब उन्हें ”क्लीनचिट” मिल गई है. आश्चर्यजनक कदम के तहत अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि उनकी राकांपा के आठ विधायकों ने दिन में शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री के रूप में शपथ ली.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने ट्विटर पर कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और राहुल गांधी ने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से बात की और उन्हें अपना समर्थन जताया. वेणुगोपाल ने आरोप लगाया, ”भाजपा का ‘गंदी चाल चलने वाला विभाग’ जोर-शोर से काम कर रहा है. यह वैध रूप से चुनी गई सरकार नहीं है, बल्कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)-शक्ति प्राप्त सत्ता हथियाने वाली सरकार है. महाराष्ट्र सरकार भ्रष्टाचार और पाप की उपज है.”
उन्होंने कहा, ”जनता महाराष्ट्र के गद्दार, भ्रष्ट और समझौतावादी नेताओं को अच्छी तरह से पहचानती है और अगले चुनाव में उनमें से प्रत्येक को सबक सिखाया जाएगा.” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 29 जून को भ्रष्टाचार के बारे में बात की थी और ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने ”धुलाई मशीन” को चालू कर दिया है और अब शपथ ग्रहण समारोह के बाद इन नेताओं के सारे दाग धुल गए हैं.”
इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ”स्पष्ट है भाजपा की ‘धुलाई मशीन’ ने काम करना शुरू कर दिया है. महाराष्ट्र में आज भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में नए लोग शामिल हुए जिन पर ईडी, सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) और आयकर अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. अब उन्हें क्लीनचिट मिल गई .” रमेश ने कहा कि कांग्रेस महाराष्ट्र को भाजपा के चंगुल से मुक्त कराने का अपना प्रयास तेज करेगी. कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और राकांपा के नेतृत्व वाले महा विकास आघाड़ी गठबंधन का हिस्सा थी.