बीड सरपंच हत्या: नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की; धनंजय मुंडे को कैबिनेट से हटाने की मांग

मुंबई. विभिन्न दलों के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन से मुलाकात की और बीड के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए मंत्री धनंजय मुंडे को राज्य मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की.

प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक सुरेश धस शामिल थे. इन नेताओं ने राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा और उनसे इस मुद्दे पर निर्णायक कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया, जिससे कानून के शासन को बनाए रखने और न्याय व्यवस्था में जनता का विश्वास पुन: प्राप्त करने में मदद मिलेगी. बीड जिले के मसाजोग के सरपंच देशमुख को नौ दिसंबर को कथित तौर पर कुछ लोगों द्वारा पनचक्की परियोजना का संचालन कर रही एक कंपनी से जबरन वसूली के प्रयास का विरोध करने को लेकर अपहृत कर लिया गया था और बाद में प्रताड़ित करने के पश्चात उनकी हत्या कर दी गई थी.

पुलिस ने अब तक हत्या के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें मुंडे का सहयोगी वाल्मिक कराड भी शामिल है. कराड की संलिप्तता को लेकर लोगों में काफी आक्रोश उत्पन्न हुआ, विशेष रूप से 31 दिसंबर 2024 को एक सोशल मीडिया वीडियो के जरिए सार्वजनिक तौर पर आत्मसमर्पण किये जाने के बाद. उस दौरान पुणे स्थित सीआईडी मुख्यालय में भारी भीड़ जुट गई, जिससे अव्यवस्था और पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की आशंका उत्पन्न हुई. नेताओं ने मुंडे के इस्तीफे, कराड के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किये जाने, लापरवाह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और बीड में जबरन वसूली और गुंडागर्दी पर अंकुश लगाने की मांग की.

वडेट्टीवार ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने मांग की है कि हत्या के मामले में आरोपपत्र दाखिल होने तक मुंडे अपने पद से इस्तीफा दें. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने बिना किसी दबाव के मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की. कांग्रेस नेता ने दावा किया कि कराड अपराध का मास्टरमाइंड है और उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सीआईडी के विशेष जांच दल (एसआईटी) के, कराड से नजदीकी रखने वाले अधिकारियों को हटाया जाना चाहिए.
ज्ञापन में कहा गया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान जबरन वसूली की गतिविधियां बढ़ गई थीं और इनकी परिणति देशमुख की हत्या में हुई.

नेताओं ने ज्ञापन में दावा किया 28 मई, 2024 को अवाडा पावर प्राइवेट लिमिटेड के एक अधिकारी का अपहरण कर लिया गया था, जिसे अहिल्यानगर पुलिस द्वारा समय पर की गई कार्रवाई के बाद छुड़ाया गया. लेकिन सक्रियता नहीं दिखाने के लिए बीड पुलिस की आलोचना की गई. उन्होंने आरोप लगाया कि कराड ने अवाडा अधिकारियों को बार-बार धमकियां दीं, दो करोड़ रुपये की मांग की और छह दिसंबर, 2024 को उनके सहयोगियों ने कथित तौर पर कंपनी के मसाजोग स्टोरयार्ड में सुरक्षा र्किमयों पर हमला किया.

ज्ञापन में कहा गया है कि देशमुख का कथित तौर पर नौ दिसंबर को अपहरण कर लिया गया, उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई और दूसरों को डराने के लिए अपराध का एक वीडियो प्रसारित किया गया. इसमें कहा गया है कि शव एक पड़ोसी गांव में मिला. नेताओं ने कहा कि मसाजोग के निवासियों ने अगले दिन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन जनता के बढ़ते दबाव के बाद ही मामला दर्ज किया गया.

ज्ञापन में कहा गया है कि 31 दिसंबर 2024 को कराड ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो के माध्यम से अपने आत्मसमर्पण की घोषणा की और आत्मसमर्पण के दौरान पुणे में सीआईडी मुख्यालय में भीड़ जमा हो गई, जिससे अव्यवस्था उत्पन्न हुई. नेताओं ने दावा किया कि कराड के साथ कथित तरजीही व्यवहार और जांच पर शक्तिशाली व्यक्तियों के प्रभाव के बारे में सवाल उठाए गए हैं. ज्ञापन पर पूर्व सांसद संभाजीराजे छत्रपति, बीड से राकांपा (शरद चंद्र पवार) सांसद बजरंग सोनवणे, कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार, विधायक जितेंद्र आव्हाड सहित अन्य ने हस्ताक्षर किए हैं.

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