कनाडा से भारत में राजनयिकों की संख्या कम करने को कहा गया

नयी दिल्ली. कनाडा की धरती पर एक खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या को लेकर भारत पर आरोप लगाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में आए तनाव की पृष्ठभूमि में नयी दिल्ली ने बृहस्पतिवार को ओटावा से देश (भारत) में अपने राजनयिकों की संख्या कम करने को कहा.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत में कनाडाई राजनयिक कर्मचारियों की संख्या कनाडा में मौजूदा भारतीय राजनयिक कर्मचारियों की तुलना में ज्यादा है और पारस्परिक उपस्थिति के संदर्भ में संख्याबल और रैंकों में समानता होनी चाहिए.
मीडिया से बातचीत में बागची ने कहा, ”हमने कनाडा सरकार को सूचित किया है कि हमारी पारस्परिक राजनयिक उपस्थिति में संख्याबल और रैंक समतुल्यता में समानता होनी चाहिए. यहां उनकी संख्या कनाडा में हमारी (भारतीय राजनयिकों की) तुलना में बहुत अधिक है. इसके विवरण पर काम किया जा रहा है.”
उन्होंने कहा, ”मेरा अनुमान है कि कनाडा द्वारा संख्याबल में कमी की जाएगी.” कनाडा से अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने के लिए कहने के भारत के फैसले को उसके द्वारा खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता के संबंध में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों से उत्पन्न राजनयिक विवाद पर कड़ा रूख अख्तियार करने के रूप में देखा जा रहा है.
भारत ने मंगलवार को कनाडा के आरोपों को ‘बेतुका’ और (निजी हितों से) ‘प्रेरित’ बताकर उन्हें सिरे से खारिज कर दिया था और इस मामले में कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के जवाब में उसने भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को देश से निष्कासित कर दिया. खालिस्तानी अलगाववादी निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में दो नकाबपोश बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. भारत ने निज्जर को 2020 में आतंकवादी घोषित किया था.
बागची ने कहा, ”कनाडा में सुरक्षित आश्रय दिया जा रहा है. हम चाहते हैं कि कनाडा की सरकार ऐसा ना करे. वह या तो आतंकवाद के आरोपों का सामना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे या फिर उन्हें अदालत के कठघरे में खड़ा करने के लिए भारत भेजे.” उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में कम से कम 20 से 25 व्यक्तियों से संबंधित प्रत्यर्पण अनुरोध या अन्य सहायता के लिए कनाडा से अनुरोध किया है, लेकिन उसकी ओर से कोई उपयुक्त प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
कनाडा में भारतीय मिशनों के साथ-साथ भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा से संबंधित चिंताओं पर बागची ने कहा कि सुरक्षा प्रदान करना मेजबान सरकार की जिम्मेदारी है. वहीं, कनाडा ने कहा कि वह भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या की समीक्षा कर रहा है और वहां देश में अपने राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है. उसने दावा किया कि उसके कुछ कर्मचारियों को विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर धमकियां मिली हैं.
कनाडाई उच्चायोग ने कहा कि कनाडा को उम्मीद है कि भारत अपने सीमा क्षेत्र में उसके राजनयिकों और वाणिज्य दूतावास अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान करेगा और उसने एहतियात के तौर पर देश में कर्मचारियों की संख्या के ‘अस्थाई’ समायोजन का फैसला लिया है.
उच्चायोग ने कहा, ”मौजूदा माहौल में जहां तनाव बढ़ गया है, हम अपने राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहे हैं. कुछ राजनयिकों को विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर धमकियां मिलने के बीच ग्लोबल अफेयर्स कनाडा भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या की समीक्षा कर रहा है.” ग्लोबल अफेयर्स कनाडा कनाडा के राजनयिक और कांसुलर संबंधों को संभालता है.
उच्चायोग ने कहा, ”(इसके) परिणामस्वरूप और एहतियात बरतते हुए हमने भारत में कर्मचारियों की संख्या के अस्थायी समायोजन का फैसला लिया है. कामकाज की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए हमारे सभी मिशन में राजनयिकों और स्थानीय कर्मचारियों की नियुक्ति की जाती है.” मीडिया के सवालों के जवाब में, उच्चायोग ने कहा कि ग्लोबल अफेयर्स कनाडा स्थानीय कर्मचारियों सहित अपने सभी र्किमयों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए और भारत में अपना कामकाज जारी रखने के लिए सभी उपयुक्त उपाय करेगा.
उच्चायोग ने कहा, ”किसी कर्मचारी की पेशेवर प्रोफ.ाइल या व्यक्तिगत परिस्थितियों सहित कई कारकों के आधार पर निर्णय लिए जाते हैं.” उच्चायोग ने कहा, ”वियना सम्मेलन के तहत दायित्वों के सम्मान के संदर्भ में, हम उम्मीद करते हैं कि भारत अपने यहां हमारे मान्यता प्राप्त राजनयिकों और वाणिज्य दूतावास अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान करेगा, जैसा कि हम उनके लिए कर रहे हैं.”