बाइडन ने ईरान सर्मिथत मिलिशिया समूहों पर हमले का आदेश दिया

वाशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने उत्तरी इराक में ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों के घायल होने के बाद ईरान सर्मिथत मिलिशिया समूहों के खिलाफ जवाबी हमले का आदेश दिया है. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि सोमवार को हुए हमले में एक अमेरिकी सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गया.

ईरान सर्मिथत मिलिशिया ‘कतैब हिजबुल्ला’ और इससे संबद्ध समूहों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली. इराकी अधिकारियों ने कहा कि मंगलवार तड़के मिलिशिया के ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए अमेरिकी हमलों में एक आतंकवादी की मौत हो गई और 18 घायल हो गए.

ईरान ने सोमवार को घोषणा की कि सीरिया की राजधानी दमिश्क के बाहरी इलाके में एक इजराइली हमले में उसके शीर्ष जनरलों में से एक रजी मौसवी की मौत हो गई जो ईरान के ‘कुद्स फोर्स’ के पूर्व प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी के करीबी साथी थे. जनवरी 2020 में इराक में अमेरिकी ड्रोन हमले में सुलेमानी की मौत हो गई थी.

ईरानी अधिकारियों ने मौसवी की हत्या का बदला लेने का संकल्प लिया है, लेकिन तुरंत जवाबी हमला नहीं किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति को सोमवार को हमले की सूचना दी गई, जिसके बाद उन्होंने अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन को जवाबी कार्रवाई का विकल्प अपनाने का आदेश दिया. रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और राष्ट्रीय सुरक्षा दल ने तुरंत योजना बनाई. इसके बाद बाइडन ने ‘कतैब हिजबुल्ला’ और इससे संबद्ध समूहों द्वारा उपयोग किए जाने वाले तीन ठिकानों पर हमले का निर्देश दिया.

अमेरिका ने अपने सैनिकों पर हमले के 13 घंटे के भीतर मंगलवार सुबह करीब पौने पांच बजे इराक स्थित ईरानी मिलिशिया समूहों के ठिकानों पर हमले किए. वॉटसन ने कहा, “राष्ट्रपति बाइडन के लिए अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा से बढ़कर कोई प्राथमिकता नहीं हैं.” उन्होंने कहा, ”यदि ये हमले जारी रहते हैं तो अमेरिका अपने तरीके से कार्रवाई करेगा.” अमेरिकी सैनिकों पर हाल में हुआ हमला, सात अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले के बाद से क्षेत्र में अमेरिकी बलों के खिलाफ बढ़ती धमकियों के बाद हुआ है.
अमेरिका ने इस सबके लिए ईरान को दोषी ठहराया है.

अमेरिका के हजारों सैनिक अब भी इराक में मौजूद हैं, जो इराकी बलों को प्रशिक्षण दे रहे हैं और आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से लड़ रहे हैं. अमेरिका के सैकड़ों सैनिक सीरिया में भी इस्लामिक स्टेट समूह से लड़ रहे हैं. इन झड़पों ने इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी की सरकार को नाजुक स्थिति में डाल दिया है. वह 2022 में ईरान सर्मिथत दलों के गठबंधन के समर्थन से सत्ता में आए, जिनमें से कुछ अमेरिकी ठिकानों पर हमले शुरू करने वाले मिलिशिया से जुड़े हैं. सुदानी ने मंगलवार को एक बयान जारी करके इरबिल में मिलिशिया की ओर से किये गये हमले और अमेरिकी प्रतिक्रिया, दोनों की निंदा की.

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