आम बजट को लेकर विभिन्न पक्षों के साथ मंथन पूरा, आयकर घटाने, रोजगार बढ़ाने के उपाय करने के सुझाव
नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले वित्त वर्ष के बजट की तैयारियों को लेकर विभिन्न पक्षों के साथ बैठकें पूरी कर ली हैं. इसमें व्यक्तिगत आयकर में कटौती, रोजगार सृजन के लिये कार्यक्रम तैयार करने, अर्थव्यवस्था को गति देने को लेकर खर्च बढ़ाने तथा कुछ उद्योगों को प्रोत्साहन देने जैसे सुझाव दिये गये हैं.
सीतारमण बजट पर मंथन को लेकर अबतक आठ दौर की चर्चा में शामिल हुई हैं. इसकी शुरुआत 21 नवंबर से उद्योग जगत के साथ बैठक से हुई. वहीं सोमवार को अर्थशास्त्रियों के साथ विचार-विमर्श के साथ इसका समापन हुआ. वित्त वर्ष 2023-24 का बजट संसद में एक फरवरी को पेश किया जाएगा.
वित्त मंत्रालय के अनुसार, विभिन्न पक्षों के प्रतिनिधियों ने आगामी बजट को लेकर कई सुझाव दिये. इसमें रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिये शहरी रोजगार गारंटी कार्यक्रम लाने, एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) की सहायता के लिये हरित प्रमाणन की व्यवस्था और आयकर को युक्तिसंगत बनाने के सुझाव शामिल हैं.
इसके अलावा घरेलू स्तर पर आपूर्ति व्यवस्था में सुधार लाने की योजना, इलेक्ट्रिक वाहनों पर कर की दर कम करने, इलेक्ट्रिक वाहन नीति, हरित हाइड्रोजन के लिये भारत को एक केंद्र के रूप में बढ़ावा देने के उपाय, बच्चों के लिये सामाजिक लाभ से जुड़ी योजना, ईएसआईसी (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) के दायरे में असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को लाने जैसे सुझाव भी दिये गये.
साथ ही विभिन्न पक्षों ने सार्वजनिक व्यय जारी रखने, राजकोषीय मजबूती और सीमा शुल्क में कमी जैसे सुझाव भी दिये. मंत्रालय ने कहा, ‘‘आठ बैठकों में सात विभिन्न पक्षों के 110 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए.’’ सीतारमण ने कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 का बजट बनाते समय सुझावों पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाएगा.