
श्रीनगर: श्री अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था बालटाल बेस कैंप पहुंच चुका है। हर साल आयोजित होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा का पहला चरण कल से औपचारिक रूप से शुरू होगा, लेकिन उससे पहले ही बालटाल में भक्तों का जमावड़ा देखने को मिला। दूर-दराज से आए श्रद्धालु भगवान शिव के पवित्र हिमलिंग के दर्शन की अभिलाषा लिए बेस कैंप में डेरा जमा चुके हैं।
श्रद्धालुओं ने जैसे ही बालटाल बेस कैंप में कदम रखा, पूरे वातावरण में बम बम भोले और जय बाबा बर्फानी के जयघोष गूंज उठे। शिवभक्ति से सराबोर इन भक्तों की आंखों में तीर्थ के प्रति आस्था और चेहरे पर आत्मिक शांति की झलक साफ झलक रही थी।
बाबा बर्फानी के भक्तों का यह जत्था अपने साथ एक अनोखी ऊर्जा और उत्साह लेकर चला है। ऐसा उत्साह जो उन्हें इस पवित्र यात्रा को हर बाधा और चुनौती का सामना करते हुए पूरी करने का हौसला देता है।
वे अपने आराध्य की भक्ति में इतने डूबे हुए हैं कि उन्हें पर्वतमालाओं की ऊंचाई, ठंड और थकान का आभास तक नहीं है, न ही उसकी चिंता। 75 साल के फाल्गुनगी नेपाल के जगतपुर धाम से जम्मू पहुंच चुके हैं। राम मंदिर में ठहरे हैं, कहते हैं कि हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों और हरे-भरे घास के मैदानों के बीच स्थित इस गुफा के दर्शन की कल्पनामात्र से वे रोमांचित हैं।
इस पवित्र यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान दिखाई देती है, जो उनके मन की गहराई से निकलती है। वे इतने उत्साहित हैं कि उन्हें किसी भी चुनौती का सामना करने में कोई भय और संशय नहीं है। अमरनाथ यात्रा के प्रवेश द्वार से लेकर पवित्र गुफा तक, समूची कश्मीर घाटी बाबा अमरेश्वर की भक्ति के इंद्रधनुषी रंग में रंग गई है।
आस्था की डोर थामे, मन में उमंग लिए, ये भक्त अपने आराध्य की भक्ति में डूबे हुए हैं। इन्हें कोई बाधा अपने पथ से नहीं डिगा सकती। चट्टान सा हौसला है इनका और मन में श्रद्धा व अपने आराध्य पर अटूट विश्वास की गहराई।